टारनेडो - kahani ek mamuli kutte se lekar super hero banane tak kee Mohd Siknandar द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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टारनेडो - kahani ek mamuli kutte se lekar super hero banane tak kee

लंदन शहर के बस स्टॉप पर खड़े लोगो के बीच एक सुनहरे रंग का छोटा सा कुत्ते का बच्चा बार-बार सड़क पार करने की कोशिश कर रहा था । लेकिन आती-जाती लंबी कारो को देखकर डर के मारे कूड़े के डिब्बे के पीछे छिप जाता। अचानक बस के रुकते ही सब लोग बड़ी तेजी से उसमे चढ़ने लगे। वह भी बड़े आराम से नाचते गाते हुए बस के अंदर चढ़ गया। बस के स्टार्ट होते ही वो लुढ़क कर बगल के सीट पर बैठी महिला के पैरो से जा टकराया। वह चिल्लाकर बस के कंडेक्टर से कहती है कि “ इस गंदे कुत्ते को यहाँ से तुरंत भागाओ, वरना ये बीमारी फैलाएगा । ” नफरतों से भरी सैकड़ो नजरे उसको घूरने लगी । वह डरते सहमते हुए पीछे हटने लगा। बस के रुकते ही कंडेक्टर ने उसे उठाकर बड़ी बेरहमी से बाहर फेक दिया। वह फुटपाथ के रेलिंग से टकराकर वापस जमीन पर गिर पड़ा और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा। ऐसी हालत मे तो कोई भी रो पड़ता वो तो सिर्फ एक छोटा सा कुत्ते का बच्चा था। उसके रोने के आवाज कार और बसो के शोर मे दबकर रह गयी। वह मासूम सा कुत्ते का बच्चा आते जाते लोगो को देखकर अपने दुम हिलाने लगा। यह सोचकर की शायद उसकी कोई मदद करेगा। लेकिन उसका दिल तब छोटा हो गया। जब सब लोग उसको और भी नफरत भरी नजरो से देखने लगे। तभी उसके सामने से एक माँ अपने बेटे को आइस क्रीम दिलाकर घर ले जा रही थी। वह भी अपने आँसू पोछकर इस उम्मीद से आइस क्रीम वाले के पास गया कि शायद मुझे भी फ्री मे आइस-क्रीम खाने को मिले , मगर देने के बजाये उसको पैरो से ठोकर मार कर सड़क के बीचों बीच फेक दिया। सड़क पर दौड़ती हुई कारो के बीच से बचकर वह कुत्ते का बच्चा फिर से फुटपाथ किनारे जा पहुंचा। एक बार फिर से आइस क्रीम खा रहे उस लड़के का पीछा करने लगा। जब वह लड़का पीछे मुड़कर देखा तो वो कुत्ते का बच्चा डर के मारे बिजली के खम्भे के पीछे छिपने लगा। जैसे ही मुस्कुराकर आइस क्रीम देने के लिए उसने अपना हाथ धीरे से आगे बढ़ाया । वैसे ही उसकी माँ डांटते हुए कहती है कि “ मत छूओ इसे वरना बीमारी पड़ जाओगे । देखो कितना गंदा कुत्ते का बच्चा है और उसका हाथ पकड़कर अपने साथ वहाँ से ले गयी। ” वह कुत्ते का बच्चा भूख को शांत करने के लिए अपनी जीभ चेहरे पर फेरते हुए उसकी तरफ देखने लगा। उसी समय तेजी से बरसात होने लगी । वह तुरंत ही भागकर छिपने के लिए कोई सुरक्षित जगह ढुढ़ने लगा । तभी उसे कुछ दूर पर बन रहे मकान के पास बिखरे पड़ी हुई पाइपे दिखायी दी । वह तुरंत ही उस पाइप मे घुसकर बैठ गया और बरसात के रुकने का इंतजार करते-करते सो गया । जब उसकी आंखे खुली तब चारों तरफ अंधेरा देखकर वह कुत्ते का बच्चा घबरा गया और पाइप से निकल कर शहर की सड़कों पर इधर – उधर घूमने लगा । भूख को शांत करने के लिए कुत्ते का बच्चा पानी पीने लगा । मगर उसकी भूख की आग और भी तेज हो गयी। भले उस कुत्ते के बच्चे को क्या मालूम कि भूख की आग इतनी खतरनाक होती है कि सब को गलत का रास्ता चुनने के लिए मजबूर कर देती है । वह खाने की तलाश मे इंग्लैंड की सड़कों पर पागल की तरह घूमने लगा । उसे समझ मे नहीं आ रहा था कि वो कहाँ जाये ? कभी ऊंची-ऊंची इमारतों को देखता तो कभी सड़कों पर जलती लाइटों को देखकर सोचने लगता कि कही सुबह तो नहीं हो गयी । इधर-उधर घूमते-घूमते वह कुत्ते का बच्चा एक आलीशान होटल फेंग के पास पहुंचा । जिसकी इमारते आकाश को छु रही थी और रात के समय इमारतों पर लगी रंग-बिरंगे लाइटे उसकी सुंदरता को और बढ़ा रही थी । फेंग होटल के अंदर से म्यूजिक की आवाज़े दूर तक सुनायी दे रही थी। अचानक उस कुत्ते की नजर होटल के ऊपर लगे एक रंगीन पोस्टर पर गयी – जिसका बावरची एक हाथ मे बर्गर और दूसरे हाथ मे तली हुई मछली का ट्रे लिए खड़ा था । यह देखकर वह कुत्ते का बच्चा खुशी से तालियाँ बजाने लगा । इस उम्मीद से की यहाँ पर उसको खाना जरूर मिलेगा । तभी एक आलीशान कार उस होटल के सामने आकर रुकी। उस कार के अंदर से एक खूबसूरत महिला अपने कुत्ते के साथ बाहर आयी और होटल की तरफ जाने लगी। वो कुत्ते का बच्चा भी जल्दी से भागकर उस महिला के पीछे-पीछे नाचते-गाते हुए चलने लगा । होटल के दरवाजे पर पहुँचते ही बाहर खड़े दो गार्ड उस महिला से कहते है कि “ मैडम क्या ये दूसरा कुत्ता भी आपका है। ” जब वह महिला पीछे पलटी तो उसे एक गंदा सा कुत्ते का बच्चा दिखायी दिया। वह रंगीन चश्मा नीचे करके कहती है कि “ ये गंदा और सड़क छापा कुत्ता मेरा नहीं है । अगर जल्दी से इसे नहीं भगाया तो तुम्हारे मैनेजर से शिकायत करके तुम दोनों को नौकरी से निकलवा दूँगी ।” इतना कहकर वो अपने कुत्ते के साथ अंदर चली गयी । इसके बाद दोनों गार्ड उसको रुमाल से पकड़कर सड़क के किनारे फेक दिया । ताकि वो यहाँ बीमारी ना फैला पाये । दोनों गार्ड एक – दूसरे से कहते है कि “ ऐसे कुत्ते को तुरंत ही गोली मार देनी चाहिए । ताकि ये ना तो गंदगी फैला पाये और ना ही किसी को परेशान । ” उस नन्हें से कुत्ते के बच्चे को समझ मे नहीं आ रहा था कि लोग खाना देने के बजाये सब उसको बार-बार सड़क छाप क्यो कह रहे है ? ” दरअसल ये रंग रूप और नस्ल जाति का भेद-भाव आज के आधुनिक युग मे भी उसी तरह से मौजूद है । जिस तरह से पुराने समय मे था । इस बात को लेकर आज भी सब देशो मे लड़ाई-झगड़ा होते रहते है । यह एक प्लेग की तरह जो सब इन्सानो को धीरे-धीरे खायी जा रही है इसका कोई इलाज नहीं है- सिवाये शिक्षा के । इतने होने के बावजूद वो कुत्ते का बच्चा एक कार के पीछे छिप गया और होटल के दरवाजे की तरफ बार-बार देखने लगा । इस उम्मीद से को वो महिला उसके लिए खाना जरूर लायेगी । दो घंटे बाद – वह महिला अपने कुत्ते के साथ होटल से बाहर आयी और कार के बैठकर वहाँ से चली गयी । वह कुत्ते का बच्चा उस कार का पीछे तेजी से भागा लेकिन भूखे होने के कारण वह ज्यादा दूर तक नहीं दौड़ पाया । तभी दोनों गार्ड की नजर उस कुत्ते पर पड़ी । दोनों चीखते-चिल्लाते हुए उसको मारने के लिये दौड़ पड़े और खूब गंदी –गंदी भी गलियाँ देने लगे । बेचारा नन्हा सा कुत्ते का बच्चा अपनी जान बचाने के लिये वहाँ से भाग गया । लेकिन भूखा की आग ने उसको दुबारा वहाँ पर आने के लिये मजबूर कर दी जहां से भगाया गया था । इस बार वो बड़ी चालाकी और फुर्तीली दिखाते हुए गार्ड की नजरों से बचकर होटल के पीछे जा पहुंचा । जहां पर एक वेटर पालिथीन मे होटल का सारा कचरा लेकर बाहर आया और उसको कूड़े के डिब्बे में डालकर वापस चल गया । उसके जाने के बाद वह कुत्ते का बच्चे तुरंत ही कूड़े-डिब्बे में घुसकर खाना ढुढ़ने लगा । उस कूड़े मे ढुढ़ते-ढुढ़ते आखिरकार उसको बासी पिज्जा का पैकेट मिल गया । वह खुश होकर नाचते-गाते हुए उसके साथ बाहर आया । लेकिन तभी उसकी खुशी और भूख गायब हो गयी। जब उसके सामने से दो मोटे आदमी एक छोटी सी बिल्ली के गले मे रस्सी से बांधकर घसीटते हुए जानवर पकड़ने वाली गाड़ी मे डालने की कोशिश कर रहे थे । मगर वह अपनी जान बचाने के लिये इधर-उधर भाग रही थी । वह अपने पिज्जा का पैकेट वही पर छोड़कर उसकी मदद के लिये दौड़ पड़ा । उसने तुरंत ही दोनों के पैरो मे काटकर उसको जल्दी से आजाद करवा दिया। दोनों दर्द से चीखते- चिल्लाते हुए नाले मे गिर पड़े । मौका पाते ही दोनों वहाँ से भागकर अंधेरी गली के एक कोने मे छिप गये । नाले से निकलकर दोनों ने उस बिल्ली और कुत्ते के बच्चे को बहुत ढुढ़ा लेकिन वो दोनों जानवर नहीं मिले। इसके बाद दोनों आदमी गाड़ी मे बैठकर वहाँ से चले गये । उनके जाने के बाद दोनों उस अंधेरी गली से बाहर आकर राहत की सांस ली । वह बिल्ली उस कुत्ते के बच्चे से पूछती है कि “ तुम कौन हो ? पहले तो यहाँ कभी नहीं देखा ।” वह कुत्ते का बच्चा उस बिल्ली से कहता है कि “ मेरा नाम कोलर है और मै यहाँ सुपर-मैन बनने आया हूँ और तुमने अपना नाम नहीं बताया ?।” वह बिल्ली उस हँसकर उस से कहती है कि “ मेरा नाम जोमली है मेरी जान बचाने के लिये थैंक यू ।” इतना कहकर वहाँ से जाने लगी। कोलर उसके सामने आकर पूछता है कि “ तुम कहाँ जा रही हो ? । ” जोमली उस से कहती है कि “ मुझे बहुत भूख लगी है अगर जल्दी से खाना नहीं मिला तो मै मर जाऊँगी ।” कोलर उसको वही पर थोड़ी देर रुकने के लिए कहा और वह उसकी बात मान गयी। बासी पिज्जा का पैकेट उसके सामने रखकर पूछता है कि “ शायद इसको खाने तुम बच जाओ ।” जोमली उसकी तरफ देखकर पूछती है कि “ तुमने भी तो सुबह से कुछ नहीं खाया होगा । ” उसकी बात सुनकर कोलर कुछ नहीं कह पाया और इधर-उधर की बात करने लगा । जोमली पैकेट मे रखे पिज्जा के दो टुकड़े करके कहती है कि “ कैसा रहेगा कि इसे हम मिल बाट कर खाये। ” दोनों खुश होकर एक साथ खाने लगे। जोमली –कोलर से पूछती है कि “ इसके बाद तुम यहाँ से कहाँ जाओगे ? ” कोलर उस से कहता है कि “ पता नहीं ? ” कुछ देर सोचने के बाद जोमली उस से कहती है कि “ अगर तुम चाहो तो मेरे घर चल सकते हो , जो यहाँ से कुछ ही दूर पर है । ” कोलर खुश होकर उसके साथ चलने के लिए राजी हो गया । वह कुत्ते का बच्चा इस बात से बहुत खुश था कि इस अजनबी शहर मे उसका भी घर होगा । शहर से बाहर एक सुनसान इलाके मे टूटे पुल के नीचे रखे नाले के पाइप के पास जाते ही कुत्ते और बिल्लियो के दल ने उनको चारो तरफ से घेर लिया। जिसमे बूढ़े आपाहिज और बच्चे शामिल भी थे। भीड़ को हटाते हुए एक काले रंग का ताकतवर कुत्ता उनके सामने आकर जोमली से पूछता है कि “ तुम पूरी रात कहाँ पर थी और ये नया मेहमान कौन है ? ” उसकी आंखो मे गुस्सा देखकर जोमली डरी आवाज मे कहती है कि “ मार्कश ये कोलर है कल रात जब मै खाना लेकर लौट रही थी कि तभी घोखे से दो आदमी ने मुझे पकड़ लिया और रस्सी से बांधकर जानवर पकड़ने वाली गाड़ी मे कही ले जाना चाहते थे , तब इसी ने मेरी जान बचायी । कोलर इस शहर मे अकेला है मार्कश । प्लीज इस से भी यही पर रहने दो ।” मार्कश कोलर के पास जाकर पूछता है कि “ तुम यहाँ पर क्या करने आये हो ? ” कोलर मार्कश से कहता है कि “ मै यहाँ पर सुपर-मैन बनने आया हूँ ।” यह बात सुनते ही वहाँ पर मौजूद सारे कुत्ते और बिल्लियाँ हँसते-हँसते लोट-पोट गये। यह देखकर उसकी नन्ही सी आंखो मे आँसू भर आयी । मार्कश अपनी कड़कती आवाज मे सब को शांत करके जल्दी से नहाने के लिए कहा। उसकी बात मानकर सब टूटे –पुल के पाइप के नीचे जाकर खड़े हो गये । बिल्ला भाई सब को धक्का मार कर मार्कश के बगल मे खड़े होते हुए कहता है कि “ जहां से मै खड़ा होता हूँ लाइन भी वही से शुरू होती है ।” जैसे ही कुछ लोग उसे कुछ कहने चले। वह अपनी जंग लगी रिवाल्वर निकालकर कहता है कि “ इतने गोली मरूँगा ना कि सिर और पेट का दर्द बिल्कुल ठीक हो जायेगा ।” हमारा बिल्ला भाई छोटे कद का भूरे रंग का कुत्ता है । जिसके शरीर पर कम बाल बचे थे एक कान छोटी और दूसरी कान बड़ी थी । गले मे साइकिल की चैन और माथे पर बालीवुड के अभिनेता संजय दत्त की फिल्म वास्तव की तरह लाल रंग का टीका लगा रखा था। बिल्ला भाई संजय दत्त का बहुत बड़ा फेन है । उसके दो चमचे थे - कील और नील जिनका रंग सफेद था । जो उसके हर गलत काम उसका साथ देते थे । मार्कश बिल्ला से कहता है कि “ तुम्हारे घड़ी मे टाइम कितना हुआ है बिल्ला ? ” बिल्ला भाई हाथ मे बंधी घड़ी को तीन-चार बार जमीन पर पटका और फिर वापस पहनकर कहता है कि “ अभी छ : बजे है भाई ।” कोलर जोमली से पूछता है कि “ यहाँ तो कही नल भी दिखायी नहीं दे रहा तो फिर हम सब नहायेगे कैसे ? ।” जोमली कोलर से कहती है कि “ बस तुम देखते जाओ। ” रोजाना की तरह पुलिस की दमकल (फायर-बिरगेट) पुल के ऊपर लगे बड़े नल के पास आकर रुकी । दो पुलिस वाले जल्दी से पाइप निकालकर नल मे जोड़ते ही पानी खोल दिया। पुल के टूटे पाइप मे पानी पहुँचते ही नीचे खड़े कुत्ते और बिल्लियाँ के ऊपर तेजी से गिरने लगी । पानी के फव्वारे मे सब लोग खुश होकर नहाने लगे । कोलर जोमली से कहता है कि “ इस तरह नहाने मे तो बहुत मजा आ रहा है ।” दमकल मे पूरा पानी भर जाने के बाद नल को बंद कर दिया और पानी भी अपने आप गिरना बंद हो गया । इसके बाद मार्कश सब को साथ लेकर एक छोटे से फार्म पर पहुंचा दरअसल वो फार्म हाउस माधवी डोनारु की बूढ़ी दादी मैकसी की थी । उनके पति की मौत कैंसर से हुई थी । वह अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए माधवी डोनारु को अनाथालय से गोद ले लिया । इस बात का जिक्र उन्होने कभी माधवी डोनारु से नहीं किया कि वो अनाथ है । उनका फार्म हाउस भी कई साल से बैंक के कर्ज मे डूबा हुआ था फिर भी इस उम्र मे मैकसी पूरी हिम्मत और जोश के साथ इन कठिनाइयो का सामना अकेले ही कर रही थी । मैकसी लोगो के कपड़े धोकर और माधवी डोनारु रेस्टोरेन्ट में वेटर का काम करके घर का खर्च चलाया करती । घर के आँगन मे आकर सब एक साथ मिलकर भोकने लगे तो बिल्लियो की टोली भी अपनी आवाज मे माधवी डोनारु को बुलाने लगी । रसोई मे काम कर रही मैकसी-माधवी डोनारु को आवाज देकर कहती है कि “ तुम्हारे दोस्त बाहर खड़े है ।” चीनी मिट्टी से बने दो बड़े बर्तन में दूध और ब्रेड मिलकर उनके सामने रखा दी। सारे जानवर बड़े आराम से नाश्ता करने लगे । अचानक माधवी डोनारु की नजर कोलर पर पड़ते ही उसको गोद मे उठा लिया और अपनी दादी मैकसी को आवाज देकर बाहर आने के लिये कही । दोनों उस नये मेहमान को देखकर बहुत खुश हुई । मैकसी रसोई के अंदर से पैन केक का छोटा सा टुकड़ा लेकर बाहर आयी और उसको खाने के लिये दे दी । अचानक माधवी की नजर उस कुत्ते के गले के बेल्ट पर गयी । जब उसने ध्यान देखा तो उस बेल्ट पर कोलर नाम लिखा था फिर दोनों ने मिलकर उस नन्हें से कुत्ते का नाम कोलर रखा दिया । कोलर उन दोनों से प्यार पाकर अपना दम हिलाने लगा । बिल्ला भाई को नाश्ता करता देखकर मैकसी माधवी डोनारु से कहती है कि “ ये हमेशा गंदा क्यो दिखायी देता है ? जबकि रोज इसको रगड़ –रगड़ कर नहलाती हूँ ।” माधवी डोनारु बिल्ला भाई को दुबारा नहलाने के लिये अपने साथ बाथरूम में ले गयी । बाथरूम मे बिल्ला भाई उन दोनों से कहता है कि “ देखो लेडी मुझे हाथ मत लगाओ , वरना तुम पर पुलिस केस कर दूँगा । एक शरीफ इज्जतदार नागरिक को परेशान पर यहाँ की सरकार दो साल की सजा और दस डंडा अलग से लगती है ।” इतने में ही माधवी डोनारु उस पर पानी गिराकर साफ करने लगी । बिल्ला भाई मन मे कहता है कि “ लो गयी भैस पानी मे पहले में कितना खतरनाक लगता था लेकिन अब तो सड़क पर बैठा भिखारी जैसा बना दिया ।” आधे घंटे बाद- मैकसी और माधवी डोनारु एक साफ-सुथरे बिल्ला भाई को सब के सामने पेश किया । आंखो मे काजल , होठ पर लाल रंग का लिपस्टिक और शरीर पर खुशबूदार पाउडर लगे थे । उसको इस रूप मे देखकर कुत्ते और बिल्लियाँ अपनी-अपनी हंसी रोक नहीं पायी और हँसते-हँसते लोट-पोट गये। वह मन मे सोचने लगा कि “ इन्होने मुझे शहर का भाई तो क्या बहन बनने लायक भी नहीं छोड़ा ।” यह सोचकर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा । सब खाने की तलाश मे इधर-उधर जाने लगे । बिल्ला भाई कील और नील के साथ सड़क के किनारे खड़े होकर लंदन के सब से बड़े बैंक बीटा की तरफ देखने लगा । कील और नील बिल्ला भाई से कहते है कि “ ये बिल्डिंग बहुत ऊंची है भाई । कहाँ से शुरू होती है और खत्म कहाँ होती है । हमे कुछ नहीं मालूम ।” बिल्ला भाई नील और कील से कहता है कि “ सरकार ने कितना इनाम रखा मेरे ऊपर ? ।” कील और नील कोलड्रिंक पीते हुए कहते है कि “ भाई वो इनाम सरकार ने नहीं बल्कि अपने ने खुद पोस्टर छपाव कर दीवारों पर चिपकाये है । सरकार तो आप जैसे को भाव नहीं देती ।” बिल्ला भाई अपने सिर पर हाथ फेरते हुए कहता है कि “ जो बिल्डिंग जितनी ऊंची होती है उतनी ही तेजी से नीचे गिरती है , क्योकि बिल्ला भाई इस मालदार बैंक को लूटकर कंगाल बनाने वाला है ।” यह सुनते ही कील और नील के टूटे चश्मे जमीन पर गिर पड़े । दोनों मिलकर बिल्ला भाई को समझाने लगे कि बैंक लूटने मे बहुत खतरा है भाई । पुलिस देखते ही गोली मार देगी । उनकी बात सुनकर बिल्ला भाई कुछ देर सोचने लगा । फिर वह बगल के दुकान से मांटेन-ड्यू पीने के बाद कहता है कि “ डर के आगे-पीछे ऊपर-नीचे सब जगह जीत है जो डर गया समझो मर गया ।” कील और नील उस से कहता है कि “ भाई जब ज़िंदा ही नहीं बचेगे तो जीत लेकर करेगे क्या ? आचार ड़ालेगे या फिर उसकी भुजियाँ बनायेगे ।” बिल्ला भाई उन दोनों को समझा-बुझाकर बैंक लूटने के लिए मना लिया । तीनों काला चश्मा और फूटे पुराने कोट पहनकर बैंक लूटने के लिए अंदर चले गये । बैंक के अंदर पहुँचने पर कील और नील बिल्ला भाई से लिफ्ट से ऊपर चलने के लिए कहा । मगर लिफ्ट के बाहर खड़े पुलिस वाले के पास बड़ी सी बंदूक देखकर अपना इरादा बदलते हुए बिल्ला भाई सीढ़ियो से ऊपर चलने को कहा । अभी पचास ही सीढ़ी चढ़े थे कि तीनों बुरी तरह थक कर जमीन पर लेट गये । बिल्ला भाई उस से कहता है कि “ आज मेरी तबीयत थोड़ी सी खराब है । ऐसा है कल हम बैंक लूटते है । तीनों बैंक से बाहर आकर एक नए प्लान के बारे मे सोचने लगे । बिल्ला भाई कील और नील से पूछता है कि “ इतनी लंबी सीढ़िया कौन बनाता है ?” दोनों ने साथ मिलकर बताया कि “ बिल्डिंग इंजीनियर भाई ।” बिल्ला भाई उनसे कहता है कि “ बस एक बार मुझे जाये तो ऐसी जगह कंटूगा ना , तो वो डॉक्टर को दिखाने लायक रहेगा और ना ही किसी को बताने लायक।” इसके बाद तीनों खाने की तलाश मे गलियो की तरफ मुड गये । इधर मार्कश सड़क पर पहुँचते ही सब से कहता है कि “ खाने की तलाश मे कोई भी अकेले इधर-उधर नहीं जायेगा ; बल्कि उसके साथ दो या तीन लोग का होना जरूरी है । याद रहे रात होने से पहले सब को घर लौट आना है ।” उसकी बात सुनकर सब अलग-अलग दिशाओ मे निकल पड़े । जोमली – कोलर के साथ मिलकर रेस्टोरेन्ट और घर के बाहर पड़े कचरे के ढेर मे खाना ढुढ़ने लगे । कचरे के ढेर मे जोमली को दो सेब और कोलर को मक्खन के साथ ब्रैड का पैकट पड़ा मिला । शाम को एक-एक करके सब पुराने नाले के पाइप के पास इकट्ठा होने लगे । मार्कश के आने पर सब अपने साथ लाये हुए खाने को उसके सामने रखने लगे । वह उनसे कहता है कि “ पहले बूढ़े और बच्चो को खाना दिया जायेगा और उसके बाद ही सब को ।” सब लाइन बनाकर खाना लेते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे । एकदम आखिरी मे फल का डिब्बा मार्कश के हिस्से में आया । जैसे हो वो खोलकर खाने चला । कोलर उसको अपना ब्रैड और मक्खन देकर कहता है कि “ इसे आप मत खाओ , क्योकि इसके अंदर का खाना कई महीने पहले ही खराब हो चुका है ।” उसकी बात ना मानकर जब मार्कश ने फल का बंद डिब्बा खोला तब हैरान हो गया क्योकि वास्तव मे अंदर का खाना खराब हो चुका था । खाना खा रहे सब लोग कोलर को जादूगर समझकर ज़ोर –ज़ोर से तालियाँ बजने लगे । कील और नील जब इस बात का जिक्र बिल्ला भाई से किया । तब वह उन दोनों से कहता है कि “ ये कोई जादूगर नहीं है बल्कि पुलिस का खबरी है ।” इतने मे उसकी रोटी हाथ से छोड़कर जमीन पर गिर पड़ी । उसी समय ना जाने कहाँ से दो मोटे चूहे उस पर से चढ़कर भाग गये । बिल्ला भाई अपनी रिवाल्वर निकालकर भागते हुए चूहो पर गोलियां चलाने लगा । कील और नील उस से पुछते है कि “ क्या हुआ भाई ? ” वह उन दोनों से कहता है कि “ हट जाओ मेरे रास्ते से । ये बदमाश चूहे अभी- अभी मेरी रोटी पर से चढ़कर भागे है ।” कील और नील उस से कहते है कि “ अरे भाई टेंशन क्यो लेते हो ? उन चूहे ने भला कौन से जूते पहन रखे थे ।” बिल्ला भाई मुस्कुराकर कहता है कि “ ये बात मेरे दिमाग मे क्यो नहीं आयी ।” मार्कश कोलर से पूछता है कि “ तुम्हें कैसे पता चला की बंद डिब्बे में रखा खाना खराब हो चुका है ।” कोलर उस से कहता है कि “ ये गुण मेरे अंदर बचपन से ही है । मै दूर से ही सूंघकर यह बता सकता हूँ कि खाना खराब है या अच्छा ।” मार्कश कोलर से कहता है कि “ ये ईश्वर का दिया गया अनमोल तोहफा है इसे हमेशा अच्छे काम मे इस्तेमाल करना ।” अगले दिन बिल्ला भाई एक बार फिर से अपनी गैंग के साथ बीटा बैंक पहुंचा । लेकिन इस बार तीनों प्लान बनाया कि अगली बार की तरह सीढ़ियो के बजाये लिफ्ट का इस्तेमाल करेगे । लिफ्ट के बाहर पुलिस वाले को ना पाकर तीनों बहुत खुश होकर उसके अंदर चले गये । उन तीनों के अंदर जाते ही लिफ्ट अपने आप बंद हो गयी और बड़ी तेजी से ऊपर जाने लगी । लेकिन किसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते अंदर जल रही बल्ब भी बुझ गयी और लिफ्ट बड़ी तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी । बिल्ला भाई ज़ोर से चिल्लाकर कहता है कि “ ये हो क्या रहा है ? बच्चे की जान लेगा क्या ।” लिफ्ट एकदम नीचे जाकर तहखाने मे खोला । तीनों उसके अंदर बेहोशी हालत मे पड़े मिले । इधर – जोमली और कोलर लंदन की महारानी एलिज़ाबेथ के राजमहल (बाघिर्कम-प्लेस) के सामने से गुजरे । राजमहल की खूबसूरती देखने का लिए दोनों गेट के पास खड़े हो गये । बगीचे घूम रहे शाही कुत्ते वहाँ पर आकर भोकते कहते है कि “ तुम जैसे आवारा-सड़क छाप कुत्तो की हिम्मत कैसी हुई ? इस गेट को छूने की , चलो जल्दी से साफ करो ।” जोमली उन दोनों से कहती है कि “ अपने आप इतना घमंड करना अच्छी बात नहीं है जिस दिन मेरा दोस्त सुपर हीरो बनेगा ना। उस दिन तुम सब उसके सामने छोटे नजर आओगे ।” शाही कुत्ते जोमली से कहते है कि “ इसके ना तो मालिक का पता है और ना ही ये ऊंचे नस्ल का है । ये सिर्फ एक आवारा और सड़क छाप कुत्ता है ।” उसका मज़ाक उड़ाते हुए शाही कुत्ते वहाँ से चले गये। कोलर अपना सिर शर्म से नीचे झुका कर धीरे-धीरे बढ़ने लगा । जोमली उसके पास आकर पूछती है कि “ अब तुम्हारा मुँह क्यो लटका हुआ है ? ” वह दबी आवाज मे उस से कहता है कि “ दरअसल में चलते-चलते थक गया हूँ , बस थोड़ा सा आराम करना चाहता हूँ ।” जोमली हँसकर उस से कहती है कि बस इतनी सी बात ! चलो उस गली मे बैठकर आराम कर लेते है ।” दोनों गली के फुटपाथ पर बैठकर आराम करने लगे । जोमली कोलर को अकेला छोड़कर सामने पड़े कचरे के ढेर में खाना ढुढ़ने लगी । सड़क पर घूम रहे तीन बदमाश कुत्ते जोमली को देखकर गुररते हुए उसकी तरफ बढ़ने लगे । वह डर के मारे काँप-काँपते हुए दीवार के एक कोने मे बैठ गयी । अपने दोस्त को मुसीबत मे घिरा देखकर कोलर उसको बचाने के लिए दौड़ पड़ा । कोलर को सामने देखकर बदमाश कुत्ते उस से कहते है कि “ अबे ढक्कन मेरे रास्ते से हट जा वरना तू भी इस बिल्ली के साथ मारा जायेगा ।” वह उनसे कहता है कि “ ये मेरी दोस्त है इसको बचाने के लिए अगर मुझे मौत से भी लड़ना पड़े तो मै उस से भी लड़ूँगा । तुम जैसे कुत्ते क्या जानोगे परिवार और दोस्ती का मतलब ? ” बदमाश कुत्ते उस से कहते है कि “ तूने मेरे दिमाग का दही से लस्सी बना दिया है खजूर । तू तो गया बे ।” उसको मारने के लिए तीनों धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे । अचानक मार्कश ने उन पर हमला कर दिया । इस जबरदस्त हमले से तीनों बदमाश कुत्ते अपनी जान बचाकर वहाँ से भाग निकले । दोनों जल्दी से मार्कश के पास आकर गले लग गये। मार्कश उन दोनों के सिर पर हाथ फेरकर कहता है कि “ सब कुछ ठीक है । अब तुम्हें कोई तंग करेगा ,जाओ अपना खाना ढूंढो ।” कोलर जान बचाने के लिए मार्कश को थैंक यू बोला । मगर वह कुछ कहे बिना ही वहाँ से चला गया । कोलर जोमली से पूछता है कि “ मार्कश को इतना गुस्सा क्यो आता है ? ” जोमली उस से कहता है कि “ वो ऐसा ही है । ना ज्यादा किसी से बात करता है और ना ही कभी हँसता है । बस वो हमारे बारे मे सोचता रहता है , इसलिये तो वो हमारा लीडर है । यहाँ पर खड़े होकर देख क्या रहे हो ? चलो जल्दी से खाना ढूंढते है वैसे भी काफी देर हो चुकी है ।” उधर लिफ्ट के अंदर बेहोश पड़े तीनों को होश आ गया । कील और नील बिल्ला को भाई से कहते है कि “ भाई मेरा सिर बहुत तेजी से घूम रहा है मुझे आप दो दिखायी दे रहे है । अगर मै डॉक्टर के पास नहीं गया तो मर जाऊँगा ।” बिल्ला भाई उन दोनों को जबरदस्त थप्पड़ मारकर कहता है कि “ अब कैसा लग रहा है ? ” कील और नील उस से कहते है कि “ एकदम ठीक हो गये भाई । अब सब कुछ अच्छा-अच्छा महसूस हो रहा है । इतनी ऊंचाई से गिरने पर हमारा सिर घूम गया । मगर आपको कुछ नहीं हुआ भाई ये कैसे ? ” कील नील के पेट में घूसा मारकर कहता है कि “ इतना भी समझ में नहीं आता कि भाई ना तो मर्द है और ना ही औरत ।” यह सुनते ही बिल्ला भाई अपना रिवाल्वर निकाल कर कहता है कि “ मुझे समझ क्या रखा है ? इतनी गोली मारूँगा की चार दिन के बाद उठकर बोलेगे कि कहाँ हूँ मै , कहाँ हूँ मै ।” दोनों घबराकर बिल्ला भाई से कहते है कि “ भाई आप पुरुष नहीं बल्कि महापुरुष है । साक्षात भगवान के महाअवतार है । परमाणु बम तो क्या हाइड्रोजन बम भी भाई का कुछ नहीं बिगड़ा सकता । अचानक बिल्ला भाई के अंदर सोया हुआ हीरो जाग उठा । वह चिल्लाकर कील और नील से कहता है कि “ हाँ ! मुझे आगे –पीछे ऊपर –नीचे दाये –बाये अंदर-बाहर से कोई नहीं मार सकता । दरअसल खुद पिता परमेश्वर ने मुझे अमर होने का आशीर्वाद दिया है ।” इतना कहकर जैसे ही आगे बढ़ा । वैसे ही सीवर लाइन के लिए खोदे गये गहरे गड़ढ़े मे गिर पड़ा । कील और नील ऊपर से पुछते है कि “ भाई क्या आप अंदर ठीक हो ?” तभी गड़ढ़े के अंदर से आवाज सुनायी दी - अरे गधों , नालयको इस गड़ढ़े से मुझे जल्दी से बाहर निकालो ।” दोनों उस गड़ढ़े मे रस्सी फेककर बिल्ला भाई को किसी तरह से बाहर निकालने मे कामयाब हो गये । बिल्ला भाई कील और नील से कहता है कि “ पता नहीं सुबह किसका चेहरा देखा था कि सारा काम बिगड़ता चला जा रहा है ।” कील और नील बिल्ला भाई से कहते है कि इसलिये मै कहता हूँ भाई -सुबह उठते ही आइने मे जाकर अपना चेहरा मत देखो ।” वह कील और नील का गला दबाकर ज़ोर-ज़ोर से हिलाते हुए कहता है कि “ पाइरिसी सीडी के खाली पड़े लिफाफे हर वक़्त अपने बॉस की बेइज्जती करने का कोई कसर नहीं छोड़ते हो । हमेशा सड़ा- सड़ा आइडिया लेकर आते हो और जब वो चल नहीं पाती है तो अपने बॉस का नाम फँसा देते हो।” कील और नील उगली से इशारा करके बिल्ला भाई को बताया कि उनका दम घूंट रहा है । बिल्ला भाई अपनी जंग लगी हुई रिवाल्वर में सिर्फ एक गोली भरकर कहता है कि “ जल्दी से एक दूसरे के गले लग जाओ क्योकि तुम दोनों को मारने के लिए सिर्फ एक गोली ही का इस्तेमाल करूंगा । आज कल लंदन मे गोलियां दाल से भी महंगी हो गयी है ।” दोनों एक –दूसरे के गले लगकर आखिरी समय मे पिता परमेश्वर को याद करने लगे । तभी चमत्कार हुआ बिल्ला भाई की जंग लगी रिवाल्वर नहीं चली । यह देखकर कील और नील ने राहत की सांस ली । रिवाल्वर से गोली क्यो नहीं चली इसका पता लगाने के लिए बिल्ला भाई उसकी जांच करने लगा । ठीक उसी समय जंगी लगी रिवाल्वर चल गयी और उसमे से निकली गोली उसके माथे को खरोचते हुए क्रेन से लटकी सीमेंट की बोरी जा टकरायी । इस से पहले की वो कुछ समझ पाता । सीमेंट की लटकी बोरी टूटकर ठीक बिल्ला भाई के ऊपर गिर पड़ी और वह तुरंत ही बेहोश हो गया । इसी का फायदा उठाकर कील और नील वहाँ से भाग गये । शाम के समय सब अपना-अपना खाना लेकर पुल के नीचे इकट्ठा होने लगे । एकदम आखिरी मे बिल्ला भाई अपने मुँह मे दबा रखी दो मछली मार्कश के सामने रखा दी । मार्कश बिल्ला भाई से पूछता है कि “ इतनी बड़ी मछली तुम्हें कहाँ से मिली ? कही तुमने इसको चुराया तो नहीं ।” बिल्ला भाई उनसे कहता है कि “ क्या बोल रहे हो भाई ? ये तो मुझे सुपर मार्केट के बाहर गिरी हुई मिली । अगर यकीन नहीं है तो वहाँ जाकर देखा लो । अभी भी वो चीनी लड़की अपनी गिरी मछली को ढूंढा रही हो होगी ।” सब के सो जाने के बाद कोलर पुल के ऊपर बैठकर आकाश मे जगमगाते हुए तारो को देख रहा था कि तभी एक आवाज सुनायी दी कि “ तुम अभी तक जाग रहे हो ।” जब वह पीछे मुड़कर देखा तो जोमली खड़ी हुई मिली । कोलर-जोमली को सो जाने के लिए कहा। उसकी बात को नजरंदाज करते हुए जोमली उसके बगल मे बैठ गयी । जोमली कोलर से कहती है कि “तुम मुझसे कुछ छिपा रहे हो , हम दोनों एक अच्छे दोस्त है ।” इतना कहकर उसके कंधो पर अपना हाथ रखा दी । तब वह अपने आँसू को रोक नहीं पाया और उसने बताया कि “ मै कभी सुपर हीरो नहीं बन पाऊँगा ; क्योकि मै एक आवारा और सड़क छाप कुत्ता हूँ और ऊंचे नस्ल का भी नहीं ।” जोमली हँसकर उस से कहती है कि “ अब मुझे समझ मे आया कि तुम पूरे दिन उदास क्यो थे ?” उसका हाथ पकड़कर पुल के टूटे रेलिंग के पास लाकर बताया कि “ जो ये बड़ी-बड़ी बिल्डिंग देख रहे हो ना । इसको भी एक मामूली इंसान ने बनाया है । भला कौन कह सकता था कि भविष्य मे कोई इतनी बड़ी बिल्डिंग बनायेगा । कौन कह सकता था कि यही इंसान चन्द्रमा पर अपने देश का झण्डा फहरायेगा । वह कौन था जो पर्वतो को काटकर सड़क बनाया । वह कौन था जो सुमन्द्र और आकाश को अपने कदमो मे झुकाया। वो ना देवता था और ना ही शाही-खानदान का बल्कि वो एक आम इंसान था । हिम्मत और आत्म विश्वास से ही सब अपने मंजिल तक पहुँचते है । ये सब गुण कोई अपने साथ लेकर पैदा नहीं होता है बल्कि इसी दुनियाँ मे आकर सिखाता है । बिल्ला भाई करीब चालीस बार बैंक लूटने की कोशिश की । लेकिन कभी कामयाब नहीं हुए इसका मतलब ये नहीं कि उसने हार मान ली । वह रोज सुबह एक नये प्लान के साथ उठते है और निकल पड़ते है एक बार फिर से बैंक लूटने को ।” इतना सब कुछ सुनकर कोलर अपने आप रोक नहीं पाया और जोमाली को गले लगाकर सोर्री कहा । वह हँसकर कोलर से कहती है कि “ दोस्ती मे सोर्री – थैंक यू की कोई जगह नहीं होती है सिवाये एक छोटे सी मुस्कान की ।” इसके बाद दोनों सोने के लिए चले गये । मार्कश को सुबह मे अकेला दौड़ता देखकर कोलर भी उसके साथ दौड़ने लगा । मार्कश बिजली की तेजी के साथ जमीन पर बिखड़ी पड़ी पाइपो को एक ही बार छलांग लगाकर पार करने लगा । यह देखकर कोलर अपने दाँतो तले उंगली दबा ली । वह भी गिरते-उठते हुए पाइपो को पर करने लगा । यह सिलसिला करीब कई महीनो तक चलता रहा लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी । इतिहास गवाह है कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती । धीरे-धीरे उसकी मेहनत और ट्रेनिग ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया । उसकी दौड़ने की रफ्तार हवा के तरह और लड़ाई के दांव-पेच बिजली की तरह तेज हो गयी । मार्कश कोलर के पास आकर कहता है कि “ एक दिन तुम मुझसे भी ज्यादा ताकतवर बनोगे ।” रोजाना के तरह सारे जानवर माधवी डोनारु के घर के पर नाश्ता कर रहे थे कि तभी दो मकान तोड़ने वाली मशीन के साथ पुलिस की कार वहाँ पर आकर रुकी । पुलिस को देखते ही माधवी डोनारु और मैकसी घर से बाहर आकर उनसे पूछती है कि “ क्या हुआ आफिसर ? इस से पहले की वो पुलिस वाले कुछ कहा पाते। काला कोट पहना हुआ एक व्यक्ति उनके पास जाकर कहता है कि “ आपको ये मकान दो हफ्तों के अंदर खाली करना होगा । दरअसल आपने जो बैंक से लोन