सन्देश Rajendra singh bisht द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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सन्देश

प्रातः काल का समय ," दो शक़्स बाइक में सवार रास्ते से गुजरते हुए ,यु हाव भाव और पहनावे से मालूम होता है की वो शक़्स सभ्य है और किसी खेल से ताल्लुक रखते है ," थोड़ी सी हसी मज़ाक करते हुए (बाइक पर सवार ) आगे बढ़ते हुए ,कुछ ही पल में बाइक पैर बैठा हुआ शक़्स ( जिसका काल्पनिक नाम सन्देश है ) वो अपने पार्टनर (काल्पनिक नाम सुरेश )को जो की बाइक राइड कर रहा है ,दाहिनी तरफ मुड़ने का इशारा करता है। उस मोड़ से आगे बढ़कर ,
" कुछ दूरी बाद सन्देश को देखकर ये मालूम होता है की जैसे वो अपने सोच में कहीं गुम है अहसास में खोया हुआ है ,देखते ही देखते वो क्रिकेट की कुछ शॉट्स को बाइक पैर बैठे बैठे महसूस करते हुए इशारों में खेलने लगता है वो अपने कोच मीटिंग को याद करने लगता है जब कोच टीम मेंबर्स को समझा रहे थे ," कोच- स्पेशली जब हमारे बैट्समैन कट और पुल्ल शॉट्स खेल रहे है तो टाइमिंग नहीं केर पा रहे है इस तरह की शॉट्स खेलने के लिए हम अलग तरह की टेक्निक का इस्तेमाल कर सकते है "
सन्देश अपने अहसास में , सफर चलता हुआ । सन्देश फिर से अपने कोच की किसी बात को गहराई से लेता हुआ , कोच - " कभी कभी हालात के साथ मक़सद भी बदल जाते है जैसे की टेस्ट मैच को ड्रा कराना पड़ता है और ज़िंदगी में एक बात हमेशा याद रखना, " सन्देश ये सब सोच ही रहा होता है की अचानक से उसके कानो में ज़ोर ज़ोर से हसने की आवाजें सुनाई देती है ,वो उस दिशा में देखने लगता है जहाँ से उसे हसने की आवाजें सुनाई देती है वो देखता है की कुछ लड़के सड़क पर अपने ही अंदाज़ में मस्ती कर रहे है वो ये सब देखकर नज़रअंदाज़ करता ही है की उसकी नज़र दूसरी तरफ सड़क पर फ़ैल रहे पानी पर पड़ती है सन्देश देखता है की सड़क पैर बहुत ज़्यादा मात्रा में पानी बह गया है और कहीं से इसका इस्राव भी हो रहा है , कुछ ही पल में वो जब इस जगह के नज़दीक पहुँचता है तो देखता है की टंकी का नल खुला होने की वजह से पानी बहता जा रहा है और दूसरी तरफ वहाँ पास में जितने लड़के खड़े हुए है उनकी गैरजिम्मेदारी की वजह से बहुत सारा पानी बर्बाद हो रहा है ,सन्देश ये सब देखकर बहुत हैरान होता है और उतना ही गंभीर हो जाता है , वो सोचने लगता है की ऐसे कैसे लोग अपनी ज़िंदगी जी सकते है क्या इनको पानी की कीमत का बिलकुल भी अंदाजा नहीं ,सन्देश बहुत परेशान हो जाता है छटपटाने सा लगता है और ज़्यादा कुछ न सोचते हुए वो सुरेश के कधों पर हाथ रखकर बाइक रोकने को कहता है ,सुरेश के बाइक रोकते ही सन्देश बाइक से उतरकर सीधे पानी की टंकी की तरफ बड़ता है और टंकी पर पहुंचकर नल बंद करके वापस आने लगता है वो देखता है की वहाँ पर लड़के जैसे मस्ती कर रहे थे वैसे ही अभी भी कर रहे है, कुछ पल के लिए लड़को के पास रुकता है लेकिन फिर अपने कोच की बात याद करते हुए वो बाइक पर बैठकर चला जाता है । " कोच - ज़िंदगी में एक बात हमेशा याद रखना ,हमारी sincerity ये नहीं की दूसरा क्या समझ रहा है , हमारी sincerity ये है की हम क्या समझ रहे है ।।।।