ईश्वरत्व का अहंकार - 5 - अंतिम भाग Mahesh Dewedy द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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ईश्वरत्व का अहंकार - 5 - अंतिम भाग

ईश्वरत्व का अहंकार

भाग-5

अलेक को अपने नवीन दायित्व के लिये पर्याप्त अनुभव नहीं था यद्यपि वह साम, दाम, दण्ड और भेद सभी कलाओं में निपुण था। उसे किसी विश्वसनीय सहायक की आवश्यकता थी और सोफ़िया ने अपने अनुभव एवं निपुणता से इस कमी की पूर्ति कर दी। अलेक शीघ्र ही न केवल अपनी व्यापक शक्तियों एवं सीमाओं को समझने लगा वरन् उन शक्तियों का उपयोग क्वाट्रोची कम्पनी पर अपना वर्चस्व स्थापित करने हेतु करने लगा। सर्वप्रथम उसने बडी़ चतुराई से कम्पनी के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर स्थापित कर्मियों के अवगुणों के विषय में क्वाटो्रची के कान भरने शुरू किये। यदाकदा वह उनकी स्वामिभक्ति के प्रति संशय पैदा करने वाली बात भी कह देता। इस तरह वह क्वाटो्रची का विश्वास जीत कर उससे निकटता प्राप्त करता गया। शनैः-शनैः वह हर एक की निगाह में क्वाट्रोची के उपरान्त सर्वशक्तिमान व्यक्ति के रूप मं उभरने लगा। इसी बीच कम्पनी के एक वैज्ञानिक ने वे जीन्स तैयार कर लिये जो अलेक द्वारा क्वाट्रोची को दिये गये संशोधित फार्मूले के आधार पर बने थे और जिन्हें उसे मानवीय शरीर को जीन-रिजुविनेशन द्वारा युवा रखने हेतु उपयुक्त बताया गया था। इन जीन्स को स्वयं के उपयोग हेतु सीमित रखने के उद्देश्य से क्वाट्रोची ने उस वैज्ञानिक को अपने महल में नज़रबन्द करवा दिया और उसके द्वारा अपने ऊपर उन जीन्स का प्रत्यारोपण कराने लगा। प्रत्यारोपण के उपरांत कुछ माह तक क्वाट्रोची को लगा कि वह सचमुच जवान हो रहा है परन्तु उसके बाद उसके शरीर में स्थान-स्थान पर गांठें पड़ने लगी। परीक्षण करने पर ये गांठे कैसंरस पाई गईं और फिर दो माह के बीतते बीतते क्वाट्रोची का देहान्त हो गया ।

क्वाट्रोची के पश्चात अलेक ही उसका उत्तराधिकारी होगा, यह बात एक तरह से पहले से ही सबने मन ही मन स्वीकार कर ली थी और उसके दफ़नाये जाने के तुरन्त बाद ही अलेक उसके स्थान पर आसीन हो गया। यदि किसी के मन में इसमें कोई आपत्ति भी रही, तो वह मुखरित नही हुई। अलेक को बचपन में केवल स्वार्थ हेतु जीने के संस्कार मिले थे और क्वाट्रोची कम्पनी में वे उसकी प्रवृत्ति एवं उसके विश्वास में बदल गये थे। उसे किसी प्रकार का कोई अमानवीय कार्य करने से कोई हिचक नहीं थी। उसने क्वाट्रोची साम्राज्य की बागडोर सम्हालते ही सर्वप्रथम दो कार्य किये- एक तो स्वयं के पर्यवेक्षण में हैमिल्टन द्वारा दिये गये वास्तविक फार्मूलेां के आधार पर स्वयं के रिजुविनेशन हेतु एवं स्वयं के क्लोन बनाने हेतु जीन्स तैयार कराना और द्वितीय उन सभी व्यक्तियों को गायब कराना जो क्वाट्रोची के समय उसके अति निकट व महत्वपूर्ण रहे थे और जिनके विषय में उसे शंका थी कि वे कभी अलेक के पद अथवा जीवन के लिये खतरा बन सकते हैं।