लिया था । आजतक उसको वापस भी नहीं किया इसलिये कानूनी तौर पर आपका घर और जमीन बैंक ने अपने कब्जे मे कर लिया है ।” इतना कहकर कानूनी कागजात की एक डूप्ली-केट कॉपी माधवी डोनारु को दे दी । उसने पूरा पढ़ने के बाद मैकसी को बताया कि ये कागजात बिलकुल असली है । मैकसी ने बैंक से आये वकील को विश्वास दिलाया कि “ दो हफ्तों के अंदर यहाँ से चले जायेंगे ।” उनकी आंखो मे सच्चाई देखकर सब लोग वहाँ से जाने लगे । माधवी डोनारु मैकसी से कहती है कि “ दादी ये हमारा खानदानी घर है इसको बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करूंगी ।” बैग मे समान भरते हुए मैकसी उस से कहती है कि “ कोशिश करना बेकार है बैंक को देने के लिए उतने पैसे नहीं है जितने उनको चाहिये । इसलिये मेरी बात मानो तुम भी अपने जरूरत का सामना बैग मे भरना शुरू कर दो ।” इतना कहकर उसने एक बैग माधवी डोनारु को पकड़ा दी । वह बैग को कोने मे फेककर बाहर चली गयी । घर के दरवाजे के पास खड़े सारे जानवरो ने उन दोनों की पूरी बात सुन ली । मार्कश अपने दोस्तो से कहता है कि “ हम सब को मिलकर इस परिवार की मदद करनी होगी अब से खाने के सामना के साथ कीमती चीजों को भी ढूंढकर यहाँ पर जमा करना होगा । ताकि ये उसको बेचकर बैंक का कर्ज चुका सके ।” सारे जानवर को मार्कश की यह योजना काफी पसंद आयी। उस परिवार की मदद करने के लिए सब लंदन की हर गलियो मे घूम-तो घूमकर खाने के सामना के साथ कीमती चीजों को भी ढूँढना शुरू कर दिया । किसी के हाथ मे पेप्सी की खाली बोतल तो किसी के हाथ खराब डैडी बीयर , चप्पल , लेडी सैंडील , पुराना पर्स के साथ शैम्पू का खाली डिब्बा जैसे फेके गये कई पुराने सामान मिलने लगे । इधर माधवी डोनारु पैसो का इंतजाम करने के लिए अपने दोस्तो के यहाँ गयी । लेकिन सब के पैसो को मिलकर भी उतने नहीं हो पाये जितना बैंक को देना था । घर पहुँचते ही दादी को सामने देखकर वह अपने आप को रोक नहीं पायी और उनको गले लगाकर रोने लगी । उसके बहते हुए आँसू और बेबसी इस बात का सबूत दे रहे थे कि वो अपने घर को नहीं बचा पायी । उसी समय कुत्ते और बिल्लियो की टोलियाँ वहाँ पर आ गयी । मैकसी माधवी डोनारु के आँसू पोछकर कहती है कि “ देखो तुम्हारी छोटी सी फौज क्या लायी है ? ” जब वह पीछे मुड़कर देखी तो उसके रोते हुए चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गयी । एक –एक करके सब अपने साथ लाये हुए चीजों को उसके सामने रखने लगे । जिसमे कंघी , बैग , पेप्सी की खाली बोतल , टूटे खिलौने जैसे फैके गये कई पुराने सामान वहाँ पर इकट्ठा हो गये । यह देखकर बिल्ला भाई उन सबसे कहता है कि “ अरे अनपड़ जाहिलों इस मासूम सी लड़की की मदद करने को कहा था । कबाड़ की दुकान यहाँ खोलने को नहीं कहा था । इस से अच्छा होता कि हम सब मिलकर एक बैंक लूटते और उसका पैसा उसी को देते है । एक कहावत तो सुनी होगी जिसका जूता उसी का सिर ।” इस से पहले की वो कुछ और कहा पाता । माधवी डोनारु घुटनो पर बैठकर सब के सिर पर प्यार से हाथ फेरने लगी । मैकसी रसोई से एक बहुत बड़ा केक लाकर माधवी डोनारु को देते हुए कहती है कि जितने दिन भी हम यहाँ पर रहेगे । हर पल खुशी से मनायेगे ताकि उसकी यादे हमेशा हमारे साथ रहे ।” अगली सुबह- कोलर और मार्कश को जोमली से पाता चला कि बिल्ला भाई ने कल रात शोले फिल्म देखी और धरम पाजी की तरह ( बालीवुड के अभिनेता धर्मेन्द्र ) पुल के नीचे रखे पुराने पाइप पर चढ़कर हंगामा मचा रहे थे कि अचानक उनका पैर फिसला और वो गंदे नाले मे गिर गये । यह बात सुनते ही कोलर बिल्ला भाई की जान बचाने के लिए दौड़ पड़ा । इधर गंदे पानी मे बिल्ला भाई लगातार तैरने की कोशिश कर रहा था मगर कामयाब नहीं हो पर रहा था । अचानक उसके हाथ मे एक मछली लग गयी । वह उस मछली से कहता है कि “ मै तो अपनी जान नहीं बचा सकता लेकिन तू अपनी जान बचा ले ।” इतना कहकर उस मछली को किनारे फैक दिया । कोलर वहाँ पर पहुँचते ही सीधा हवा मे छलांग लगाकर नाले मे कूद पड़ा । वह तैरते हुए सीधा बिल्ला भाई के पास पहुँचकर उनको सही सलामत नाले से बाहर निकाल लिया । उसकी बहादुरी को देखकर वहाँ पर मौजूद सारे जानवर ज़ोर-ज़ोर से तालियाँ बजाने लगे । मार्कश कोलर के पास आकर कहता है कि “ बच्चे तुमने बहुत ही अच्छा काम किया । अब मुझे लगता है कि मेरे बूढ़ा होने के बाद तुम इन सब की देख-भाल अच्छी तरह कर सकते है ।” कोलर मार्कश उस से कहता है कि “ मै चाहे जितनी भी कोशिश कर लू , लेकिन तुम्हारी जगह कभी नहीं ले सकता । क्योकि तुम हमारे लीडर हो ।” इतना कहकर एक बार फिर से गंदे नाले मे छलांग लगा दी । मार्कश और जोमली उस से पूछते है कि “ अब क्या जरूरत थी गंदे नाले मे कूदने की ।” तब कोलर ने उन दोनों को बताया कि “ बिल्ला भाई को बचाते समय मैंने इस पानी के अंदर एक छोटा सा चमकीला थैला देखा है बस उसे ही ढुढ़ने जा रहा हूँ । शायद उस से माधवी डोनारु को कुछ पैसे मिल जाये ।” मार्कश उस से कहता है कि “ जल्दी से अपना काम खत्म करके नाश्ता के लिए माधवी डोनारु के घर पहुँचो । हम सब तुम्हारा वही पर इंतजार करेगे ।” कोलर गंदे नाले के सतह मे जाकर बेकार पड़ी चीजों को हटाकर चमकीला थैला ढुढ़ने लगा । जब इसको थैला नहीं मिला तो वो फिर से एक नयी उम्मीद लेकर दुबारा ढूँढने के लिए सतह के नीचे गया । इस तरह उसने नाले का हर एक कोना-कोना छान डाला । आखिरकार उसकी मेहनत रंग लायी । उसे पत्थर के नीचे दब चमकीला थैला मिला गया। वह तुरंत ही नाले से निकलकर सीधा माधवी डोनारु के घर पहुंचा । जहां पर सब मिल-जुलकर नाश्ता कर रहे थे । कीचड़ से लथपथ कोलर को देखते ही माधवी डोनारु नल मे पाइप लगाकर उसको धोने लगी । साफ पानी से नहाने के बाद कोलर के मुंह मे दबा रखा चमकीला थैला माधवी डोनारु के हाथ मे देकर अपना दुम हिलाने लगा । वह दादी को आवाज देकर जल्दी से बाहर आने के लिए कही । मैकसी उसके पास आकर इस तरह से बुलाने का कारण पूछी । तब माधवी डोनारु चमकीला थैला दिखाकर कहती है कि “ ये देखो दादी मेरे लिए लाया है शायद इन चीजों से ये सब हमारी मदद करना चाहते है ।” यह कहकर वो थैला अपनी दादी को दे दी । इतने मे मैकसी को महसूस हुआ कि इसमे जरूर कुछ है । जब वह थैला खोलकर पलटी तो उसमे रखे तीन पुराने सिक्के उनके हथेली पर गिर पड़े । उन सिक्के को देखते ही मैकसी हैरान हो गयी क्योकि वो कोई मामूली सिक्के नहीं थे । माधवी डोनारु को वो सिक्के दिखाकर मैकसी उस से कहती है कि “ इस पर इंग्लैण्ड की पहली महारानी जी का चित्र बना है । जो इस बात को साबित कर रहा है कि ये बहुत पुराना सिक्का है । इसलिए इसको लार्वे म्यूजियम को देना होगा , क्योकि ये इंग्लैण्ड की संपति है । अपनी दादी की बात सुनकर माधवी डोनारु कोलर के सिर पर हाथ फेरते हुए कहती है कि तुमने तो कमाल कर दिया कोलर । उसी समय वो अपने भीगे शरीर का सारा पानी उन दोनों के ऊपर तेजी से झाड़कर भाग गया । माधवी डोनारु चिल्लाकर उस कहती है कि “ रुक जा बदमाश अभी तुझे बताती हूँ ।” इतना कहकर उसको पकड़ने के लिए दौड़ पड़ी । माधवी डोनारु को उस कुत्ते के साथ खेलता देखकर मैकसी मन में बहुत खुश हुई कि आखिरकार उसके चेहरे पर खोयी हुई मुस्कान दुबारा नजर तो आयी । इंग्लैण्ड का प्रसिद्ध लार्वे म्यूजियम ( संग्रहालय ) के डायरेक्टर गोल्डी को वो सिक्के दिखाकर दोनों कहती है कि “ इसे हम आपके म्यूजियम को देना चाहते है दरअसल ये सिक्के हमारे कुत्ते को कही से मिला थे ।” उन सिक्को को थोड़ा सा साफ करके लेन्स से देखने के बाद डाइरेक्टर गोल्डी उनसे कहते है कि “ इसे वैज्ञानिक तरीके से साफ करने के बाद ही पता लगाया जा सकता है कि वास्तव मे ये सिक्का कितना पुराना है और किसके शासनकाल मे बना था । इन्हे यहाँ पर लाकर अपने एक अच्छे नागरिक होने का फर्ज निभाया है । इसलिये अपना नाम और पता म्यूजियम के बाहर बने काउंटर नंबर 10 पर लिखावा दीजिये । लार्वे-म्यूजियम पोलिसी के अनुसार जब कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से राष्ट्रीय-धरोहर को यहाँ लाकर दान करता है तो क्रिसमस वाले दिन तोहफा भेजकर उसका शुक्रिया अदा करते है। ताकि उन्हे याद रहे कि राष्ट्रीय को बचाने मे उसने म्यूजियम की मदद की है ।” उनसे बातचीत करने के बाद माधवी डोनारु और मैकसी टैक्सी मे बैठकर वहाँ से चली गयी । आधी रात मे माधवी डोनारु को सीढ़ियो पर अकेला बैठा देखकर मैकसी उस से कहती है कि “ अभी तक तुम सोयी नहीं । जरा घड़ी की तरफ तो देखो कितने बज रहे है ? अगर ऐसी जागती रही तो तुम्हारी तबियत जरूर खराब हो जायेगी ।” माधवी डोनारु मैकसी से कहती है कि “ दादी आप भी तो जाग रही है ।” कुछ देर सोचने के बाद मैकसी माधवी डोनारु के बगल मे बैठकर कहती है कि “ तुम इस घर के बारे मे सोचकर अपना दिल छोटा क्यो कर रही हो ? जबकि इस बात पर खुश होना चाहिए कि उसको बचाने के लिए तुमने पूरी कोशिश की । एक बात हमेशा याद रखना घर चाहे खानदानी हो या फिर मामूली असल मायने मे घर तब कहलाता है जब उसमे रहने वाले लोग एक दूसरे के साथ खुशी और प्यार से रहते हो । खुशियो से सुखी परिवार बनता है और सुखी परिवार से ही एक अच्छा घर बनता है ।” यह बात सुनते ही माधवी डोनारु उनके गले लगकर कहती है कि “ हमारे यहाँ से जाने के बाद इन मासूम जानवरो की देखभाल कौन करेगा ? ” मैकसी माधवी डोनारु से कहती है कि “ तुम चिंता मत करो हम आस-पास ही घर किराये पर ले लेगे ।” दो हफ्तों के खत्म होते ही – उसके दूसरे दिन बैंक मैनेजर दो बुलडोजर और पुलिस वालों को साथ लेकर उनके घर पहुंचा । माधवी डोनारु सारा सामान एक बैग मे भरकर अपनी दादी के साथ वहाँ से जाने लगी । उन दोनों को जाता देखकर कुत्ते और बिल्लियो की आंखों मे आँसू भर आयी क्योकि मासूम जानवर को बेघर होने का मतलब अच्छी तरह से पता था कि बाहरी दुनिया जितनी खूब सूरत दिखायी देती है असल मायने मे उतनी है नहीं । बैंक मैनेजर का इशारा पाते ही बुलडोजर घर तोड़ने के लिए आगे बढ़ने लगा लेकिन तभी काले रंग की एक लंबी सी कार वहाँ आकार रुकी । लार्वे म्यूजियम का डायरेक्टर गोल्डी जल्दी से बाहर निकल कहते है कि “ रुक जाओ इस घर को मत तोड़ना । मेरे पास महारानी जी का शाही फरमान है जिस पर लिखा है कि उन्होने बैंक का सारा कर्ज चुका दिया है ।” इतना कहकर छोटे से बैग मे रखे सारे कानूनी-कागजात एक – एक करके दिखाने लगा । सभी कानूनी कागजात को देखने