Muje ishq hua hai - 2 books and stories free download online pdf in Hindi मुझे इश्क़ हुआ है - 2 (9) 1.5k 4.3k 1 पिछले भाग से आगे- किसी भी प्रेमी का इससे ज्यादा इशारा और कुछ नही हो सकता था, लेकिन मैं इस मामले में अपरिपक्व था। मुझे हमेशा डर रहता कि, उसके दिल में मेरे लिए वो अहसास, वो चाहत, वो प्यार नही हुआ, जो उसके लिए मेरे दिल में है। ऐसे में मैंने उससे अपने दिल की बात की, और अपनी महोब्बत का इज़हार किया तो, क्या होगा? बस यही सोचकर मेरे क़दम रुक जाते और मेरे लफ्ज़ मेरा साथ नही देते। फिर भी मेरी जिंदगी के हर लम्हें में, वो समा गई। अब तो लगता था कि रविवार को भी स्कूल खुलना चाहिए था। जिससे उसे देख सकूँ, मेरे दिल को तसल्ली मिले। वक्त बीत रहा था कुछ और लड़के भी उससे दोस्ती करना चाहते थे। वो हमेशा प्रयास करते थे कि, मेरे और उसके बीच दूरियां बढ़ जाएं।जब कोई किसी से महोब्बत करता है, तो वह अपने खास मित्र से अपने प्रेमी के बारे में जरूर बात करता है। ये एक आम बात है, ऐसा ही मैं भी किया करता था,हर दिन क्या हुआ, उसने आज मुस्कुराकर देखा, वो मुझसे नोटबुक लेने आई। ये सारी बातें, मैं अपने दो दोस्तों से शेयर कर लिया करता था। जो मेरे लिए बहुत घातक सिद्ध हुई। उन दोनों में से एक था, जो उसे चाहता था, और उसने हमदोनों के बीच क्या चल रहा है,बाकी से बताना शुरू कर दिया। हमारे मैथ के टीचर को भी उसने बता दिया लेकिन कोई कुछ नही कह पा रहा था,क्योंकि उनके पास कोई वज़ह नही थी जो मुझे टारगेट करें। स्कूल में एक बार एक प्रतियोगिता हुई, जिसमें लड़कियां एक तरफ, और लड़के दूसरी तरफ़, दो ग्रुप बनाएं गए। यदि लड़कियों का ग्रुप प्रश्न पूछता है, तो लड़कों के ग्रुप से कोई एक जबाब देगा। ठीक वैसे ही लड़कों के ग्रुप से प्रश्न किए जाने पर, लड़कियों में से कोई एक उत्तर देगा। मुझे इंतज़ार था कि वो प्रश्न पूछे। और मैं जबाब दूँ,चाहे वो सही हो या गलत परन्तु मैंने मन बना लिया था कि जबाब मुझे ही देना है।और हुआ भी ऐसा ही उसने प्रश्न पूछा मैंने बिना देर किए उत्तर बताया। जो सही हुआ रेफरी ने उससे पूछा कि क्या जबाब सही है। उसने मुस्कुराकर सहमति से गर्दन झुकाकर हाँ कह दिया। उसकी मुस्कान भरी सहमति बहुत कुछ बयां कर गयी औरों के लिए वो महज़ एक सहमति थी परन्तु मेरे लिए एक प्यार भरा संदेश, इस इशारे को मेरे अलावा एक और जो समझ गया था ।फिर उसने कुछ ऐसी हरकत की जिससे उसे लगा कि मेरे अलावा वो लड़का भी कुछ जान चुका है। बस वहीं से हमारे बीच चल रहे शीलसिले में उस लड़के ने दरार डालने के लिए अपनी मित्र को लगा दिया। वो लड़की मेरे और उसके बीच दूरियां बनाने का पूरा प्रयास कर रही थी। लेकिन कहते है ना जहां किसी के लिए प्यार के अहसास जागे वहाँ दूसरे की कौन सुनता है हाँ कुछ समय के लिए मन जरूर असमंजस में हो जाता है। कई बार उसने मुझसे दूर जाने की कोशिश की लेकिन मेरी आँखें जब उसे देखतीं तो सारी बातें उससे कर लेती थी जो मेरी जुबान भी नही कह पाती थी। उसकी एक मुस्कुराहट ही मेरे पूरे दिन को अच्छा बना देती थी। शेष अगले भाग में ‹ पिछला प्रकरणमुझे इश्क़ हुआ है › अगला प्रकरणमुझे इश्क़ हुआ है - भाग 3 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Rajesh Kumar फॉलो उपन्यास Rajesh Kumar द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 3 शेयर करे आपको पसंद आएंगी मुझे इश्क़ हुआ है द्वारा Rajesh Kumar मुझे इश्क़ हुआ है - भाग 3 द्वारा Rajesh Kumar NEW REALESED Adventure Stories शशशशश...... धुंध में कोई राज है?? - भाग 3 Mini Fiction Stories प्यार हुआ चुपके से - भाग 6 Kavita Verma Love Stories पागल - भाग 25 कामिनी त्रिवेदी Love Stories द मिस्ड कॉल - 5 vinayak sharma Horror Stories द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 35 Jaydeep Jhomte Moral Stories उजाले की ओर –संस्मरण Pranava Bharti Adventure Stories एक गाँव की कहानी दिनेश कुमार कीर Moral Stories हरसिंगार Bharati babbar Fiction Stories अमावस्या में खिला चाँद - 2 Lajpat Rai Garg Love Stories मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 2 Kripa Dhaani