जीन रिजुविनेशन की प्रक्रिया की सफलता से अलेक ने अपनी आयु के बढ़ने पर किसी प्रकार के शारीरिक ह्रास होने की प्राकृतिक प्रक्रिया पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया था और वह अपनी शारीरिक एवं मानसिक क्षमताओं का असीमित विकास करता जा रहा था। इससे उसका न केवल क्वाट्रोची संगठन पर शिकंजा अभेद्य होता जा रहा था वरन् विभिन्न राष्ट्रों की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक नीतियां भी परोक्ष रूप से उसके द्वारा नियंत्रित होने लगीं थीं। अलेक की शारीरिक शक्ति का असीमित विकास होने के कारण उसकी कामेच्छा भी असीमित होती जा रही थी, जिसकी तुष्टि हेतु उसने एक ऐसे संगठन को सृजित कर दिया था जो विश्व की सर्वश्रेष्ठ सुंदरियों का अपहरण कर अलेक की सेवा में प्रस्तुत करता था। सारा संसार आश्चर्यचकित था कि एक बार ग़ायब होने के बाद इन विख्यात सुंदरियों का कहीं कोई पता नहीं चलता था। एक दिन अलेक ने इस संगठन के अध्यक्ष ‘बौब’ को आदेश दिया,

‘‘जेन केनेडी को मेरे हरम की शोभा बनाया जाये’’

अठारह वर्षीय जेन केनेडी अमेरिका के राष्ट्पति के खानदान की थी और विगत रात्रि विश्व सुंदरी चयनित हुई थी। टी. वी. पर उसे देखकर अलेक का उस पर दिल आ गया था। यह आदेश सुनकर संगठन का अध्यक्ष साहस जुटाकर बोला,

‘‘इसकी प्रतिक्रिया सम्पूर्ण विश्व में भयंकर हो सकती है।’’

अलेक ने यह सुनकर ठहाका लगाया और वह गर्व से बोला,

‘‘मनुष्यों में होने वाली प्रतिक्रिया से ईश्वर भयभीत नही होता है, बौब।’’

अलेक का ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं था और क्वाट्रोची संगठन में आने के बाद उसकी धारणा बन गयी थी कि अपने बुद्धिबल से मनुष्य स्वयं ईश्वर बन सकता है। जब जीन-रिजुविनेशन से उसने चिरयौवन की प्राप्ति कर ली और उसका प्रतिरूप (क्लोन) तैयार होकर बडा़ हेाने लगा, तब उसकी यह धारणा विश्वास में बदल गई थी कि उसने स्वयं ईश्वरत्व की प्राप्ति कर ली है। बीसवीं सदी में यह मान्यता थी कि मनुष्य चाहे और सब कुछ कर ले लेकिन मानव का अप्राकृतिक स्रजन नहीं कर सकता है और उसे चिरयौवन देकर चिरायु नही बना सकता है। अलेक ने 21वीं सदी में इन सभी प्रक्रियाओं पर विजय प्राप्त कर ली थी, अतः उसकी सोच आधारहीन नहीं थीं।

