कहता है ? तुम पुलिस ,डॉक्टर या फौज वाले हो !
हम तो कहते हैं , तुम भारत के रखवाले हो !
घुमते हो जेब में जान लेकर , और जान में जहान .
कोरोना संकट काल में , करते काम ईश्वर वाले हो !
हम तो कहते हैं , तुम भारत के रखवाले हो !
थकी हारी बरसों से , सो गई सड़के सारी .
बाजारों को भी सुला दिया , क्या तुम खाखी वाले हो !
हम तो कहते हैं , तुम भारत के रखवाले हो !
घुसे घौसलों में इंसान , हिम्मत फिर भी बेहिसाब .
क्योंकि उन्हें भी मालूम है , तुम डर को डराने वाले हो !
हम तो कहते हैं , तुम भारत के रखवाले हो !
जा सकती है जान तुम्हारी , फिर भी फिक्र है जहां की .
निकल पड़े सब छोड़-छाड़ के , तुम भी परिवार वाले हो !
हम तो कहते हैं , तुम भारत के रखवाले हो !
शंख , चक्र , गदा , पद्म धरे करमें , जिनको हमने पूजा था .
लाठी , डंडा , कोट सफेद में , क्या वही ऊपर वाले हो !
हम तो कहते हैं , तुम भारत के रखवाले हो !
मरीजों को प्रणाम दुर से , हमें प्यारी जान हमारी .
तुम तो फिर भी महान हो , उन मरीजों को बचाने वाले हो !
हम तो कहते हैं , तुम भारत के रखवाले हो !
नमन तुम्हे ओ देश दीवानों , भुखी प्यासी राह में .
होंसले कइ बार टूटे , पर खुद संलभने वाले हो !
हम तो कहते हैं , तुम भारत के रखवाले हो !
krishna Solanki