ऊषा चंदनपुर गांव की रहने वाली लड़की है, वो खूबसूरत और सुशील भी है|
एक बार उसके गांव में अकाल पड़ जाता है, लोगों के पास खाने को कुछ भी नहीं होता है, खाने के लाले पड़े होते हैं, कहीं से किसी तरह लोग 2 जून की रोटी का इंतजाम करते हैं, और जब भी गांव में किसी की लडकी की शादी होती है, तो उस घर वालों का महीनों का खाने का इंतजाम हो जाता है, क्योंकि इस गांव का एक नियम है, कि जब किसी की लड़की की शादी होती है, तो लड़के के घर बालों द्वारा लड़की के घरवालों को कुछ रुपए दे दिए जाते हैं, और इस तरह उस घर का कुछ दिनों का खर्चा और खाने का इंतजाम हो जाता है|
ऊषा की शादी तय हो जाती है, एक शहर के एक अमीर परिवार में, घर के सारे लोग शादी का इंतजार करते हैं, और वो दिन भी आ गया, जिस दिन उसकी शादी होनी है, उषा के घर में सारे लोग बहुत खुश होते हैं, एक खुशी यह होती है, कि घर की बेटी की शादी होती है, और दूसरी उनके घर में खाने और खर्चे का कई महीनों का इंतजाम होने वाला है|
ऊषा के ससुराल वाले ऊषा के पिता को काफी पैसा और उपहार बगैराह देते हैं, और ऊषा की शादी हो जाती है, और अपनी ससुराल आ जाती है, उसकी जिंदगी खुशी से गुजरती है, ऊषा खुश होती है, जिंदगी में आने वाले उलट-फेर से अनजान|
एक दिन ऊषा की सास ऊषा के पास आती है, और कहती है-
सास:- ऊषा आज हमें मंदिर चलना है, एक खास पूजा करनी है|
उषा अपनी सास और अपने पति और चार देवरों के साथ मंदिर जाती है, और पूजा करके वापस आती है, तो उनके साथ पंडित जी भी आते हैं, और साथ में पूजन का और हवन का कुछ सामान भी लाते हैं, घर आकर पंडित जी हवन कुंड बनाते हैं, और सभी लोग हवन के पास बैठ जाते हैं|
तभी ऊषा की सास आती है उसके हाथों में पांच मंगलसूत्र होते हैं, ऊषा को कुछ समझ नहीं आता है, उसकी सास अपने पांचों लड़कों को मंगलसूत्र देती है, और ऊषा को पहनाने को कहती है, तो उषा को कुछ-कुछ समझ आता है, कि यह सब क्या हो रहा है, ऊषा इसका विरोध करती है, तो ऊषा की सास चिल्लाती और आंखों मे अंगारे भरकर कहती है-
सास:- हम तुम्हें यूं ही इस घर में नहीं लाएं, खरीद कर लाए हैं, तुम्हारे बाप को कीमत चुकाई है, ऊषा यह सब सुनकर सन्न रह जाती है, उसको अपने कानों पर विश्वास नहीं होता, उसे ऐसा लगता है, जैसे किसी ने भयानक विस्फोट कर दिया हो, उसकी सास कहती है, कि हम यह सब तुम्हारे फायदे के लिए ही कर रहे हैं-
सास:- अगर इन चारों की शादी करके नई बहू आएगी तो जायदाद का बंटवारा भी 5 हिस्सों में हो जाएगा, और अगर इन पांचों की शादी तुमसे होगी, तो तुम्हारा सब पर अधिकार होगा, सब कुछ तुम्हारा होगा, तुम्हे पांच पतियों का प्यार मिलेगा, और तुम अकेली मालकिन होगी इस पूरी जायदाद की, और इस घर की, और अगर तुम्हें यह सब मंजूर नहीं, तो हमने तुम्हारे बाप को जो कीमत दी है, वह हमें लौटा दो, और हमारे घर से हमेशा के लिए चली जाओ.................
क्रमश:.............