अधूरी कहानी - 2 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अधूरी कहानी - 2

जय लता के इनटरव्यू लेने के बाद ओफ़िस मे काम कर रहा होता है तभी एक आवाज आती जिसमें एक आदमी कहता है की May I come in जय उसकी ओर देखता है जो कि वह आदमी उसका बीजनेस पार्टनर कम दोस्त था तो उसके चहेरे पे एक मुस्कुराहट आ जाती ओर कहता है

जय: woahhh buddy what a pleasant surprise
विशाल: how's you mate
जय: I'm fine but I can't digest your surprise
विशाल: why?
जय: I mean I like it but Mr. vishal singhaniya care to explain what's reason behind this surprise
विशाल: I'll but first let me sit
जय: सोरी यार तेरे सरप्राएज ने तो मेरे होश ही उडा दिये तो मैं भूल ही गया
विशाल: उडने भी चाहिए होश आखिर सरप्राएज दी भी किसने है
जय: अभी तक खुद की तारीफ़ करने की आदत गयी नहीं तुम्हारी
विशाल: हा तो तुम कोन-सा बदल गये हो
जय: हाँ वो तो है
विशाल: और क्या चल रहा है
जय: everything is going fine
विशाल: and what about your crush ahhaa what's her name saaa.. (तभी दरवाजे पे नोक की आवाज आती है ओर जय कम इन कहता है)
सना: सर मि.गुप्ता का कॉल आया था आज की मीटीग के लिए मैने आपको लेपटोप पे भी डीटेलस सेन्ड की थी पर आपका रीप्लाय नहीं आया तो मुझे यहाँ आना पडा..
जय:स... (जय की बात को काटते हुये)
विशाल: और सना कैसी हो
सना: मैं अच्छी हूँ आप कैसे है
विशाल: मैं तो जैसा हूँ वैसा ही हूँ लेकिन लगता हैं तुम्हारे जय सर प्यार में पड़ गये हैं
सना: जय सर और प्यार आहाआअहाहाहा आहाअहआहाआअहाहाहा i'm sorry सर आप अपना कह रहे हो तो मैं मान भी लू
जय:(गुस्से में) क्यों मुझे प्यार क्यों नहीं हो सकता क्या मैं इंसान नहीं हूँ ओर अगर आपको जो कहना कह दिया हो तो आप जा सकती हैं मिस. खान
सना: i'm sorry सर मेरा वो मतलब नहीं था
जय: नहीं तो मतलब क्या था मिस.खान आपका
सना: Sir I'm extremely sorry if I crossed my limits (आंसु को कन्ट्रोल करते हुये)
विशाल: सना ..सना हेय टेक इट इजी उसकी बातो का बुरा ना मानो वो तो बच्पन से ही गधा है
सना: नो सर शायद मैने ही कुछ ज्यादा कह दिया i'm really really sorry (यह कहकर वह केबीन में से निकल जाती है)
विशाल: गधे ईडीयट कोई एसे बात करता है
जय: तुझे दिख नहीं रहा कैसे मजाक उडा रही थी वो मेरा
विशाल: ओ खाली खोपडी वो तेरा मजाक नहीं उडा रही थी वो तुझे इतना शरीफ़ समझती है की वो तेरे बारे मे वैसे सोच ही नहीं सकती प्यार के मामले में तु पूरा का पूरा गधा है
जय: हाँ तो वो ईतना हँस क्यो रही थी एसे भी तो कह सकती थी मैं नहीं मानती सर कभी प्यार में पडेगे
विशाल: मेरे भोले दोस्त अगर मैं तुम्हें कहुँ की मुझे सना पसंद है तो तेरा क्या रीएक्ट होगा
जय: आहाहाआहाआ आअहाआअ यार कुछ भी
विशाल: देख ले तु खुद ही देख ले
जय: ohhh shit what I did it ahaaahaa...
विशाल: शान्ति शान्ति तेरे पास मै हूँ फ़िर क्या फ़िक्र है
जय: तेरे लिए कहना आसान है तुम प्यार मैं पडे हो तो पता चले
विशाल: मैं प्यार करू या ना करू पर लड़कियों को कैसे ट्रीट करते है ये तो मे तुमसे बहतर जानता हूँ
जय: फ़ाइन पर अब बताओ मै उसे कैसे मनाऊ
विशाल: डीनर उससे बहतर क्या ओपशन होगा
जय: are you serious तुम जानते हो वो मुस्लिम है और वो मेरे साथ अकेले कभी डिनर पर नहीं आयेगी
विशाल: हाँ पर वो मेरे वापस आने की वेलकम पार्टी के डीनर मैं तो आ ही सकती हैं ना
जय: Wow you're genius
विशाल: I told you
जय: चल मेरी छोड तु बता आज तु लेट क्यों था मीटीग मे
विशाल: अरे पुछ ही मत एक पागल लडकी मिल गयी थी सारा का सारा मूड बिगाड दिया
जय: आहाहाआहाआ i can't believe it मतलब कोई तुम से भी गया गुजरा था wow..
विशाल: ohh shut up मेरी बराबरी उस psycho से ना करो मैं लाख गुना बहतर हूँ उससे
जय: ok chill man
विशाल: तो आज रात का क्या प्लान है
जय: कुछ खास नहीं तो फ़िर चलते है कही पे
विशाल: OK than शाम को मिलते हैं

विशाल जय को बाय कहके चला जाता है तभी जय सना के बारे मे सोचता है और उसे अपने बीहेवीयर पर अफ़सोस होता है वह उसे सोरी कहने के लिए सना को ढुढते हुये कैनटीन तक पहुंचता है वहाँ सना को एक लडके के साथ हंसता हुआ देख आग बबुला हो जाता है और गुस्से से वहाँ से निकल जाता है ओर मन ही मन सोचता है की यहाँ मैं गीलट के कारन खुद को कोश रहा था ओर वहाँ मैडम खिलखिला रही थी यह सोचते सोचते वह ओफ़िस से निकल जाता है