सप्तरंगी - लघु कथा Nish द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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सप्तरंगी - लघु कथा

कौन ?

"मिस गुजरात कॉन्टेस्ट"
गुड इवनिंग एंड वेलकम में आपकी होस्ट शैलजा आपका स्वागत करती हूँ , इस खूबसूरत शाम के इस खूबसूरत प्रोग्राम में , जहा पुरे गुजरात की खूबसूरती आज यहाँ मौजूद है और कांटे की टक्कर होने वाली है । इस खूबसूरत ताज के लिए ,क्यों की आज है फाइनल की रात और होगा घमासान तो लेटस सी हु गोट धी ताज ऑफ़ "मिस गुजरात 2019" ?

"मिस गुजरात क्यू एंड ऐ राउंड "
" तो आपके मुताबिक खूबसूरती क्या है ? मिस कायरा " जज ने पूछा ।
कायरा ने अपनी मधुर आवाज में जवाब देते हुए कहा की " सर, खूबसूरती सिर्फ वह नहीं जो सिर्फ शारीरिक हो ,सही मायनो में खूबसूरती वह है की किसी इंसान के निर्दोष विचार और वर्तन से हम उनकी और खींचे चले जाते है । जो भले शरीर से शायद सुन्दर न हो लेकिन उनका मन उनके शरीर से भी सुन्दर हो । फिर चाहे वह इंसान बिना बालो का और बिना दांतो का भी क्यों न हो वह हम सबके दिल में , दिमाग में और रुपयों की नोटों पर भी छाया रहता है । मेरे लिए सही मायनो में खूबसूरती है "
फिर दूसरे बड़बोले जज ने पूछा " अगर आपके लिए यही मतलब है ख़ूबसूरती का तो आप ब्यूटी कॉन्टेस्ट में क्या कर रही है ?"
कायरा ने फिर मुस्कुराते हुवे अपनी विग उतारी और कहा " इस लिए.. "
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एक मिडल क्लास फॅमिली में हर रोज की तरह शाम को टीवी पर न्यूज़ चल रहा था
टीवी एंकर,
"आज की सबसे बड़ी खबर रही की भारत में से सेक्शन 377 को हटा दिया गया है । और इसी के साथ यह प्रोग्राम ख़त्म होता है मगर कही जाइएगा नहीं क्युकी इसके तुरंत बाद आप देखने जा रहे है आपका सबसे फेवरेट प्रोग्राम ' वायरल स्टार ' जिसमे आप आज देखेंगे वायरल स्टार की अब तक की सबसे अद्भुत स्टोरी की तो देखते रहिये हमारा न्यूज़ चैनल प्रोग्राम शुरू होगा बस इस छोटे से ब्रेक के बाद "

और यहाँ पानेर गांव में भी सब अपने टीवी स्क्रीन से चिपक कर बैठे हुवे थे क्युकी इस बार यह कहानी उनके गांव की जो थी ।

इसे देखकर गांव वाले ने अपने रिश्तेदारो को फ़ोन मिलया और कहने लगा ,

" हैलो ,कौन बोल रहा है ..."
" अच्छा ताऊ के बड़े वाले बोल रहे हो ..."
" अच्छा फिर ताऊ को फोन दो .."
" प्रणाम ताऊ जी .."
"ताऊ जी जल्दी से टीवी चलाइये और न्यूज़ वाला चैनल लगाई ये हमारा गांव दिखने वाले है आज टीवी में, हमारे घर की भी बहार से शूटिंग लिए थे शायद दिखाएंगे "
"अच्छा रखता है बाद में फोन करेंगे ,प्रणाम । "

इतने में ही टीवी में वायरल स्टार की कैची धुन बजी और प्रोग्राम शुरू हुवा ।

टीवी एंकर "आपका स्वागत है हमारे इस शो में जो नए जमाने के टेलेंट ,मस्ती , एंटरटेनमेंट या फिर अपने अतरंगी कारनामो से मशहूर हुवे लोगो की असल जिंदगी से आपको परिचित कराता है ,आपका सबसे प्यारा शो और जिसका नाम है ' द वायरल स्टार ' "