तीन दिन पश्चात प्रातःकाल टी. वी. पर यह समाचार प्रसारित हो रहा था,

‘अमेरिकन प्रेसीडेंट के खानदान की विश्व सुंदरी जेन केनेडी का कल रात्रि अपहरण हो गया है। वह अपने मित्र फ़्रेड के साथ ग्रैंड कैनियन घूमने गई थी। वहां उन्होंने अपने साथ सुरक्षार्थ लगे हुए सिक्योरिटी स्टाफ़ को उन्हें थेाडा़ एकांत देने और उनसे दूर दूर चलने का आदेश दिया था। तभी अनजान व्यक्तियों ने जेन का अपहरण कर लिया है। अभी तक व्हाइट हाउस के आदेश पर यह समाचार छिपा कर रखा गया था, परंतु सम्पूर्ण देश की पुलिस में खलबली मच जाने पर आज सुबह खबर फैल गयी। एफ. बी. आई. फ्रेड से और सिक्योरिटी स्टाफ़ से गहन पूछताछ कर रही है। फ्रेड का कहना है कि वह एक बहुत गहरी गौर्ज मे झांकते हुए जेन को उसे देखने के लिये बुला रहा था और जब कुछ पल तक जेन का कोई उत्तर नहीं मिला तो उसने मुड़कर देखा, परंतु जेन उसे कहीं नज़र नहीं आई। अभी तक किसी संगठन ने जेन को अपहृत करने की ज़िम्मेदारी नही ली है। विश्व की सभी फ्रेंडली पुलिस फो़र्सेज़ एवं इंटरपोल जेन को ढूंढने मे लगी हुई हैं।’’- जिस समय यह समाचार अलेक अपने बेडरूम के टी. वी. सेट पर सुन रहा था, जेन उसकी बलिष्ठ बाहों की गिरफ्त में कसमसा रही थी। अलेक के शरीर में इतना कामुक आकर्षण था कि जेन का प्रतिरोध शनैः शनैः ढीला होता जा रहा था और जेन का मन फ़्रेड के लिये दुखी होते हुये भी उसका शरीर अलेक की उत्तेजक क्रीड़ाओं का साथ दे रहा था।

इंटरपोल एवं एफ़. बी. आई. की गतिविधियों पर नज़र ररवने के लिये अलेक ने भी अपने गुप्तचरों केा लगा रखा था। कुछ दिनों बाद एक गुप्तचर ने सूचना दी कि अमेरिकन प्रेसीडेंट को क्वाट्रोची साम्राज्य द्वारा जेन का अपहरण करवाये जाने की जानकारी हो गई है और प्रेसीडेंट ने अपनी समस्त ताकत अलेक को और उसके साम्राज्य को समाप्त करने हेतु लगाने के आदेश दे दिये हैं। पहले जेन को सुरक्षित निकालने का प्रबंध किया जायेगा और फिर क्वाट्रोची मुख्यालय पर ऐटम बम्बों से हमला करने की योजना है। यह निर्णय कई ताकतवर देशों की सहमति से लिया गया है। इस अत्यंत गुप्त मीटिंग में कई देशों ने तो अविलम्ब न्यूक्लियर अटैक करने पर जो़र डाला था परंतु प्रेसीडेंट के कहने पर जेन की सुरक्षा का ध्यान रखते हुये पहले जेन को सुरक्षित निकालने का हर सम्भव प्रयत्न करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना की जानकारी ने अलेक को इस विषय पर गम्भीरता से विचार करने को मजबूर कर दिया।

अलेक के क्लोन को प्रारंभ से ही एक ऐसे सुरक्षित द्वीप पर रखा जा रहा था कि कतिपय विश्वसनीय व्यक्तियों को छोड़कर अन्य किसी को उसके विषय में कोई जानकारी नही थी। इस क्लोन को भी अलेक नाम ही दिया गया था। उसे क्वाट्रोची कम्पनी के संचालन के योग्य बनाने हेतु प्रशिक्षित किया गया था परंतु अलेक के विशेष निर्देश पर जेनेटिक इंजीनियरिंग में होने वाली प्रगति के ज्ञान से पूर्णतः वर्जित रखा गया था। अलेक ने वैसे भी यह प्रबंध कर रखा था कि किसी भी देश में यदि कोई वैज्ञानिक जीन-प्रत्यारोपण अथवा मानव-क्लोनिंग के क्षेत्र में विशेष प्रगति कर ले ले, तो उसे बलपूर्वक क्वाट्रोची साम्राज्य का अंग बना दिया जावे, जिससे वह किसी अन्य व्यक्ति की क्लोनिंग अथवा उसका जीन रिजुविनेशन न कर सके।

