इकबाल भाग - २ Afzal Malla द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • You Are My Choice - 35

    "सर..."  राखी ने रॉनित को रोका। "ही इस माई ब्रदर।""ओह।" रॉनि...

  • सनातन - 3

    ...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ...

  • My Passionate Hubby - 5

    ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन...

  • इंटरनेट वाला लव - 91

    हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो त...

  • अपराध ही अपराध - भाग 6

    अध्याय 6   “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच...

श्रेणी
शेयर करे

इकबाल भाग - २

फिर देखा के इक़बाल थोड़ा उदास था ओर कालू भी थोड़ा हैरान क्योकि इक़बाल की आखरी ओवर उसने खेली उसे पता नही लग रहा था की उस ओवर में उसको इतनी तेजी कैसे मील वो थोड़ा डर भी गया था फिर दोनों मिलते है, एक दुआरे को बधाई देते है इक़बाल कहता है आज तक तुम जैसा बल्लेबाज नही देखा अच्छा लगा तुम्हारे साथ खेलके, कालु सच कह तो तुमने जो ९ ओवर डाली है उसमे में डर गया था क्या तेजी थी गेंद कब घूम रही थी पता ही नई लग रहा था फिर इकबाल ने कालू को एक ओर मैच खेलने को कहा, कालू ने भी हा कर दी उनकी अगली मैच १० दीन बाद थी अब सब घर जाते है।

इक़बाल को नींद नही आती पूरी रात के वो कालू क्या खेलता है उसे कैसे आउट करे उसके बारे में सोच रहा था ओर वो अगली सुबह जल्दी से प्रैक्टिस के लिए निकल जाता है ओर कहता है के अभी तो काफि महेनत करनी है ओर वो काफी महेनत करता है, ओर इस तरफ कालू सोच रहा है के पहेली बार वो ओवर खेली उसने जिंदगी में आज तक ऐसा गेंदबाज नही मिला जो इतनी तेजी से गेंद को घूमता हो वो भी अपनी महेनत बढ़ देता है फिर दोनों १० दिन जाने का इंतजार करता है ओर महेनत करते है ओर फिर आखिर मर वो दिन आ ही गया जिसका सब इंतजार करते थे ओर सब मैदान की ओर जाने लगे।

अब इक़बाल ओर कालू की दूसर मैच होने ही वाली थी सब लोग इंतजार कर रहे थे के इस बार क्या होगा, ओर इस बार तो काफी गांव तक ये खबर फैल गई ओर काफी लोग देखने के लिए आये, आज कालू ओर इक़बाल की काफी तैयारी के बाद फिरसे एक दुसरे के सामने खेलने के तैयार थे देखना ये था की को किसपे भारी पड़ता है,बस मैच सरु होने ही वाला था वो दोनों एक दूसरे से मिलते है बधाई देते है ओर सिक्का उछलते है ओर कालू पहले गेंदबाज़ी का फैसला करता है इस बार हर बार की तरह कालू पहले आता है ओर स्ट्राइक पर किसी ओर को रखता है, ओर गेंदबाजी में तो इक़बाल ही शरुआत करता है, कालू देखता है के इस बार इक़बाल की गेंदबाजी में अंदर ओर बाहर की तरफ गेंद घूम रही है ओर पहेली ओवर में १-२ रन ही आये ओर ऐसे ही कालू इस बार इक़बाल की ओवर में बहोत ध्यान से खेल रहा था सब हैरान थे, कालू बाकी बहोत अच्छा खेलता पर इस बार इक़बाल की ओवर में बहोत ध्यान से खेल रहा था ओर अब तक कालू ने ३२ गेंदों में ७५ बना लिए थे ओर इक़बाल ने ३ ओवर में ९ रन दिए ओर आखरी ओवर बची थी फिर इक़बाल ओर कालू आमने सामने थे इक़बाल ने पहेली गेंद फेकि २ रन दिए ओर सब लोग इतनी जोर से चिल्ला रहे थे, २ गेंद फुल टॉस होता है ३ गेंद में कालू आगे बढ़ता है पर गेंद खाली जाती है सब चिल्ला रहे थे, उतने में कालू वहा से जाने लगता है सब देखते ये क्या हुआ इक़बाल उसके सामने देखता है क्या हुआ, वो कहता है के ये गेंद खाली नही मेरे बेट को टच करके गई है में आउट हु, ये खेलदिली देखके सब कालू को चीयर करने लगे ओर ये सब वह पे आये एक अफसर देख रहा था,

अफसर ने पूछा यहां इतनी भीड़ क्यो है ? अरे भाई आपको नही पता क्या यहां पे आस पास के बहोत अच्छे बल्लेबाज ओर गेंदबाज के बीचमे मैच चल रही है, कालू जो आज तक कभी आउट नही हुआ आज पहेली बार आउट हुआ है ओर जिसने आउट किया वो यहा का नया सवसे अच्छा गेंदबाज है उसका नाम इकवाल है वो अफसर भी वहां रुक जाता है मैच देखने के लिए ।


बस कालू मैदान से वहार जा रहा था तो इक़बाल भाई आज तक आपके जैसा खेलाड़ी नाइ मिला ओर सच बोलू तो में आपका बहोत बाद फेंन हो गया, कालू ने कहा सच तो ये है मुजे आज तक तेरे जैसा गेंदबाज नाइ मिला चलो अच्छा है कोई तो टक्कर देने वाला मिला कालू जाता है ओर फिर पहली पारी खत्म होती है कालू की टीम ने १२ ओवर में १४५ रन बनाये ओर फिर इक़बाल की टीम से वही धुआंदार बेटिंग देखने को मिली ओर आज तो इक़बाल भी जल्दी खेलने को आ गया इस बार कालू की टीम को इक़बाल की टीम हर देती है अब दोनों के बीच में १-१ जीत है वो दोनों कहते है आज तक की सबसे अछि मैच है ये फिर दोनों कहते है मिलते है फिर कभी ऐसे ही मैदान में ।