" आज हम है गुजरात राज्य के साबरकांठा जिले के पानेर गांव में आये है । पानेर गांव इस से पहले भी मशहूर हो चूका है , जिस गांव को साल 2014 में राष्ट्रपति द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ गांव का अवार्ड मिला था । "

" आज हम है गुजरात राज्य के साबरकांठा जिले के पानेर गांव में आये है । पानेर गांव इस से पहले भी मशहूर हो चूका है , जिस गांव को साल 2014 में राष्ट्रपति द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ गांव का अवार्ड मिला था । और वाकई में इस गांव में कोई कमी नहीं है यहाँ मिनरल वाटर से लेकर वेस्ट मैनजमेंट ,आर .सी .सी रोड से लेकर अत्याधुनिक अस्पताल तक , बैंकिंग से लेकर डिजिटल पेमेंट्स वाई फाई से लेकर सीसीटीवी जैसी सारी सुविधाये यहाँ पर है , किसी शहर में भी न हो ऐसा मैनजमेंट यहाँ पर देखने को मिलता है और वाकई अगर आपको शहर जैसी सुविधाएं मगर गांव की शांति का माहौल चाहिए तो यह गांव आपके लिए है । "

एंकर गांव दौरा करते हुवे ,
" लेकिन आज हम सिर्फ यह गांव देखने नहीं आये , यहाँ के वायरल स्टार से मिलने आये है जो पिछले काफी दिनों से सोशल मीडिआ और न्यूज़ चैनल्स के इंटरव्यूज में छाये हुवे है हाँ आप जानते है उसे उसका नाम है कबीर त्रिवेदी । "

एंकर की बात शुरू ही थी उतने में कबीर के वायरल वीडियोस स्क्रीन पर दिखना शुरू हो गए । काफी लोग इस से खुश थे तो काफी लोग धृणा से देख रहे थे ।

" हम आये है तो कबीर से तो मिलेंगे ही लेकिन उनसे पहले कुछ ऐसे लोगो से मिलेंगे जो कबीर को बचपन से जानते है । "

ऐसा कहते हुवे एंकर गांव की दो मंजिला स्कूल की ईमारत में जा पहुंची जो बिलकुल अत्याधुनिक दिख रहा था ।
और कैमरा एंकर के पीछे पीछे स्कूल में प्रिन्सीपल की ऑफिस में पोहचा ।

एंकर ने फिर बात शुरू की ,
" अभी हम आये है कबीर के स्कूल में जहा उसने अपनी सेकंडरी की पढाई की थी ,आइये उनके प्रिन्सीपल शारदा पटेल जी से जानते है जो उन सालो में कबीर की टीचर हुवा करती थी "

" गुड मॉर्निंग मैडम , वायरल स्टार में आपका स्वागत है आज हम बात करने आये है आपके पुराने स्टूडेंट कबीर त्रिवेदी के बारे में , आप हमे बताएँगे की कबीर का बचपन कैसा था और वो स्कूल में कैसा स्टूडेंट था ?"

प्रिन्सीपल शारदा जी ,
" जी ,गुड मॉर्निग निवि ,बहोत बहोत धन्यवाद मुझे इस शो में शामिल करने के लिए ,और आपका और आपकी टीम का भी हमारे गांव में स्वागत है।"
" और जहा तक कबीर की बात करे तो वह बचपन से ही स्पेशल बच्चा रहा था , बचपन से ही वह तेजस्वी स्टूडेंट रहा था और नहीं बचपन में वो तो अपने जूनियर कॉलेज एव ग्रेजुएशन में भी बहोत अच्छे नंबरो से पास हुवा है ।"
निवि ने शारदा जी से पूछा ,
" यह तो हुवी पढाई की बात लेकिन उसके आलावा कबीर भी कबीर किसी में स्पेशल था जैसे की स्पोर्ट्स या फिर नाटक या फिर सिंगिंग ?"

