किसानों की समस्याओं पर सबके अपने अपने तर्क हैं आज किसानों की समस्याओं पर बेहद हलकान और प्रायः मौन ही रहने वाले एक नेता जी जब सरकार में थे तब उनसे किसानों की आर्थिक स्थिति की बदहाली के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि किसान अब अंडा ,मीट ,मुर्गा ज्यादा खरीद कर खा रहे हैं इसलिये पैसा नहीं बचता उनके पास।एक दूसरे कृषि के जिम्मेदार के बोल तो और भी दिलचस्प थे जिन्होंने बड़ी ही जिम्मेदारी से कहा था कि कर्ज में डूबे हुए किसानों की ख़ुदकुशी के जिम्मेदार उनकी बदहाल आर्थिक स्थिति नहीं बल्कि प्रेम संबंधों में विफलता आदि है ।क्या कहने ,एक वाम पंथी मित्र ने हवाना का सिगार सुलगते हुए इस बात की तुलना फ्रांस की राजकुमारी के उस बयान से की थी जिसने भुखमरी से हो रहे प्रदर्शनों पर रोटी ना मिलने बिलख रहे लोगों को सलाह दी थी कि
"अगर तुम्हारे पास रोटी नहीं है,तो केक खा लो "।
वैसे आराम कुर्सी में धंसे हुए मित्र ने हंसिया और हथौड़ी का चित्र मुझे दिखाया एप्पल के फोन में ,जिसमे हनुमान जी की मूर्ति लगी थी और उनके व्हाट्सअप स्टेटस पर लिखा था "धर्म अफीम है "।सुनाते है उनकी क्रांति के लिये उपयुक्त समय है ये वो आज़ाद मैदान मुम्बई जा रहे हैं किसी आज़ादी को सेलिब्रेट करने और कोई आज़ादी माँगने।उन्होंने गर्व से बताया कि आज़ादी मार्च का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति सिद्धि विनायक मंदिर में माथा टेक कर तब आएंगे।
वैसे अन्नदाता शब्द पर किसानों को गर्व हो सकता है भले ही खेती किसानी का गणित उनकी समझ से परे हो।क्योंकि नासिक की लासगाँव मंडी में प्याज बेचने आया युवा किसान फूट फूटकर रोते हुए कहता है कि प्याज की बिक्री से उसका प्याज को मंडी तक लाने का भाड़ा तक नहीं निकला और अब वो अपना जीवन यापन कैसे करेगा ।उस किसान को लगता है सारा सुख तो नौकरी पेशा लोगों के हाथ है ,उसे शायद ये नहीं पता है कि आम नौकरी पेशा अब प्याज को खरीद पाने की हैसियत में नहीं है।
"ना हो कमीज तो पाँवों से पेट ढक लेंगे
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफर के लिये "।
इतना सस्ता प्याज चलते चलते इतना महंगा होने की गुत्थी कोई नहीं सुलझा पा रहा है ,,,ये कैसे हुआ, ।इसी बीच एक खबर आयी कि कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से एक ट्रक प्याज बुक हुआ गोरखपुर के लिये,रास्ते में गायब।काफी तफ्तीश के बाद के बाद ट्रक बरामद हुआ तो प्याज गायब ।ड्राइवर ने बताया कि लुटेरों ने प्याज लूट लिया और ट्रक छोड़ दिया यानी इतनी कीमती चीज है प्याज।एक सोशलाइट ने ये खबर सुनी तो मुंह बिचकाकर कहा कि ये किसान इतनी कीमती चीज पैदा करते हैं तो ज्यादा टैक्स क्यों नहीं देते ,बेचारी किसी रेस्टोरेन्ट में थी मुम्बई के जहाँ खाने के साथ मुफ्त प्याज होटल वालों ने देनी बन्द कर दी है उन्होंने अपने ट्विटर पर खबर शेयर की है इस प्याज की चोरी की और सरकार से पूछा है कि उन्हें मुफ्त प्याज होटल में क्यों नहीं मिल रही है ,,ये कैसे हुआ ,,,नीचे किसी युवा किसान ने उन्हें मुफ्त प्याज देने की पेशकश की है और शमशेर की कविता टैग की है
"मेरे कमरे में अब भी वो दरी है शायद
ताख पर ही मेरे हिस्से की धरी है शायद
तेरी जेबें तेरी बोतल तो भरी है शायद
दिल को लगती है मेरी बात खरी है शायद"
हजारों लोगों ने इसे रीट्वीट किया है और एक दूसरे से पूछ रहे हैं ये कैसे हुआ,,,आपको मालूम है क्या ?
समाप्त,,☺️
कृते,, दिलीप कुमार ,