के बाद बैंक का मैनेजर को यकीन हो गया कि ये सारे पेपर असली है । वह तुरंत ही सबको को वापस चलने के लिए कहा। पुलिस की कार के साथ बुलडोजर की गाड़ियों को इतनी जल्दी जाता देखकर मैकसी और माधवी डोनारु हैरान हो गयी । उन्हे समझ मे नहीं आया कि “ ये हो क्या रहा है ? ” दोनों वापस आकर देखी तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा । वह घर वैसा ही खड़ा था जैसा उन्होने छोड़ा था । तभी लार्वे म्यूजियम के डायरेक्टर गोल्डी के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनायी दी । जब वहाँ जाकर देखी तो डायरेक्टर गोल्डी कार के छत पर खड़े होकर कुत्ते और बिल्लियाँ को भाग रहे थे । कुछ कुत्ते और बिल्लियाँ उनके टायर को अपने दाँतो से काटकर पंचर करने की कोशिश कर रहे थे । बिल्ला भाई सब से कहता है कि “ इसी आदमी ने ये घर खरीद कर हम सब को बेघर किया है इसलिए छोड़ना मत इस पापी को भोकना कम काटना ज्यादा , मारना कम और घसीटना ज्यादा ।” माधवी डोनारु और मैकसी को सामने खड़ा देखकर सारे जानवर खुशी से अपना दुम हिलाते हुए उसके पास जाने लगे । यह देखकर डायरेक्टर गोल्डी ने राहत की सांस ली कि उनकी जान इन बदमाश जानवर से बच गयी । वह कार की छत से नीचे उतरकर मैकसी और माधवी डोनारु के पास गये । डायरेक्टर गोल्डी उन दोनों से कहते है कि “ अच्छा हुआ कि आप दोनों सही समय पर यहाँ आ गये । वरना ये बदमाश तो मुझे मार ही डालते ।” माधवी डोनारु कुत्ते और बिल्लियो को गोद मे उठाकर उनसे कहती है कि “ ये जानवर कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि ये सिर्फ हम लोग से थोड़ा सा प्यार चाहते है । बस जरूरत है तो इन्हे समझने की ।” मैकसी डायरेक्टर गोल्डी को अपने साथ घर के अंदर ले गयी और उनके के लिए चाय नाश्ता बनाकर लायी । चाय पीते समय माधवी डोनारु और मैकसी डायरेक्टर गोल्डी से पूछती है कि “ हमारा कर्ज किसने चुकाया ? ” चाय का कप नीचे रखकर उन दोनों को बताया कि “ दरअसल वो सिक्के इंग्लैंड की पहली महारानी विक्टोरिया को राजगद्दी मिलने पर तोहफे के रूप मे दिया गया था । उन सिक्को को शाही राजकोष के शुद्ध सोने से बनाया गया था । इसके बाद इन्ही सिक्को की नकल करके पूरे देश मे इनको बनवाने का आदेश दिया गया । जिस पर महारानी के चित्र के साथ नीचे उनका नाम भी लिखा था । धीरे –धीरे व्यापार और बैंको मे पुराने सिक्को को हटाकर ये नए सिक्को ने उनकी जगह ले ली । एक दिन महारानी विक्टोरिया राजमहल के पीछे बने शाही झील मे पालतू जानवरो के साथ खेल रही थी कि अचानक उनके जेब मे रखे सिक्के बहते पानी मे गिर गये और उन्हे पता भी नहीं चला । खानदानी सिक्को के खो जाने पर महारानी बहुत परेशान हो गयी क्योकि उस समय के दौरा मे अगर महारानी या महाराज से कोई भी बेशकीमती चीज खो जाती थी तो इसका सीधा असर उसके शासन के ऊपर पड़ता । सब तरह तरह की बाते करने लगते कि जो महाराज और महारानी अपनी चीजों को संभाला नहीं सकते । वो भला देश की सुरक्षा कैसे करेगे ? कैसे लायेगा देश मे शांति और एकता । कभी –कभी ऐसे मुददों को हथियार की तरह इस्तेमाल करके सब विद्रोह कर दिया करते और ऐसे हालत मे महाराज और महारानी को अपनी राजगद्दी छोड़नी पड़ जाती । यह बात महारानी अच्छी तरह से जानती थी इसलिए उन्होने राजमहल मे काम कर रहे सभी नौकर-नौकरनी को हुक्म दिया कि राजमहल का कोना –कोना छाना मारो । मुझे किसी भी कीमत पर वो सिक्के चाहिये । चाहे इसके लिए आकाश और पाताल एक क्यो ना करने पड़े ? सिक्का ढूंढकर लाने वाले शख्स को एक तांगा भरकर सोना दिया जायेगा ।” यह खबर जंगल मे लगी आग की तरह फैल गयी । अब आम जनता भी उन सिक्के को खोजकर जल्द से जल्द अमीर बनने के सपने देखने लगी । लेकिन सब के हाथ निराश ही लगी । रात के खाने पर महारानी को याद आया कि जानवरो के साथ झील मे खलते समय शायद वो सिक्के वही पर गिर गये होगे । वह तुरंत ही शाही सैनिक को उस जगह पर भेजकर खोज बिन करने के लिए कही । लेकिन खोज बिन बेकार साबित हुई । उन सब की झुकी नजरे को देखकर महारानी समझ गयी और वह कुछ कहे बिना ही शाही सभा से उठकर चली गयी । समय की तरह राजगद्दी के उत्तराधिकारी भी बदलते रहे । मगर किसी के भी शासन काल मे वो सिक्के नहीं मिले । मैंने आपके दिये गए सिक्को को वैज्ञानिक तरीके से साफ करवाकर महारानी के पास ले गया । ताकि उनसे इन सिक्को के इतिहास के बारे मे पूछा जा सके । इन सिक्को को देखते ही महारानी जी खुश होकर पूछती है कि “ हमारे खोये हुए खानदानी सिक्के आपको कहाँ से मिले ? ” तब मैंने तुरंत ही आपके बारे मे सब कुछ बताते चला गया । जब सुना कि आपने गरीबी हालत मे भी ईमानदारी दिखाते हुए ये सिक्के लार्वे –म्यूजियम को दान कर दिया तो उन्होने बैंक से कहकर आपका सारा कर्ज माफ करावा दिया और इतना ही नहीं उसी बैंक के स्पेशल लाकर मे कुछ पैसे भी जमा करवा दिये । इस घर के अलावा आस –पास की सारी जमीन अब आपकी है । इतना कहकर जमीन की सरकारी कागजात दोनों को देते हुए वहाँ से जाने लगे । माधवी डोनारु और मैकसी एक साथ घर मे बाहर आकर उनसे कहती है कि “ सर क्रिसमस पर जरूर आइयेगा ।” डाइरेक्टर गोल्डी उन दोनों से कहते है कि “ एक शर्त पर अगर आपके बाड़ी गार्ड मुझे ना काटे तो ।” यह सुनकर तीनों ज़ोर –ज़ोर से हंसने लगे। उनके जाने के बाद माधवी डोनारु और मैकसी फैसला किया कि अब से सारे कुत्ते और बिल्लियाँ यही पर रहेगे । महारानी जी के दिये गये पैसो से घर की मरम्मत करके उसे पहले से भी कई गुना अच्छा और सुंदर बनवाया । पुराने सामान को हटाकर उनकी जगह पर नये सामान लाये गये । माधवी डोनारु अपनी दादी के साथ मिलकर मिल्क डेयरी का काम शुरू कर दिया । सारे कुत्ते –बिल्लियाँ फार्म-हाउस के इर्द-गिर्द घूमकर गायों की देखभाल किया करते । ताकि उन्हे कोई भी परेशान ना कर पाये । जब गायों का झुंड फार्म-हाउस से बाहर जाने लगता । तब सारे कुत्ते-बिल्लियाँ एक साथ भौक कर वापस अंदर जाने को कहते । रोजाना उनके यहाँ से दूध खरीदने के लिए एक गाड़ी आती और उन्हे पैसा देकर दूध के बड़े –बड़े ड्रम अपने साथ ले जाती । उन पैसो को इकट्ठा करके बैंक मे जमा करने लगी । जिस से उनकी आर्थिक सिथती धीरे –धीरे काफी मजबूत हो गयी । तो दूसरी तरफ घर पर रिलायंस का डिश टीवी से लग जाने से बिल्ला भाई बहुत खुश हुआ क्योकि वह पूरी रात कुर्सी पर अकेला बैठकर टीवी पर डॉन -2 और ड्रग्स माफिया जैसी फिल्म देखता रहता । फिल्म के बीच मे मशीन गन की आवाज निकल कर किसी को भी चैन से सोने नहीं देता । इसलिये सब अपने कानो मे रुई डालकर सोने लगे । ताकि उनकी नीद रात मे खराब ना हो । छुट्टी वाले दिन बिल्ला भाई निज्जा फिल्म को देखते-देखते अचानक उनके अंदर सोया हुआ निज्जा जाग उठा । उसी के दांव –पेचो का नकल करके कील और नील को जमीन पर गिरा दिया । कुत्ते-बिल्लियो के मासूम बच्चे अपनी मम्मी से लिपटकर पूछते है कि “ मम्मी बिल्ला अंकल को फिर से दिमागी दौड़ा पड़ा है । शायद इस बार वो पूरी तरह से पागल हो गये है क्या ? हम मेंटल हॉस्पिटल मे फोन का दे ।” सब की मम्मी ने उन्हे समझाया कि “ इस फिल्म के खत्म होने पर तुम्हारे बिल्ला अंकल बिल्कुल ठीक हो जायेगे ।” अगले महीने माधवी डोनारु अपनी दादी के साथ बैंक मे पैसा जमा कर रही थी कि अचानक तीन नकाब पोश बदमाश बंदूक चलाते ही बैंक के अंदर घुस गये । जिस से वहाँ पर भगदड़ का मौहाल बन गया । एक बदमाश सब को बंदूक दिखाकर चुपचाप दूसरे कमरे मे चले जाने को कहा । फिर उस कमरे को बाहर से बंद करके बैंक को लूटने लगे । कोलर-जोमली के साथ उसी रास्ते से गुजर रहा था कि अचानक हवा मे बारूद की महक मिलते ही उसके कान खड़े हो गये । जोमली –कोलर से कहती है कि “ अब तुम्हें क्या हुआ ? ” कोलर उस से कहता है कि “ आस-पास कही गोली चली है ।” बारूद की गंध को सूंघते-सूंघते उस बैंक के पास पहुँच गया जहां पर गोली चली थी । बैंक लूट रहे बदमाशो को देखकर कोलर एकदम हैरान हो गया । जोमली कोलर से कहती है कि “ मै यहाँ पुलिस को बुलाकर लाती हूँ ।” कोलर उस से कहता है कि “ हमारे पास इतना समय नहीं है ।” जोमली उसकी तरफ देखकर मन मे कहती है कि “ पता नहीं अब ये क्या करने वाला है ?” वह अपनी पूरी ताकत लगाकर तेजी से दौड़ता हुआ आया और काँच की मजबूत गेट को तोड़कर अंदर पहुँचते ही एक बदमाश पर हमला कर दिया । अपने दोस्त की जान बचाने के लिए दोनों बदमाशो ने उस कुत्ते पर गोली चला दी । बंदूक से निकली गोली का सही अंदाजा लगाकर कोलर जल्दी से जमीन पर लेट गया । वो गोली सीधा जाकर उसके साथी के घुटने पर लगी । वह दर्द से चिल्लाकर कहता है कि “ अरे कमबख्तों उस कुत्ते को मारने के बजाये मुझे क्यो गोली मार दी ? ।” दोनों बदमाश उस से कहते है कि “ सांरी बॉस वो कुत्ता बहुत ही फुर्तीला और चालक है ।” घायल बदमाश उन दोनों से कहता है कि “ फिर यहाँ खड़े होकर भाषण देने के बजाये उस कुत्ते को ढूंढकर मार डालो , वो यही-यही छिपा है ।” दोनों बदमाश बंदूक लेकर उसको पुकारते हुए कहते है कि “ ओ मेरे प्यारी टोमी । तू छिपा है कहाँ ? मै तड़पता यहाँ ।” गमलो के पीछे छिपा कोलर सही मौका का इंतजार करने लगा । इधर- जोमली फार्म हाउस मे पहुँचकर मार्कश को बतायी कि “ कोलर की जान खतरे मे है वह अकेला ही बैंक लूट रहे बदमाश से लड़ रहा है ।” यह बात सुनते ही मार्कश उसकी मदद करने के लिए पूरी फौज के साथ निकल पड़ा । ट्राफिक सिग्नल पर लगी लाल बत्ती के जलते ही सड़क पर दौड़ती कारे एक –एक करके रुकने लगी । ठीक उसी समय सारे कुत्ते बिल्लियाँ एक साथ वहाँ से भागते हुए दिखायी दिये । यह देखकर रेस्टोरेन्ट के बाहर कार मे बैठे हुए दो पुलिस वाले के पैरो तले से जमीन खिसक गयी । कार मे लगे वायरलेस की मदद से पुलिस हैडक्वाटर मे सूचना दी कि “ अभी मैंने यहाँ से बहुत सारे कुत्ते –बिल्लियो को भागते हुए देखा है । मुझे लगता है कि कही ना कही गड़बड़ जरूर है इसका पता लगाने के लिए हम उनके पीछे जा रहे है ।” इतना कहकर दोनों कार से उनका पीछा करने लगे । उनकी मदद करने के लिए पुलिस हैडक्वाटर से दूसरी कार तुरंत ही निकल पड़ी । कोलर पेट के बल चलकर धीरे-धीरे बढ़ने लगा और मौका पाते ही जल्दी से भागकर टेबल के नीचे छिप गया । जैसे ही एक नकाब पोश उस टेबल के पास खड़ा होकर इधर-उधर देखने लगा । वैसे ही टेबल के नीचे छिपा कोलर उसके पैरो मे इतना ज़ोर से कटा कि वह घबराह कर तेजी से जमीन