प्रिन्सीपल शारदा जी ने मुस्कुरा कर जवाब दिया ,
" जी निवि जहा तक स्पोर्ट्स की बात है तो कबीर उसमे बहोत ख़राब था , उसके दुबले पतले शरीर की वजह से उसने कभी भी स्पोर्ट्स में हिस्सा नहीं लिया, और रही बात नाटक की तो वो तो आप भी जानते है और यह स्किल उसमे बचपन से ही था और वह स्कूल के नाटक में भी बहोत चाव हिस्सा लिया करता था इतना ही नहीं उसे एक किरदार के लिए अवार्ड भी मिला था ।"
निवि भी उत्सुकता से पूछा,
" अच्छा क्या आप बता सकती है की वह कोनसा नाटक था और कोनसा किरदार था जसके लिए कबीर को अवार्ड दिया गया था ?"

प्रिन्सीपल शारदा जी ने उसे बताया
" जी है क्यों नहीं , वह नाटक था जेसल - तोरल , जो गुजरात की प्रसिद्ध लोककथा पर से बनाया गया था , जिसमे तोरल देवी का किरदार कबीर ने अदा किया था । जिसे पुरे स्कूल ने और उसके बाद पुरे गांव ने देखा था और सब ने कबीर की बहोत तारीफ भी की थी और काफी लोगोने उसे पुरस्कार के रूप में रूपए देकर भी नवाजा था ।

निवि ने प्रिन्सीपल का शुक्रियादा किया और स्कूल से बहार निकली

फिर से उसने मैं फ्रेम में आकर अपनी बात शुरू की,
"जैसा की आपने जाना काफी दिनों से मशहूर होते एक सामान्य से शरीर वाले लड़के को आज कल से नहीं बचपन से ही एक्टिंग का शोख है तो आइये जानते है कैसे गुजरात के एक असामान्य गांव के सामान्य लड़के ने कैसे पुरे देश को अपने इस कार्य से अचंभित कर दिया है । लेकिन एक ब्रेक के बाद ।"


क्या ?


गांव के महौल्लेमें कुछ बच्चे छुपन छुपाई खेल रहे थे । उसमे से सबसे लम्बा लड़का था हरीश उसे सबको ढूँढना था और गेम शुरू होते ही हर बार की तरह सबसे भारी विशाल पहले ही दिख जाता और आउट हो जाता और सबसे अंत में आउट होता था कबीर क्युकी उसका शरीर मरियल सा था और वह इसी वजह से कही भी छुप जाता था ।

इसी तरह विशाल की बारी आयी सबको ढूंढने की , और सब छुप गए लेकिन कबीर इस बार अपनी ख़ास जगह छुपा था जो थी बड़े से पेड़ में एक दरार . जब भी वह वहां छुपता उसे कोई नहीं ढूंढ पाता ।

धीरे धीरे सब आउट हो गए बाकि इस बार भी कबीर ही था , और विशाल उसे ढूंढ रहा था जैसे ही विशाल दूर गया और ये " धप्पा "

ऐसे ही 2-3 और गेम हुवे लेकिन हर बार की तरह कबीर विशाल को हरा देता

लेकिन इस बार विशाल गुस्सा हो गया और उसने कबीर को ज़ोर से धक्का दिया और गिरा दिया

कबीर रोने लगा और सब उसपर हसने लगे और विशाल ने उसे चिढ़ाते हुवे गाने लगा ..

" लकड़ी तू लड़की , लड़की तू लकड़ी .."

इसी के साथ सारे बच्चो ने भी जोर जोर से गाना शुरू कर दिया

" लकड़ी तू लड़की , लड़की तू लकड़ी .."

लेकिन हरीश उसके साथ था उसने कबीर को उठाया लेकिन उतने में ही कबीर गुस्से में रोते हुवे घर की तरफ दौड़ गया

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घर पर उसकी माँ विणाबेन कबीर के कुछ फटे कपड़ो को
सिलाई लगा रही थी इतने में ही कबीर दौड़कर रोता हुवा आया और अपनी माँ के आँचल में जा घुसा । वह फुट फुट कर रोने लगा माँ ने सर सहलाते हुवे पूछा "क्या हुवा?" , लेकिन वो रोये ही जा रहा था । और उसकी माँ उसे बार बार पूछ रही थी ।

उतने में ही कबीर के पिता वसंतभाई अपने खेत से वापिस आये । उन्हों ने कबीर को अपनी माँ के आँचल में छुप कर रोते हुवे देखा और उसका हाथ पकड़ कर जोर से खींचा और खुद के सामने खड़ा किया और अपनी भारी सी आवाज में गुस्से से बोले की "बता क्या हुवा ? "

10 साल का नन्हा कबीर पिता के गुस्से से और डर गया । पिता ने फिर से उसे जोर देकर पूछा लेकिन इस बार भी वह कुछ नहीं बोला और पिता ने गुस्से में थप्पड़ मार कर फिर से उससे पूछा की बता क्या हुवा है ?