आज अलेक ने अपने क्लोन केा अपने विशिष्ट कक्ष मे बुलवाया था। अलेक को प्रथम बार देखकर एवं अपना समरूप पाकर वह भैाचक्का हो रहा था। अलेक ने उसे बताया,

‘अलेक, तुम मेरे जुड़वां भाई हो। शैशवकाल में ही हम दोनो एक समुद्री तूफा़न मे विलग हो गये थे। उस समय हमारे माता पिता एक जहाज़ पर समुद्री यात्रा कर रहे थे। मैं मम्मी की गोद में चिपका बच गया था और तुम समुद्र में बह गये थे। डैड का कोई पता नहीं चला था। मुझे मम्मी द्वारा यह बात बताई गई थी। एक दिन मेरे गुप्तचरों ने तुम्हे मेरे हमशक्ल के रूप में तुम्हारे द्वीप पर देखा तो आश्चर्यचकित रह गये और मुझे आकर बताया। मैं समझ गया कि तुम मेरे जुड़वां भाई ही हो सकते हो और मैने तुम्हारी सुरक्षा एवं शिक्षा दीक्षा का समुचित प्रबंध कर दिया। अब मैं देखना चाहता हूं कि तुम क्वाट्रोची साम्राज्य के कार्य संचालन के योग्य हो गये हो या नहीं। इसलिये मैं कुछ दिनों तक यात्रा पर रहूंगा और इस बीच तुम यहां के कार्यों को देखोगे। आवश्यकता पड़ने पर तुम मुझसे एक गुप्त फोन पर सम्पर्क कर सकते हो।’’

अलेक का क्लोन यह सब सुनकर आश्चर्यचकित एवं मन ही मन प्रसन्न हो रहा था परंतु उसके मन में अलेक के प्रति किसी प्रकार की कृतज्ञता अथवा प्रेम का भाव नहीं उभर रहा था क्योंकि उसे इस प्रकार के संस्कारों से वंचित रखा गया था।

अन्यथा वह इतना योग्य था कि शीघ्र ही उसने क्वाट्रोची साम्राज्य का कार्य सावधानी से सम्हाल लिया।

फिर एक दिन अलेक, सोफ़िया और जेन आवश्यक अनुचरों एवं सामग्री के साथ एक स्पेस प्लेन पर सवार हेाकर मंगल ग्रह में निर्मित इस सुरक्षित गुफा़ के लिये रवाना हेा गये। अमेरिका की सभी गुप्तचर संस्थायें जेन का पता लगाने में असफल रहीं और बिना जेन का पता लगे अमेरिका क्वाट्रोची मुख्यालय पर न्यूक्लियर बौम्बार्डमेंट न कर सका। शनैःशनैः जेन के अपहरण की घटना लोगों के स्मृतिपटल पर धुंधली पड़ने लगी।