पर गिर पड़ा । कोलर अपने दाँतो और नाखूनो से उसके चेहरे को बुरी तरह से काटने लगा । घायल पड़ा बदमाश अपने दूसरे साथी से कहता है कि “ खड़े होकर तमाशा क्या देख रहे हो ? मार डालो इस बदमाश शैतान ।” अपने बॉस की बात मानकर पास मे रखी लोहे की कुर्सी से जैसे ही उसको मारने चला । उसी समय कोलर के सारे दोस्त बैंक के दरवाजे से , तो कोई खिड़की से अंदर आकर तीनों बदमाशो पर हमला करने लगे । कील और नील बिल्ला भाई से कहते है कि “ भाई धमकी हम देगे मारना आप।” कील और नील लगातार उन तीनों बदमाशो को धमकी दिये जा रहे थे और हमारा बिल्ला तन मन धन से उन तीनों को काटने मे लगा हुआ था । पुलिस की कार बैंक के बाहर आकर रुकी । बैंक के बाहर बिखरे पड़े कांचों को देखकर दोनों पुलिस वाले एक-दूसरे कहते है कि “ यहाँ जरूर कुछ गड़बड़ है ।” तभी बैंक के अंदर से कई लोगो के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनायी दी । यह सुनते ही दोनों पुलिस वालों ने अपनी रिवाल्वर निकाल ली और बैंक के अंदर पहुँचते ही हैरान हो गये । क्योकि सारे कुत्ते-बिल्लियों तीनों नकाब पोश बदमाश को मार काट रहे थे । इस से पहले की पुलिस की कुछ समझ पाते । अचानक उसे बगल के कमरे से खटखटने की आवाज सुनायी दी । जब उन्होने कमरे का दरवाज़ खोला तब उसमे बंद सारे लोग एक –एक करके बाहर आने लगे । जब माधवी डोनारु और मैकसी कमरे मे बंद लोगो के साथ बाहर आयी तो उनके पैरो तले से जमीन खिसक गयी । उन्होने देखा कि उनके कुत्ते-बिल्लियाँ बदमाश को बुरी तरह से मार रहे थे । दोनों पुलिस वाले एक-दूसरे से कहते है कि “ इन कुत्ते-बिल्लियो के बीच से उन बदमाश को बाहर कैसे निकाले ?” मैकसी और माधवी डोनारु सब को आवाज देकर अपने पास बुलायी । आवाज सुनते ही सब उनके पास आकर दुम हिलना शुरू कर दिये । पुलिस वाले माधवी डोनारु और मैकसी के पास जाकर कहते है कि “ ओह ! तो ये सब आपके पालतू जानवर है ।” दोनों उस पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहती है कि “ जी हाँ ! ये सब हमारे परिवार की तरह है । ” पुलिस वाले माधवी डोनारु से कहते है कि“ मेरा नाम जैक है और ये मेरा दोस्त जैम । अभी भी आपका एक कुत्ता उस घायल बदमाश को मार रहा है।” बिल्ला भाई बदमाश के चेहरे पर चढ़ा मास्क को अपने दाँतो से पकड़कर खीच रहा था और घायल बदमाश दर्द से चिल्ला रहा था । माधवी डोनारु पुलिस वाले की मदद से उस बदमाश को छुड़वाने लगी । आखिरकार बिल्ला भाई उसका नकाब और बाल दोनों एक साथ खीच लिया । जब उस घायल बदमाश का चेहरा पुलिस वालों के सामने आया तब उनके पैरो तले से जमीन खिसक गयी । दरअसल वो अन्तराष्ट्रिय आंतकवादी अब्बू फजल का छोटा भाई महमूद गजल था । सायरन बजती हुई पुलिस की दूसरी कार बैंक के बाहर आकर रुकी । पुलिस वाले जमीन पर दर्द से तड़प रहे बदमाशो को गिरफ्तार करने लगी । जैक और जैम माधवी डोनारु से कहते है कि “ आपके जानवर बहुत समझदार और बहादुर है । आज इनकी वजह से ही ये बैंक बच पाया है ।” जब बदमाशो को हथकड़ी पहनाकर वैन की तरफ ले जा रहे थे कि तभी महमूद गजल ज़ोर –ज़ोर से पागलो की तरह हँसता हुआ कहता है कि “ ये सब तो मेरे बड़े भाई अब्बू फजल की बनायी गयी छोटी सी चाल थी । जिसमे तुम सब एक कीड़े –मकोड़ो की तरह बड़ी आसानी से फंस गये लेकिन असली योजना तो इस से भी ज्यादा खतरनाक है । अब तक तो मेरे भाई ने लंदन के पाँच आबादी वाले जगह पर बम रख दिये होगे । कुछ ही देर बाद तुम सब को उस धमाके मे मरने वालों की आवाज़े यहाँ तक सुनायी देगी ।” उसकी बात सुनकर वहाँ पर मौजूद सब के पैरो तले से जमीन खिसक गयी । जैम और जैक पुलिस हैडक्वार्टर को सूचना दी कि “ अन्तराष्ट्रिय आतंकवादी अब्बू फजल के छोटे भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने बताया कि उसके बड़े भाई ने लंदन शहर के पाँच जगह पर शक्तिशाली बम रखे है । जिसके बारे मे उसको खुद नहीं मालूम या फिर हम से झूठ बोलने की कोशिश कर रहा है । बम निरोधक दल को भेजकर शहर मे रखे पाँच बमो को ढुढ़ने की कोशिश करे !” कोलर हथकड़ी से जकड़ा महमूद गजल के पास पहुँचकर उसके कपड़ो और जूतो को सूंघने लगा । उसकी इस हरकत को देखकर देखकर जैक और जैम माधवी डोनारु और मैकसी से पूछते है कि “ आप का ये कुत्ता क्या कर रहा है ? ” दोनों जैक और जैम से कहती है कि “ हम कुछ नहीं मालूम ।” कोलर सूंघने के बाद ज़ोर –ज़ोर से उनकी तरफ भोकते हुए वहाँ से भागने लगा । माधवी डोनारु जैक और जैम से कहती है कि “ शायद ये आपको कुछ बताना चाहता है ।” माधवी डोनारु अपनी दादी को बाकी के कुत्ते और बिल्लियो के साथ घर चले जाने को कही । मैकसी माधवी डोनारु से कहती है कि “ बेटा अपना और कोलर का ध्यान रखना ।” माधवी डोनारु जैक और जैम के साथ पुलिस की कार मे बैठकर उस के पीछे निकल पड़ी । पुलिस की कार लगातार उसका पीछा कर रही थी । लंदन के सबसे बड़े हॉस्पिटल (आइलोक ) के पास पहुँचते ही बाहर खड़ी लाल रंग की एम्बुलेंस को देखकर कोलर ज़ोर –ज़ोर से भोकने लगा । कार के अंदर से जैक और जैम के साथ माधवी डोनारु भी बाहर आयी । वह कोलर के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछती है कि “ क्या हुआ ? कोलर तुम इस तरह भौक कर क्या बताना चाहते हो ।” एम्बुलेंस की जांच करने पर जैक और जैम एक दूसरे कहते है कि “ इसमे बम लगा हुआ ।” वायरलेस से सूचना मिलते ही बम निरोधक दल वहाँ पर पहुँचकर उस शक्तिशाली बम को फटने से पहले ही रोक लिया । दोनों माधवी डोनारु से कहते है कि “ अपने कोलर से दूसरा बम ढुढ़ने के लिए कहिये ।” उन तीनों की बात उसने सुन ली और चुपचाप जमीन को सूंघने के बाद तेजी से दूसरी तरफ भागा । माधवी डोनारु पुलिस वालों से कहती है कि “ लगता है कोलर को दूसरा बम मिल गया है ।” एक बार फिर से पुलिस की कार उसकी पीछा करने लगी । कोलर जल्दी ही बैंक के अंदर रखा दूसरा बम , सिनेमा घर के सामने वाले फव्वारे से गिर रहा पानी के नीचे रखा तीसरा बम । रेस्टोरेन्ट के बाहर सड़क पर खाना खा रहे लोगो से कुछ ही दूर पर एक कचरे के डिब्बे मे रखा चौथा बम को ढुढ़ा कर फटने से पहले से रोक लिया गया । पांचवा बम को खोजने के लिए कोलर वहाँ से निकल पड़ा । चर्च के बाहर टैक्सी से एक लंबी दाढ़ी वाला व्यक्ति उतरा । जिसने काले रंग की पैंट-शर्ट पहने हुई थी । इधर – उधर देखने के बाद वह व्यक्ति अपने हाथ मे ली हुई भूरे रंग का बैग सीढ़ियो पर रखकर जैसे ही जाने लगा । वैसे ही तेजी से दौड़कर आ रहा कोलर हवा मे छलांग लगाते हुए उस बूढ़े व्यक्ति पर हमला कर दिया । सारे पुलिस वाले कार से उतरकर उस बूढ़े व्यक्ति पर अपनी –अपनी रिवाल्वर तना ली । जैक लाउडस्पीकर से चिल्लाकर कहता है कि “ अब्बू फजल भागने की कोशिश मत करना । तुम्हें चारो तरफ से घिरा लिया गया है इसलिए अपने दोनों हाथ पीछे करके जमीन पर लेट जाओ ।” उनकी बात सुनकर बूढ़ा बना हुआ अब्बू फजल चुपचाप जमीन पर लेट गया । कोलर बैग मे रखे पांचवे बम को वहाँ से उठाकर ले जाने लगा । इटनरपोल और एफ बी आई जैसी स्पेशल फोर्स ने अब्बू फजल को गिरफ्तार करने के आगे बढ़ने लगी । वह घुटनो पर बैठकर उनसे कहता है कि “ मुझे गिरफ्तार करने से कोई फायदा नहीं होगा क्योकि कुछ ही देर मे हम सब मरने वाले है ।” जैम बम ढुढ़ने के लिए पुलिस वालों को इधर-उधर भेजने लगा । दो पुलिस वाले चिल्लाकर जैक और जैम से कहते है कि “ सर वो कुत्ता बम को अपने साथ उठाकर कही ले जा रहा है ।” जैक और जैम के साथ माधवी डोनारु भी कोलर को पकड़ने के दौड़ पड़ी । लेकिन उस तक पहुँचने से पहले ही कोलर रेलिंग से कूद गया और हवा को चीरते हुए सीधा समुद्र मे जा गिरा । उसी समय बम फट गया , वो बम इतना शक्तिशाली था कि समुद्र का पानी हवा मे उछलकर कई फुट ऊपर चला गया और वापस उसी तेजी से नीचे गिरा । इस घटना को देखने के लिए लोगो की भीड़ पुल पर जाम होने लगी । माधवी डोनारु रेलिंग के पास जाकर कोलर का नाम पुकारने लगी । समुद्र की शांत लहरों को देखकर उसकी आंखो मे आँसू भर आयी । जैक और जैम माधवी डोनारु से कहते है कि “ तुम्हारा कुत्ता वाकई मे बहुत बहादुर और समझदार था ।” पुल पर खड़े दो –तीन बच्चे चिल्लाकर अपनी मम्मी से कहते है कि “ मम्मी उस कुत्ते को तो देखिये कैसे पानी मे तैर रहा है ?” यह सुनते ही जब माधवी डोनारु ने पुल के नीचे देखा तो कोलर पानी मे तैर रहा था । वह खुश होकर जैक और जैम को गले लगाकर कहती है कि “ सर मेरा कुत्ता जिंदा है ।” तीनों स्टीमर मे बैठकर कोलर की जान बचाने के लिए निकल पड़े । समुद्र के किनारे पहुँचते ही सारे मीडिया वाले माधवी डोनारु को चारो तरफ से घेरकर उस से पूछते है कि “ आपके छोटे से कुत्ते ने लंदन शहर का इतने बड़े बम धमाका बचाया , इसके बारे मे आप क्या कहना चाहती है और ये समझदार कुत्ता आपको कहाँ से मिला ? क्या इस तरह के और भी कुत्ते आपके पास है ।” जैक और जैम मीडिया वालों को हटाकर कहते है कि “ हम आपके सारे सवालो का जवाब देगे, लेकिन उस से पहले इस कुत्ते को हॉस्पिटल ले जाना जरूरी है प्लीज रास्ते से हट जाइये ।” तीनों पुलिस की कार मे बैठकर वहाँ से निकल पड़े । सारे मीडिया वाले उनके कार के पीछे दौड़ने लगे । लंदन के जाने –माने एनिगल हॉस्पिटल (जानवर का प्रसिद्ध हॉस्पिटल ) मे कोलर को पूरी तरह से चेक करने के बाद डॉक्टर कमरे से बाहर आकर माधवी डोनारु से कहते है कि “ आपके कुत्ते का जिक्र हर टेलीविज़न और रेडियो मे दिखाया व सुनाया जा रहा है कि किस तरह इसने दो खूंखार आंतकवादी को पकड़वाया और लंदन शहर को बम धमाको से बचाया । दरअसल कुत्तो मे सूंघने की शक्ति जबरदस्त होती है । इसलिए तो इन्हे आर्मी के साथ लड़ाई मे भेजा जाता है । ताकि बारूदी सुरंगो का पता लगाने मे उनकी मदद कर सके । एक कुत्ते को ट्रेनर करने मे सरकार के लाखो रुपये खर्च हो जाते है मेरा मानना है कि आपका कुत्ता लाजवाब है या कहे कि उनसे कई गुना बेहतर । वैसे आपका कुत्ता बिल्कुल ठीक है चाहे तो इसे अभी ले जा सकती है ।” माधवी डोनारु अपने कुत्ते को गोद मे उठाकर चुपचाप जैक और जैम के साथ वहाँ से चली गयी । घर के बाहर दो आलीशान करो को देखकर माधवी डोनारु एकदम सी घबराह गयी । कमरे मे पहुँचकर उसने देखा कि उसकी दादी मैकसी आर्मी का ड्रेस (पोशाक) पहने हुए एक व्यक्ति से बात चीत कर रही थी कि तभी उनकी नजर सामने खड़ी माधवी डोनारु पर पड़ी । मैक्सी उसको अपने पास बुलाकर कहती है कि “ ये