कबीर जोर जोर से रोया फिर सिसकिया लेकर उसने सब बताया और सुनते ही उसके पिताजी व्यथित हो गए और उसकी माँ से कहने लगे " क्या लड़का पैदा किया हे तुमने ? ना इसमें शक्ति है, ना इस में जिगर है , और ऊपर से घर में आकर रो रहा है ये लड़का , क्या करू में इस लड़के का ? तुम्ही ही बताओ अब "

उसकी माँ ने कहा " अभी बच्चा है वो जी , समजिये ना आप "

उसके पिता ने कहा " वो एक लड़का है , एक मर्द है ऐसे लड़कियों की तरह रोता हुवा घर आएगा तो में कैसे चुप रहु ?"

उसकी माँ ने जवाब दिया " अभी छोटा है वो , सब ठीक हो जायेगा बड़ा होगा तब । आप नाहा लीजिये में खाना बनाती हूँ "

उसके पिता ने भी कहा " ठीक है लेकिन आज इसे खाना मत देना तभी अक्ल आएगी इसे , की रोते हुवे घर जाऊंगा तो घर में खाना नहीं "

ऐसा कहकर उसके पिता नहाने चले गए और माँ धीमे से कबीर के पास आयी उसे शांत किया और कहा

" देख बेटा तू आज भले ही तू शरीर से मजबूत न होने की वजह से हार कर घर आया हो लेकिन एक बात याद रखना शरीर की मजबूती पैसे देकर भी खरीदी जा सकती है लेकिन मन की मजबूती नहीं । जिस तरह दुबले पतले शरीर होने के बावजूद बिना लड़े जिन्हो ने अंग्रेजो को हराया और हमे आजादी दिलाई ।
कैसे ?
क्युकी वह मन से मजबूत थे और इसी लिए उनके विचारो को नहीं हरा पाया ।"

नन्हे कबीर को ज्यादा कुछ समज नहीं आया लेकिन यह बाते उसके दिमाग में छप गयी थी ।
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" तो यहाँ में आ पहुंची हूँ कबीर के घर पर , जी हाँ आप सब के फेवरेट वायरल स्टार द कबीर त्रिवेदी के घर पर "
निवि ने कहा

कैमरामन ने टीवी में सबको कबीर का घर दिखाया ।
कबीर का घर एक दम सामान्य था टिपिकल मिडिल क्लास इंडियन फैमिलीज़ की तरह ही ।
वही दिवार पर एक मरियल से बच्चे की कुछ तस्वीरें लगी हुवी थी , हाँ वह कबीर ही था ।
इतने में ठीक ठाक शरीर वाला बिना दाढ़ी मुछो वाला 5'6" की हाइट का गोरी सी शक्ल वाला लड़का काली जींस और येलो टीशर्ट में रूम में दाखिल हुवा ।
निवि उसकी और बढ़ चली और कहा
" जिसका था आपको इंतज़ार , आ चुके है आपके वायरल सुपरस्टार "
कबीर ने बड़ी सी स्माइल के साथ कहा ,
" अरे बस कीजिये निवि जी ,क्या आप भी में कोई स्टार वार नहीं हूँ ।"
" पूरा इंडिया आज तुम्हारे बारे में बात कर रहा है और तुम स्टार नहीं हो हाँ ?" निवि ने पूछा ।
कबीर ने भी जवाब दिया " निवि जी यह तो लोगो का प्यार है जिन्हो ने मुझे मशहूर किया "
बात करते करते दोनों सोफे पर बैठ गए ।
और फिर निवि ने पूछा " ऐसा क्यों किया तुमने जब की सब अच्छे से चल रहा था, लाखो लोग तुम्हे आलरेडी फॉलो कर रहे थे ?"