अलेक के क्लोन द्वारा क्वाट्रोची कम्पनी का कार्य इतनी दक्षता से सम्हाल लिया गया कि किसी को सत्तापरिवर्तन के विषय में कोई संदेह तक नहीं हुआ। प्रारम्भ में कतिपय विषयों में क्लोन को अलेक से सलाह लेने की आवश्यकता पड़ती थी, जो वह सेक्राफोन द्वारा वार्ता कर प्राप्त कर लेता था परंतु धीरे धीरे यह आवश्यकता भी कम होने लगी। मंगल ग्रह पर अलेक पृथ्वी पर होने वाली विशेष घटनाओं की जानकारी लेता रहता था और वहां अपने को पूर्णतः सुरक्षित अनुभव कर सोफ़िया तथा जेन के साथ आनंदित था। उसे ऐसा प्रतीत होता था कि वह ईश्वर के समान पृथ्वी से बहुत उूपर आकाश में रहकर पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्यों के जीवन को देख रहा है और नियंत्रित भी कर रहा है। उसके मानस में ईश्वरत्व को प्राप्त होने की दशा के विषय में अमेरिका के सम्भावित न्यूक्लियर हमले से जो क्षणिक शंका उतपन्न हुई थी वह यहां आकर परिहास मात्र का विषय रह गयी थी। यद्यपि अलेक के क्लोन को क्वाट्रोची कम्पनी में जीन रिजुविनेशन के विषय में जानकारी नही दी गई थी, तथापि वह शीघ्र ही जानने लगा था कि जीन रिजुविनेशन की प्रक्रिया एवं क्लोनिंग पर विभन्न देशों की प्रयोगशालाओं में अग्रिम स्तरीय शोध कार्य चल रहा है। उसने इनकी सफलता के विषय में जानकारी देते रहने हेतु अपने गुप्तचर लगा दिये थे। उन्हीं गुप्तचरों द्वारा सूचना देने पर उसने अकूत धनराशि देकर टाटा इंस्टीच्यूट आफ़ फंडामेंटल रिसर्च के एक वैज्ञानिक को उसका जीन रिजुविनेशन कराने को राजी़ कर लिया था।

आज ब्राह्मवेला में मंगल ग्रह पर अलेक को यही सूचना प्राप्त हुई थी, जिस पर उसने अपने क्लोन की हत्या का आदेश दे दिया था।

‘‘अलेक, सौरी टु इन्फा़र्म यू। क्लोन एवं उस वैज्ञानिक का कोई पता नहीं चल रहा है। हमने संसार के सभी सम्भावित स्थानों पर छानबीन करा ली है, लेकिन कोई सूत्र नहीं मिल पाया है।’’ उसी शाम को मंगल ग्रह पर सेक्राफोन से अलेक को यह सूचना प्राप्त हो रही थी। अलेक का चेहरा क्रोध एवं उसके मन में धीरे धीरे समाने वाले आतंक से विवर्ण होता जा रहा था। क्लोन को अलेक ने अपने पर पूर्णतः निर्भर अस्तित्व के रूप में स्थापित किया था परंतु उसका स्वतंत्र हो जाना एवं स्वतंत्र रूप से वे कार्य सम्पन्न कर लेना जो ईश्वरीय कृतियों में आते थे, का अर्थ था अलेक के ईश्वरत्व का बंटवारा। उसने अपने ईश्वरीय साम्राज्य की रक्षा हेतु अविलम्ब पृथ्वी पर वापस जाकर अपने क्लोन की क्वाट्रोची मुख्यालय पर वापसी के पूर्व ही वहां की बागडोर सम्हाल लेने का निर्णय लिया। वह मंगल ग्रह से चल तो दिया परंतु पृथ्वी पर पहुंच न सका।

‘‘धांय, धांय’’ की भयंकर ध्वनि के साथ अलेक का राकेट पृथ्वी पर पहुंचने के पूर्व ही अनंत आकाश में जल रहा था। अलेक की प्रत्येक गतिविधि पर क्लोन पहले से नज़र रखे हुए था और उसके निर्देश पर अलेक का राकेट पृथ्वी के वायुमंडल में आने के पहले ही नष्ट कर दिया गया और उसी के साथ नष्ट हो गई अलेक द्वारा ईश्वरत्व की प्राप्ति।

दूसरे दिन अखबारों में मंगल ग्रह से आने वाले एक राकेट के आकाश में जल जाने की खबर के साथ एक महत्वपूर्ण खबर और छपी- कुख्यात क्वाट्रोची साम्राज्य, जिसने जेन का अपहरण कराया था, के वर्तमान प्रेसीडेंट अलेक को एफ़. बी. आई. द्वारा अरब सागर में पानी की एक पनडुब्बी में मार गिराया गया है।

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