मार्बल शोन है डिफेंस डिपार्टमेन्ट (रक्षा विभाग ) से ।” माधवी डोनारु मार्बल शोन हैलो कहकर अपनी दादी के बगल मे पास बैठ गयी । मार्बल शोन उन दोनों कहते है कि “ मै आपके कोलर को अपने साथ ले जाने के लिए यहाँ पर आया हूँ ।” उसकी बात सुनकर दोनों एकदम चुप हो गयी । तब मार्बल शोन उन दोनों को समझाते हुए कहते है कि “ आप नहीं जानती है कि ये कुत्ता कितना समझदार फुर्तीला और बहादुर है । बैंक मे लगे खुफिया कमरे से हमारे डिपार्टमेन्ट ने देखा कि ये अकेला ही बदमाशो से लड़ रहा था । फिर इसने लंदन शहर के बम धमाको से बचाया । यह देखकर हमारे डिपार्टमेन्ट ने फैसला किया कि कोलर को ट्रेनर करके अफगानिस्तान और इराक मे लड़ रहे सैनिक के पास मदद के लिए भेजा जायेगा ।” माधवी डोनारु चिल्लाकर उनसे कहती है कि “ मै अपना कुत्ता किसी को नहीं दूँगी ।” इतना कहकर वो अपने कमरे के अंदर चली गयी । मैकसी मार्बल शोन से मांफी मांग कर कहती है कि “ आप जरा रुकिये मै अभी समझा – बुझाकर उसको यहाँ लाती हूँ ।” कमरे मे अकेली बैठी माधवी डोनारु के पास जाकर मैकसी उस से कहती है कि “ तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो हम अपना कुत्ता उन्हे क्यो दे ? लेकिन जरा उन सैनिको के बारे मे सोचो जो हमारे लिए बार्डर ( सीमा ) पर दुश्मन से लड़ते रहते है । जब वो जागते है तो हम अपने घरो मे चैन से सोते है । जब हम बड़े-बड़े होटलो मे खाना खाकर दोस्तो के साथ फिल्म देखने के लिए जाते है तब वो अपना खाना छोडकर दुश्मन इलाके मे लड़ने जाते है । कई दिनों तक तो एक ही जगह पर भूखे प्यासे पड़े रहते और किसी दिन उनके घर पर एक चिट्ठी पहुँचती है । जिस पर लिखा होता है कि अब वो कभी नहीं आयेगे । उसको पढ़ने के बाद घरवालो के आंखो थोड़ी देर के लिए नम हो जाती है मगर वो टूटते नहीं , बल्कि अपने दूसरे बेटे को आर्मी मे भर्ती होने के लिए कहते है वो इस बात को अच्छी तरह जानते है कि उनके बुढ़ापे का आखिरी सहारा है तब भी उसको खुद अपने हाथ से तैयार करके आर्मी मे भेजते है । अगर सब के घर वाले ये कहे कि हम अपना बेटा , पति और भाई को आर्मी मे नहीं भेजेगे तो बार्डर (सीमा) पर लड़ेगा कौन ?” दादी की बात सुनकर माधवी डोनारु के आंखो मे आँसू आ गये । वह मैकसी की गोद मे कोलर को रखकर कहती है कि “ दादी इसे मार्बल शोन को दे दीजिये ।” माधवी डोनारु के चेहरे को देखकर मैकसी उस से कहती है कि “ क्या तुम साथ मे नहीं चलोगी ?” माधवी डोनारु चुपचाप खिड़की के पास खड़ी होकर बाहर की तरफ देखने लगी । कमरे से निकलते समय मैकसी माधवी डोनारु से कहती है कि “ मुझे तुम पर गर्व है बेटा ।” कोलर को जाता देखकर माधवी डोनारु ने अपनी आंखो बंद कर ली । तीन महीने बाद – मैकसी और माधवी डोनारु को शाही परिवार अपने यहाँ खाने पर बुलाया । जहां पर उन्हे सब के सामने लंदन शहर को बम धमाको से बचाने के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया । फिर महारानी जी लाल रंग का बाक्स दिया और उन्हे घर पर ले जाकर खोलने के लिए कही । घर पहुँचकर जब माधवी डोनारु और मैकसी ने उस बॉक्स को खोली । तब उसमे से ढेर सारे मेडल दिखायी दिये । जो महारानी जी ने उनके पालतू जानवरो के लिए भेजा था जिन्होने बैंक को लूटने से बचाया था । अपने गले मे मेडल देखकर बिल्ला भाई रोते हुए मार्कश से कहता है कि “ काश मेरी मम्मी यहाँ पर होती तो कितना खुश होती ।” दरसल बिल्ला भाई की मम्मी अपने पाँच मुहल्ले की अकेली बहन थी । जिसके पीछे ग्यारह मुहल्ले की पुलिस लगी हुई थी । क्योकि उन्होने नव बैंक को एक समय मे एक साथ लूटा था । तब से उनका नाम अंडर वर्ल्ड मे बड़ी इज्जत से लिया जाने लगा था । जोमाली चुपचाप वहाँ से निकल कर सड़क पर आयी और राजमहल के गेट के पास खड़े होकर शाही कुत्ते को अपना मेडल दिखाते हुए कहती है कि “ इसे महारानी जी हमारी बहादुरी पर दिया है । किसी भी जाति या रंग रूप का होना मायने नहीं रखता है बल्कि उसके अंदर लड़ने का जुनून देखा जाता है । आइंदा किसी का भी का मज़ाक उड़ाने से पहले एक बार नहीं सौ बार सोचना ।” शाही कुत्ते शर्म से अपना सिर झुकाकर चुपचाप वहाँ से चले गये । दूसरी तरफ- कोलर को ट्रेनिग के लिए आर्मी डॉग स्क्वायड भेजा दिया गया । जहां मैडम इलोक कि देख-रेख मे उसकी ट्रेनिंग शुरू हो गयी । इलोक समझ गयी कि “ कोलर हमारे बोले गये शब्दो को बहुत ही अच्छी तरह से समझ जाता है और उसी तरह से काम करता है जैसा हम चाहते है । असल मायने मे वो सौ कुत्तो के बराबर है ।” यह रिपोर्ट बनाकर मार्बल शोन के पास भेजा दी । ट्रेनिग के खत्म होते ही कोलर को आर्मी सेना के साथ इराक भेजा गया । आर्मी हेडक्वार्टर पहुँचने पर कमांडर जेरिट उसकी फ़ाइल पढ़कर बहुत खुश हुए और अपने बगल मे खड़े डेल्टा आर्मी के कैप्टन ओरन से कहते है कि “ इसको भी अपने टीम मे शामिल कर लीजिये । कल हमे दुश्मन के इलाके मे लड़ी रही सेना के लिए गोला बारूद के साथ-साथ खाने पीने का सामान और पेट्रोल से भरी तीनों टैंकरो भी सही सलामत पहुंचाना है । इसलिए हम सब को पूरी तैयारी के साथ यहाँ से निकलना होगा ।” डेल्टा टीम मे मौजूद महिला और पुरुष कोलर का अनुशासन को देखकर हैरान हो गये । सुबह के ठीक पाँच बजकर पैतालीस मिनट मे डेल्टा टीम राहत की सामाग्री लेकर निकल पड़ी । कोलर टैंक के आगे तेजी से दौड़ने लगा । रास्ते मे बिछाये गये बारूदी सुरंग और कचरे के डिब्बो मे छिपाकर रखे गये बमो को उसकी मदद से ढूंढकर नष्ट कर दिया गया । सेना बिना किसी नुकसान के राहत सामाग्री उन तक सही –सलामत पहुँचने मे कामयाब हो गयी। इसके बाद कोलर डेल्टा टीम का एक महत्वपूर्ण सैनिक बन चुका था । सारे सैनिक उसको मिलकर नहलाते और अपने साथ नाश्ते पर भी ले जाते थे । जहां पर उसकी खुद की एक कुर्सी थी । मिशन (अभियान ) छोटा हो या बड़ा सेना उसको अपने साथ ले जया करती थी । कोलर हर लड़ाई मे सबसे आगे रहता और दुश्मनों के इलाको को तबाह करके अपनी बटालियन के साथ आगे बढ़ता रहता । जब भी उसको खतरा महसूस होता, वह भौककर अपने बटालियन को सावधान कर देता । जिस से सेना बड़े आराम से दुश्मनों को पकड़ लिया करती । धीरे-धीरे पूरे इराक मे उसकी बहादुरी की चर्चा होने लगी थी । जब भी कोलर अपनी बटालियन के साथ अपने हेडक्वार्टर पहुंचता । तब वहाँ पर मौजूद सारे जवान तालियाँ बजाकर उसका स्वागत किया करते । यह देखकर कोलर बहुत खुश होता । सारे मीडिया वाले उसकी एक फोटो लेने के लिए दौड़ पड़े । बच्चे और महिलाए उसको गले लगाने लगी । सब का प्यार पाकर कोलर मन मे कहता है कि “ हीरो पैदा नहीं होते बल्कि यही बनाए जाते है । काम से ही आपकी पहचान बनती है और उसी से सब आपको जानते है कि असली मे आप हो कौन ? छोटा या बड़ा होना । या फिर किसी भी जाति का होना । या रंग-रूप मे पैदा होना शाप नहीं है बल्कि चुपचाप बिना मेहनत किये ही उसी को अपनी तकदीर मानकर पड़े रहना वो सबसे बड़ा अभिशाप है । क्योकि हम सब के अंदर हमेशा एक प्रतिभा छिपा रहती है । जिसके बारे मे हमे कभी मालूम नहीं होता । अगर पता चल जाये तो हम सब भी सुपर हीरो बन सकते है । मै कौन हूँ कोलर डेल्टा टीम का मेम्बर (सदस्य ) जिसका बैच नम्बर है – 939511 । अचानक लड़ाई पर जाने का हॉर्न सुनायी दी । कोलर अपनी बटालियन मे साथ हैलीकाप्टर मे बैठकर दुश्मनों से लड़ने के लिए निकल पड़ा । एक दिन अफगानिस्तान हैडक्वार्टर से इमरजेंसी (आपातकालीन) लेटर आया । जिसमे लिखा था कि “ अमेरिका के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉक्टर जैकाल और उनके परिवार को अपहरण करके यहाँ की पहाड़ियो मे छिपाकर रखा गया है । शायद उनसे कोई खतरनाक हथियार या परमाणु मिसाइल बनवाना चाहते है इसलिए हमे तुरंत ही कोलर की मदद चाहिये ।” हैलीकाप्टर की मदद से उसको अफगानिस्तान मे भेजा गया । सेना कोलर को अपने साथ लेकर अफगानिस्तान की पहाड़ियो की तरफ निकल पड़ी । रास्ते मे चारगाहों का वेश बनकर गाय-भेसों को चरा रहे आतकवादियो ने अचानक उन सब को चारो तरफ से घेर लिया । फिर उन सब के हथियार को छिन कर बड़ी बेरहरमी से मार दिया गया । सब को मारने के बाद उनकी लाशे को वही पर दफना दिया गया । ताकि उनकी मौत के बारे मे किसी को भी पता ना चल पाये । तलवार के एक ही वार से कोलर का गर्दन उसके शरीर से अलग कर दिया गया । एक आंतकवादी उसका कटा हुआ गर्दन डॉक्टर जैकाल के सामने फेककर कहता है कि “ अगर तुमने एक महीने के अंदर परमाणु मिसाइल नहीं बनायी तो तुम्हारी पत्नी और बेटे का गर्दन इसी तरह से काट डालेगे ।” इतना कहकर सब वहाँ से चले गये । मैक डर से अपने पापा के गले लग गया । डॉक्टर जैकाल उन दोनों को समझाते हुए कहता है कि “ हमे कुछ नहीं होगा और बहुत ही जल्दी ही यहाँ पर सेना आती होगी । फिर हम सब एक साथ यहाँ से चलेगे ।” उनकी पत्नी सामा और डॉक्टर जैकाल एक-दूसरे कि तरफ देखकर मन मे कहते है कि “ यहाँ से जिंदा बचकर निकल पाना नामुकिन है । अगर मैंने इनकी बात नहीं मानी तो । ये तुम्हें और मैक को जान से मार डालेगे। इसलिए मुझे इनके लिए काम करना होगा ।” मैक चिल्लाकर डॉक्टर जैकाल से कहता है कि “ पापा शायद इसका दिमाग अभी जिंदा है । ये कोई मामूली कुत्ता नहीं है बल्कि कोलर । मैंने इसके बारे मे इंटरनेट काफी कुछ पढ़ा है । ये एक सुपर हीरो है मै इसे मरने नहीं दूंगा ।” अपने बेटे के खुशी के लिए जब जैकाल ने उस कुत्ते के दिमाग कि जांच की । तब उन्हे पता चला कि वाकई मे उसका दिमाग जिंदा था । अपने पापा की मदद से उस कुत्ते के सिर से दिमाग को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल कर एक काँच के जार मे रखा लिया । फिर पिता और बेटे ने मिलकर उसके दिमाग मे नैनो टेक्नॉलजी की मदद से उसे और भी शक्तिशाली बना दिया । अब उसके सोचने व समझने के शक्ति कई गुना और बेहतर हो गयी । जहां एक तरफ डॉक्टर जैकाल परमाणु मिसाइल बनाने मे लगे थे । वही दूसरी तरफ मैक अपनी मम्मी सामा के साथ मिलकर एक चार्ट-पेपर पर लड़ाकू कुत्ते का डिजाइन तैयार करने मे लग गया । उस पूरा विश्वास था कि वो कोलर को दुबारा जिंदा कर सकता है एक नये और बेहतर रूप मे । उसने टाइटेनियम धातु को मशीन से काट करके लोहे का कुत्ता बनाने लगे । जो दिन मे सूरज की रोशनी से चलता और रात मे चंद्रमा की रोशनी से । जैकाल और सामा अपने बेटे को इस तरह काम करता देखकर बहुत खुश हुए । कभी-कभी दोनों मैक की मदद कर दिया करते । सामा इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि काम के खत्म होते ही आतंकवादी हम तीनों को मार डालेगे । फिर भी वो अपने बेटे और पति के सामने हमेशा मुसकुराती रहती । मैक ने दिन-रात मेहनत करके टाइटेनियम धातु से एक शक्तिशाली कुत्ता बनाने मे कामयाब हो गया । जिसमे दुनिया के सबसे बेहतरीन नये टेक्नोलांजी के हथियार मौजूद थे । मैक ने नैनो टेक्नोलांजी की मदद से जिंदा किये गए दिमाग को सुपर कम्प्युटर से जोड़ दिया । मगर उसके अंदर कोई हरकत ना देखकर मैक का दिल छोटा हो गया । वह चुपचाप कुर्सी पर बैठकर रोने लगा तब सामा और जैकाल उसके पास जाकर कहते है कि “ विज्ञान मे इतनी जल्दी कामयाब किसी को नहीं मिलती । जो कामयाब हुए है उन्होने बहुत मेहनत की । समाज ने पागल कहकर उनका मज़ाक उड़ाया । इन सबके बावजूद उन्होने अपने एक्सपीरेमेंट (प्रयोग) को जारी रखा । कई बार असफल साबित हुए और रोने के लिए उनके पास किसी का कंधा भी नहीं था । जिसके गले लगकर अपना दुख बाँट सके । फिर भी उन्होने हार नहीं मानी और एक्सपीरेमेंट को दुबारा शुरू किया । इस बार वो सफल हुए । दुनिया वालों ने जिनका मज़ाक उड़ाया था । उन्ही लोगो ने सम्मान देकर उसको इतिहास का हीरो बनाया । मैक अपने पापा को विश्वास दिलाया कि इस प्रयोग को पूरा करने मे कोई कसर नहीं छोड़ेगा । वह खाना-पीना छोड़कर उस कुत्ते को ठीक करने मे लग गया । वह काम इतना व्यस्त हो गया कि उसे दिन और रात का पता भी नहीं चला पता । उसके दिल और दिमाग पर सिर्फ एक ही चीज घूम रहती थी कि हर हालत मे अपने प्रोजेक्ट को पूरा करना है । इधर डॉक्टर जैकाल ने आतंकवादियो के लिए परमाणु मिसाइल बना दी । जैसे ही इसकी खबर आतंकवादी के कमांडर अशरफ को पता चली । तब वो सब को साथ लेकर डॉक्टर जैकाल के पास गया । परमाणु मिसाइल को चूमते हुए कमांडर अशरफ उनसे कहता है कि “ तुमने बहुत अच्छा काम किया डॉक्टर । इसलिए मैंने फैसला किया कि तुम तीनों को आजाद कर दू ।” तीनों खुश होकर एक दूसरे के गले लग गये । लेकिन उनकी सारी खुशिया तब धूल मे मिल गयी । जब कमांडर का इशारा पाते ही सब ने अपनी बन्दूके उनकी तरफ तान ली । डॉक्टर जैकाल कमांडर अशरफ से कहता है कि “ ये कैसा मज़ाक है ? अभी तो तुम हम तीनों को आजाद करने की बात कह रहे थे ।” कमांडर अशरफ उस से कहता है कि “ आजादी का मतलब यहाँ से छूटना नहीं था डॉक्टर , बल्कि तुम सब को जिन्दगी से आजाद करना था । अब ऊपर जाकर एक साथ खुशी से रहना ।” अशरफ की खतरनाक हंसी को सुनते ही कुत्ते के बन्द पड़े शरीर मे अचानक हरकत सी हुई और उसका दिमाग जाग उठा । उसके शरीर मे लगे सारे सिस्टम अपने काम करना शुरू कर दी । उन तीनों को मरने के लिए जैसे ही आतंकवादी बंदूक का ट्रिगर दबाने चले । उसी समय कपड़ो से ढँका हुआ कुत्ता अपने आंखो मे लगे एक्सरे मशीन की मदद से आतंकवादियो का सही अंदाज लगा लिया और अचानक उठ खड़ा हुआ । इस से पहले कि आतंकवादी कुछ समझ पाते । उसने अपने शरीर मे छिपे मशीनगन को बाहर निकाल कर उन पर अंधाधुन गोलियां बरसाने लगा । मैक अपने मम्मी और पापा के साथ जल्दी से जमीन पर लेट गया । सब आतंकवादियो को मारने के बाद कुत्ता मैक के पास आकर दुम हिलाने लगा। उसको ऐसा करता देखकर मैक धीरे –धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगा । सामा और जैकाल उसको कुत्ते के पास जाने से मना करने लगे । लेकिन मैक कहा मनाने वाला था , वह उसके पास जाकर प्यार से सिर पर हाथ फेरने लगा । इसके बाद कोलर अपने दोस्तो के साथ बिताये गये पलो को याद करके चुपचाप मैक के बगल मे बैठ गया । मैक सामा और डॉक्टर जैकाल से कहता है कि “ मम्मी-पापा आप घबराये मत । ये हम कुछ नहीं करेगा मेरा विश्वास कीजिये ।” तीनों मिलकर एक साथ उस कुत्ते के शरीर पर प्यार से हाथ फेरने लगे । मैक सामा से कहता है कि “ इसका नाम क्या रखे मम्मी ?” वह उस से कहती है कि “ तुमने इस से दुबारा जन्म दिया । इसलिये इसका नाम भी तुम्ही को रखना होगा ।” कुछ देर सोचने के बाद मैक उसका नाम “ टारनेडो ” रखा । अचानक बम के जबरदस्त धमाको से लोहे का बना दरवाजा टूटकर हवा मे इधर-उधर बिखर गया । टारनेडो अपने दिमाग मे लगे सुपर कम्प्युटर को ऑर्डर (आदेश) देकर शरीर मे छिपे सारे आधुनिक और विनाशकारी हथियार एक साथ बाहर निकाल लिया । फिर शुरुआत हुई- एक घमासान युद्ध । टारनेडो एक मिनट मे पाँच हजार से भी ज्यादा गोलियां उन पर बरसाने लगा । अभी आतंकवादी संभाल भी नहीं पाये थे कि टारनेडो ने लगातार तीन मिसाइल से उन पर हमला कर किया । मिसाल के धमाको से आतंकवादियो की टुकड़ी अपने आप को बचा नहीं पाये । जब भी टारनेडो पर आतंकवादी हमला करते तो अपने बचाव के लिए नये –नये तरीके इस्तेमाल करने लगा । अब कोलर टारनेडो बनकर और भी शक्तिशाली व खतरनाक बन चुका था । टारनेडो ने मिसाइल से हमला करके तहखाने की दीवार तोड़ दी । मैक अपनी मम्मी और पापा का हाथ पकड़कर कहता है कि “ हमे यहाँ से तुरंत ही निकलना होगा , वरना फिर से आतंकवादी आ जायेगे ।” टारनेडो उन तीनों को सही सलामत पहाड़ियो से बाहर निकाल लाया । हैलीकाप्टर को सामने देखकर तीनों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी । तभी टैंक पर सवार आतंकवादी को इस तरफ आता देखकर तीनों हैरान हो गये । टारनेडो आतंकवादियो पर मशीनगन से लगातार हमला करने लगा । डॉक्टर जैकाल मैक और सामा को जल्दी से हैलीकाप्टर मे बैठने के लिए कहा । वह अपने मम्मी-पापा की बात को नजरंदाज करते हुए टारनेडो को साथ ले जाने जैसे ही उसके पास पहुंचा । उसी समय डॉक्टर जैकाल ने हैलीकाप्टर को स्टार्ट करने का बटन दबा दिया । तभी उसमे रखा बम जबरदस्त धमाके के साथ फट गया और डॉक्टर जैकाल और उनकी पत्नी सामा की मौत घटनास्थल पर हो गयी । यह देखकर मैक पागल की तरह चीखता – चिल्लाता हुआ हैलीकाप्टर के मलवे के पास आकर रोने लगा । उसी समय आतंकवादियो का बहुत बड़ा दल उसकी तरफ बड़ी तेजी से बढ़ाने लगा । वह अपने आँसू पोछकर ज़ोर से चिल्लाया- टारनेडो ट्रांसफोर्म सुपर वारियार (यानी शक्तिशाली योद्धा मे बदल जाओ) देखते –देखते टारनेडो एक रोबो मानव मे बदल गया । जिसका पूरा शरीर इंसान की तरह और दिमाग एक कुत्ते का था । उसकी आंखे एकदम लाल थी और शरीर सूरज की तरह चमक रहा था । टारनेडो गुस्से मे आकर टैंको पर लगातार मिसाइल से हमला करके पूरी तरह से तबाह कर दिया । इसके बाद अपनी बैटरी को फिर से रिचार्ज करने के लिए सूरज की रोशनी को अपने अंदर सोखने लगा । जिस से उसका पूरा शरीर रोशनी से चमक उठा । तीनों-चार मोटर साइकिल पर सवार आतंकवादियो की टोली ने अचानक मैक पर मशीनगन से हमला करने लगे । उसी समय पीछे से आ रही दो टैंक ने भी लगातार गोला बारी करना शुरू कर दिया । गोलियो और बम धमाको को देखकर मैक बुरी तरह से घबराह गया और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगा । उसकी आवाज सुनकर टारनेडो तुरंत ही उसकी रक्षा करने के लिए सामने आ गया । उसके फौलादी शरीर के आगे मशीनगन की सारी गोलियां बेकार साबित हुई । लेकिन आतंकवादियो के पैरो तले से जमीन तब खिसक गयी । जब दो टैंको से निकली मिसाइल एक साथ जाकर उसके शरीर से जा टकरायी । जिस से जबरदस्त धमाका हुआ और मिसाइल की ताकत ने केवल उसे चार कदम ही पीछे ढकेल पायी । यह देखकर सारे आतंकवादी एक-दूसरे से कहते है कि “ ये शैतान ! हमारे सारे मनसूबो पर पानी फेर देगा , खत्म कर दो इसे।” सब मिलकर टारनेडो पर गोलियो से हमला करने लगे । टारनेडो अपने सुपर मदर कम्प्युटर को ऑर्डर देकर एक साथ कई छोटी मिसाइल उन पर छोड़ दी । दिखने मे वो मिसाइल छोटी लग रही थी। मगर जब वो टैंक से टकरायी तो उसकी ताकत का पता चला । उस मिसाइल के धमाके से टैंक के टुकड़े हवा मे इधर-उधर बिखर गये । यह देखकर मोटर साइकिल पर सवार आतंकवादी डर कर वहाँ से भागने की कोशिश की , लेकिन टारनेडो ने उन पर भी मिसाइल से हमला करके खत्म कर दिया । अचानक किसी ने जैकाल की बनायी गयी मिसाइल को बटन दबाकर लांच कर दिया । तभी जमीन काँप काँपने लगी , यह देखकर मैक थोड़ा देर के लिए घबराह गया । उसे समझ मे नहीं आ रहा था कि यहाँ हो क्या रहा है ? तभी उसके सामने पहाड़ियो से तीन परमाणु मिसाइल वहाँ से निकल कर आबादी वाले जगह की तरफ मुड गयी । यह देखते ही मैक टारनेडो से कहता है कि “ उस मिसाइल को जल्दी से रुको वरना लाखो लोग मारे जायेगे ।” उसकी बात सुनकर टारनेडो की आंखो मे लगे सेंसर ने दीवार के पीछे-छिपा लड़ाकू विमान (फाइटर) को देखा लिया । वह तुरंत ही मैक के साथ लेकर उस जगह पर गया जहां पर लड़ाकू विमान (फाइटर प्लेन) खड़ा था । दोनों तुरंत ही लड़ाकू विमान मे बैठ गये । इसके बाद टारनेडो ने लड़ाकू विमान के स्टार्ट करके वहाँ से उड़ा ले गया । टारनेडो को लड़ाकू विमान उड़ता देखकर मैक हैरान हो गया। वह बिल्कुल एक पायलट की तरह उसको उड़ा रहा था । लड़ाकू विमान हवा को चीरते हुए बड़ी तेजी से आगे बढ़ती चली जा रही थी । तभी उन दोनों को आकाश मे तीनों परमाणु मिसाइल दिखायी दी । मैक ने टारनेडो से कहता है कि “ इन मिसाइलों को तुरंत ही मार गिराओ ताकि ये मिसाइले सुमंदर मे जाकर गिरे ।” उसकी बात मानकर टारनेडो ने लड़ाकू विमान मे लगे रॉकेट मिसाइल का बटन दबा दिया । लड़ाकू विमान मे लगे रॉकेट मिसाइल एक के बाद एक हवा का चीरते हुए तीनों मिसाइल की तरफ मुड गयी और ठीक परमाणु के मिसाइल के इंजन मे जाकर लगी । कुछ ही देर मे तीनों परमाणु मिसाइल पके आम की तरह सुमंदर जा कर गिरी । यह देखकर मैक और टारनेडो ने राहत की सांस ली , इसके बाद टारनेडो ने लड़ाकू विमान का रुख दूसरी तरफ मुड लिया । देखते ही देखते लड़ाकू विमान बादलो मे कही गुम हो गया । खून से लथपथ कमांडर अशरफ जलते हुए मलबे से बाहर आकर देखा कि उसका पूरा इलाका जल रहा था और उसके साथियो की लाशे जमीन बिखरी पड़ी हुई थी । वह अपना मोबाइल निकाल कर कहता है कि “ भाई जान उस कुत्ते ने हमारे सारे मनसूबो पर पानी फेर दिया है । अब वो पहले भी ज्यादा शक्तिशाली हो गया है और उसके पास ऐसे खतरनाक हथियार है , जिसके बारे मे आप सोच भी नहीं सकते । यही वक़्त है ब्लैक हंटर को बाहर निकालने का ।” इतना कहकर उसने अपना मोबाइल जेब मे रख लिया । यहाँ से हजारो किलोमीटर दूर एक अंजान लेबोट्ररी (प्रयोग शाला ) मे । काँच के पानी मे सो रहे जानवर ने अपनी बंद आखे खोल ली । जंग अभी जारी है – टारनेडो और ब्लैक हंटर