कबीर ने मुस्कुरा कर जवाब दिया
" क्यों की वही में हूँ असल जिंदगी में या फिर कहो की अंदर से में वही हूँ । "
निवि ने फिर से उत्सुकता से पूछा
" हाँ मगर तुम चाहते तो बिना किसी को जाहिर किये उस दिन ' मिस गुजरात 2019' जित सकते थे । फिर क्यों उस दिन तुमने जाहिर किया ?"

कबीर ने सच्चाई उजागर करते हुवे कहा
" अगर में चाहता तो उस दिन अपनी असलियत छुपा सकता था लेकिन अगर मैं उस दिन अपनी सचाई नहीं बताता और मेरे फोल्लोवेर्स को बाद में पता चलता की में लड़की नहीं लड़का हु तो में उनके दिलो में अपनी रेस्पेक्ट खो देता और मुझे वही सही समय और वक्त सही लगा की में अपनी सचाई जाहिर कर दू "

एक बार फिर निवि ने उत्सुकता से पूछा
" तुम्हे डर नहीं लगा की यह नाम शोहरत फॉलोवर्स सब को खो दोगे ?"

कबीर ने फिर मुस्कुरा कर जवाब दिया
" जी देखिये निवि जी मैं न तो इस नाम , शोहरत या फॉलोवर्स के साथ पैदा हुवा था , और पैदा होने से अब तक में कबीर था , ' कायरा ' जो है वो मेरे अंदर बसती जिसे मैंने नाम दिया ।"

" हाँ हु मैं ट्रांसजेंडर और मुझे इस बात का कोई अफ़सोस नहीं है "



क्यों ?

कबीर के इस बयान से कमरे में चारो तरफ सन्नाटा छा गया ।

निवि ने फिर चुपी तोड़ते हुवे पूछा

" मगर ऐसे स्टेज पर ही क्यों ?"
"तुम चाहते तो ये बात अपने सोशिअल मीडिया पर भी रिवील कर सकते थे??"
"ऐसी कोंटेस्ट में ही क्यों?"

कबीर फिर मुस्कुराया,
"जरुरी था । "
"हमारे देश में आज सेक्शन 377 भले ही हट गया हो लेकिन समानता हमे आज भी हमें कहा मिली है ?"
" जब मेने अपनी सच्चाई ज़ाहिर की तब भी आधे लोग शॉक में थे तो आधे लोग मुझे धृणा से देख रहे थे , जैसे मैंने कोई पाप किया हो ,जैसे मैंने उनकी आइडेंटिटी पर वार किया हो अपने एक्सिस्टेंस से "

कबीर रुका फिर मुस्कुरा कर उसने अपनी बात जारी राखी,
"लोग हम जैसे लोगो को आज भी 'अबे गे , छक्के , हिजड़े ' जैसे बहुमानो से बुलाते है "

" जब में स्टेज पर था तब भी और आज भी मेरे सोशिअल मीडिया एकाउंट्स पर भी ऐसे वर्ड्स और अब्यूस और ट्रॉल्स आते रहते है , और बात यहाँ सिर्फ मेरी नहीं है "

निवि ने बीच में बोलते हुवे कहा की,
" लेकिन अभी भी क्यों ? आपने अपनी बात रख दी है फिर भी ऐसा बर्ताव हो रहा है आपके साथ आपको क्या लगता है इस बारे में , ऐसा क्यों ?"

कबीर ने जवाब देते हुवे कहा,
" इस में किसी एक की गलती नहीं है , भारत में तो यह रिवाज है , अगर कोई आउट ऑफ़ द बॉक्स जाता है तो हम लोग इस चीज़ का स्वीकार भी नहीं करते , हमने स्वामी विवेकानन्द को भी नहीं स्वीकारा था जब उन्हों ने महिला स्वच्छंदता के बारे में बात की , सही से याद कर के बताइयेगा की उनके बचपन , उनकी शिकागो की स्पीच और उनके 'उठो जागो ..' के सूत्र के आलावा कोनसी बड़ी बात याद है जनता को ??"

" बहोत कम लोग है ऐसे और हमारे देश की आबादी है 121 करोड़ "

निवि ने फिर बीच में टोकते हुवे कहा,
" मतलब तुम कहना चाहते हो की हमारे देश में ट्रांसजेंडर्स की कोई इज़्ज़त नहीं ?"

कबीर ने फिर कहा
" इज़्ज़त की बात तो बाद में होगी पहले लोग समजे तो सही की हम है क्या ?"

निवि ने फिर पूछा,
" मतलब तुम कहना चाहते हो की इस विषय पर कोई अवेयरनेस नहीं है हमारे देश में ? अगर नहीं है तो तुम हमारे माध्यम से कुछ कहना चाहोगे ?"

कबीर ने कहा,
"जी हाँ क्यों नहीं , पहली बात तो यह कोई बीमारी नहीं है , और नहीं यह चीज़ रातोरात किसी इंसान में होती है"

"इंसान जब पैदा होता है तब वह कोई एक जाती के साथ पैदा होता है जैसे की स्री या पुरुष , मगर लाखो करोडो में कुछ ऐसे भी पैदा होते है जिसकी शारीरिक जाति और मानसिक जाति अलग होती है , मतलब की ऐसे इंसान शरीर से भले ही कुछ हो लेकिन उनका मन उनकी शारीरिक जाति से अलग आता है "

" शायद यह बात भी पता होगी कुछ लोगो को , लेकिन फिर भी वह नहीं जानते की शरीर से कुछ और , मन से कुछ और होने का दर्द क्या होता है "

" आज भी ऐसे काफी लोग होंगे जो अपने आस पास के समाज की वजह से अभी भी अपने मन को मार कर जो नहीं है वो बनकर रह रहे है "

निवि ने पूछा,
" तो कीर आपने हिमत कर के यह इनिशिएटिव क्यों लिया ?"

कबीर ने कहा,
" समाज में हम जिसे लोगो की जगह बनाने के लिए और उन्हें रिस्पेक्ट से देखा जाये इस लिए किसी को तो आगे आना ही था , फिर में क्यों नहीं ?"



कैसे ?


कबीर की बातो से अभिभूत होकर फिर रूम में सन्नाटा पसर गया
निवि ने पानी के दो घूंट लिए और फिर से सवाल शुरू किये,
" अच्छा तुमने यह तो बता दिया की तुमने यह सब क्यों किया मगर अब माहौल को थोड़ा एंटरटेनिग करते है और जानते है स्टोरी कबीर से कायरा तक की"

कबीर ने हसते हुवे हामी भर दी और कहा " जी बिलकुल ,क्यों नहीं ?"

निवि फिर पूछा,
" हाँ तो बताइये कबीर से कायरा की ये जर्नी कैसे शुरू हुवी ?"

कबीर ने बताया,
" जी में पहले ही बता दू की कायरा मेरी कजिन का नाम है जिसने मेरी इस जर्नी में बहोत मदद की है"

गर्मी की छुट्टिया

अहमदाबाद में कबीर अपनी मासी के घर गर्मी की छुट्टियो में वेकेशन करने के लिया गया था , और वही उसकी कजिन अपने मेक अप आर्टिस्ट के कोर्स के असाइनमेंट कम्प्लीट करने के लिए बकरा ढूंढ रही थी लेकिन आज संडे था और वेकेशन तो उसकी सारी दोस्त अनअवेलेबल थी । और मासी भी घर पर नहीं थी । तो अब कायरा के पास एक ही ऑप्शन बचा था कबीर ।


कायरा,
" कबीर यार सुन ना हेल्प करना मेरी , आय नीड योर हेल्प ।"

कबीर ने फ़ोन से सर बहार निकला और पूछा,
" अरे ऐसा क्या हो गया मेरी प्यारी चुड़ैल ?"

कायरा ने बहोत प्यार से बोला,
"कबीर , थोड़ी देर के लिए टेस्ट गर्ल बन जा ना "

कबीर थोड़ा जिजका और मना करने लगा,
"तू पागल है क्या , टेस्ट गर्ल क्या मतलब है "

कायरा ने मानते हुवे कहा,
"भाई तेरी और मेरी शक्ल में बहोत ज्यादा फर्क नहीं है , और वैसे भी तुजे विग लगा दूंगी तो तू पक्का लड़की बन जायेगा और में तेरी हेयर स्टाइल और मेक अप कर दूंगी तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और मेरा असाइन्मेंट भी हो जायेगा , कबीर प्लीज मान जा यार "

कबीर खुद की कश्मकश में था और यह बात से वह अपनी भावनाओ बह गया और उसने हामी भर दी और उसके अंदर की लड़की उस पर हावी हो गयी ।

कायरा ने उसे तैयार किया मेक अप और हेयर स्टाइल और कायरा कपड़ो के साथ वह हूबहू कायरा की बड़ी बहन लग रहा थी ।

और ट्विन्स के वायरल विडिओस को देख कर कायरा और कबीर ने भी "माय विडिओस एप" में एक विडिओ बना कर पोस्ट कर दी ।

फिर थोड़े घंटे बाद उनकी विडिओ वायरल हो गई और लोग कबीर को देख कर पागल हो रहे थे ।

और इस के बाद फिर कायरा और कबीर ने मिल कर " एप " में कबीर का अकाउंट बनाया " कायरा सीनियर " के नाम से और पुरे वेकेशन कबीर ने लड़की बनकर विडिओस बनाया और उसके फोल्लोवेर्स 1 मिलियन के पार हो गए ।

इसी के साथ कबीर ने भी मेक अप और हेयर स्टाइल खुद से बनाना सीखा और वह अब अपनी दोहरी जिंदगी जीने लगा था ।

तभी 'मिस गुजरात 2019' अनाउंस हुवा और कबीर के फोल्लोवेर्स ने उसे उसमे हिस्सा लेने के लिए रिक्वेस्ट किया और कबीर सोच में पड़ गया ।
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निवि ने फिर पूछा,
" मगर आपको एंट्री कैसे मिली मिस गुजरात में ? "

कबीर ने हसते हुवे कहा ,
" वो भी कायरा की वजह से ही "

निवि ने पूछा " मगर कैसे ?"

कबीर ने कहा ,
"मेरी और कायरा की शक्ल बहोत मिलती थी और इसी की वजह से मेने कायरा के लीगल डाक्यूमेंट्स पर से मिस गुजरात में हिस्सा लिया "

निवि अचंभित होते हुवे कहा " अच्छा "

कबीर ने हसते हुवे हामी भर दी

निवि ने बाते ख़त्म की और शो की समाप्ति के लिए कबीर से आखरी शब्द पूछे,

कबीर ने कहा ,
" ट्रांस जेंडर लोगो को सिम्पथी नहीं चाहिए सिर्फ रिस्पेक्ट और प्यार , धन्यवाद "


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कबीर ने विग उतारी और पूरा ऑडिटोरियम भौचक्का रह गया सब सन्नाटे में आ गए ।

जजीस भी सब सन्नाटे में आ गए ।

कबीर ने माइक हाथ में लिया,
" सर , इसी लिए आया हु में यहाँ बस यही सवाल पूछने की क्या हम शरीर से खूबसूरत होंगे तभी हमारी इज़्ज़त होगी ? या फिर में इस मास्क के पीछे रहु तभी ही मेरी इज़्ज़त होगी ? "

अभी भी सब सन्नाटे में थे और कबीर स्टेज छोड़ कर ग्रीन रूम में चला गया

और यहाँ रिजल्ट्स अनाउंस होने वाले थे , और कबीर को स्टेज पर बुलाया गया सबके साथ ।
जज ने कबीर की और देख कर कहा ,
" मैं रिजल्ट अनाउंस करू उस से पहले , में कबीर आपसे कहना चाहूंगा की मेरे सारे सवालो का जवाब आपके पास तो नहीं है लेकिन सिर्फ एक जवाब है ।"

" मैंने जिंदगी में नहीं सोचा था की में यह ख़िताब में किसी को दूंगा,
'ट्रांस ऑफ़ गुजरात' का अवार्ड जाता है, नन अधर धेन कबीर त्रिवेदी ।"