'श्वेत' का प्यार Dhaval Jansari द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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'श्वेत' का प्यार

प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता,

ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता,

दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की

उस के बिना जिया नहीं जा सकता.

तू नहीं और भी है मैखाने इस ज़माने मै, तेरी गली आखरी पड़ाव तो नहीं ।

तूने निकाल दिया महफ़िल से, ये ग़म मेरे सीने मै नहीं ।

मै अपना रास्ता खुद्द बनाउंगी, उम्मीद की किरण दिल मे बुजी नहीं ।

'श्वेत' तो एक हमसफ़र है रास्तों पर, भगवान तो नहीं ।

दिल अगर CPU होता तो सभी यादों को SAVE कर सकते ,

दिमाग अगर PRINTER होता तो खयालो का PRINT OUT निकाल देते,

धड़कन में अगर PEN DRIVE होता तो ज़िन्दगी का BACK UP ले लेते,

मन में जो BLUETOOTH होता तो बातों को TRANSFER कर लेते,

आँखों में जो WEBCAM होता तो तस्वीरों को RECEIVE कर सकते,

काश .... काश के ज़िन्दगी भी एक COMPUTER होती तो बचपन RESTART कर लेते.

खत लिख लेना

जब मेरी याद सताए तो मुझे खत लिख लेना,

जब कहीं चैन न आये तो मुझे खत लिख लेना,

वक़्त की धुल मे खो जायेगा हर एक मंज़र,

अगर कोई मंज़र सताए तो मुझे खत लिख लेना,

वो मेरे प्यार के लम्हे वो लचीला मौसम ,

मेरी याद जब आये तो मुझे खत लिख लेना,

महफ़िलें घर याद न आएं तुम्हे,

यह लम्हा बीत जाये तो मुझे खत लिख लेना,

रूठ कर मुझसे भला चैन कहाँ पयोगे तुम,

कोई एहसास याद आये तो मुझे खत लिख लेना,

प्यार के गीत जो तुमने सुनाये थे,

तुम्हें गीत कोई तुम्हारे सुनाये तो मुझे खत लिख लेना

कभी नज़र से गिरा दिया, कभी दिल में बसा लिया;

मोहब्बत में तुमने हमें कभी हसा तो कभी रुला दिया ……

कभी प्यार बेशुमार किया, कभी दर्द बेइंतेहा दिया;

अपनी दीवानगी में तुमने हमें किस मुकाम पर पुहंचा दिया……

कभी मौसम ऐ बहार से मिला दिया, कभी सहरा में तनहा कर दिया,

दिल को खिलौना समझ कर तुमने हमें हर खेल में हरा दिया ……

कभी उमीदों को बढ़ा दिया, कभी मायूसियों ने जीना दुश्वार किया,

फिर भी हमदम हमने तुम्हें जिंदगी की हद से भी ज़ियादा प्यार किया …… ।।।।

कुछ नहीं मिलता

किसी की आँख से सपने चुरा कर कुछ नहीं मिलता,

मंदिरों से चिरागों को बुझा कर कुछ नहीं मिलता।

कोई एक अधूरा सपना हो तो फिर भी अच्छा लगता है,

हज़ारों ख्वाब आँखों में सजा कर कुछ नहीं मिलता।

यह अच्छा है के आपस के भरम न टूटने पाएं,

कभी कभी दोस्तों को आज़मा कर कुछ नहीं मिलता।

अमल की सूखी रग में ज़रा सा खून शामिल कर ,

मेरे दोस्तों फ़क़त बातें बना कर कुछ नहीं मिलता।

मुझे अक्सर सितारों से यह आवाज़ आती है,

किसीके इंतज़ार में नींदें गँवा कर कुछ नहीं मिलता।

जिगर हो जायेगा छलनी यह आंखें खून रोयेंगी,

ये दिल दिलफेक लोगों से लगाकर कर कुछ नहीं मिलता ।।

दुआ ओ की भीड़ में एक दुआ हमारी,

जिसमे मांगी हमने हर ख़ुशी तुम्हारी ,

जब भी मुस्कुराये आप दिल से ,

समजो हुई कबूल हर दुआ हमारी .......

खुदा करे हर रात चाँद बन के आये ,

दिन का उजाला शान बन के आये ,

कभी न दूर हो आपके चेहरे से यह मुस्कान ,

हर नया दिन ऐसा मेहमान बन के आये ..........

तमन्नाओ से भरी हो ज़िन्दगी ,

ख्वाहिशो से भरा हो हर पल ,

दामन भी छोटा लगने लगे ,

इतनी खुशिया दे आपको आने वाला हर एक पल ......

लहरों से मिल कर न वो बह सके न हम ,

एक दूजे के दिल में न वो रह सके न हम ,

जीत लेते आसमान को एक दिन में लेकिन ,

पलकों की खामोसी को होठो से न वो कह सके न हम .......

तन्हाई भरी ज़िन्दगी का सफर मिला ,

न सहारा, न हमसफ़र मिला ,

हम दिया जलता छोड़ गए थे उनके लिए ,

जब वापस लौटे तो जलता हुआ घर मिला ......

रुक रुक कर

यूँ न सपनो मैं आया करो, दिल धड़कता है रुक रुक कर ।

यूँ न दर्द हम को दिया करो, आंसू गिरते हैं रुक रुक कर ।

खबर पड़ गयी सब को इन आंसूकि, बेवफा बरसात भी होइ रुक रुक कर ।

पूछा जो कौन है इस धड़कन - ऐ - दिल मैं, लबो पे तेरा नाम भी आया रुक रुक कर ।

कुछ तो है रिश्ता हमारे दरमयान, यूँ कोई नहीं देखता रुक रुक कर ।

अपने खयालो मैं कुछ जगह दो हम को, वरना मौत भी आएगी हमें रुक रुक कर ।।

साथ रहते रहते युहीं वक़्त गुज़र जायेगा

दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा

जी लो ये पल जब हम साथ है

कल का क्या पता वक़्त कहाँ ले जायेगा ।

पेड़ से पत्ते गिरते है उढाने वाला कोई नहीं

प्यार तोह सभी करतें है लेकिन निभाने वाला कोई नहीं ।

तरसते थे जो मिलने को कभी, आज वो क्यों मेरे साये से कतराते हैं ।

हम भी वही दिल भी वही, न जाने क्यों लोग बदल जाते है !!!

जिस दिल में बसा था प्यार तेरा ; वह दिल तो कभी का तोड़ दिया ;

बदनाम न तुझे होने देंगे; तेरा नाम भी लेना छोड़ दिया !!

यूँ दिल को हर एक शख्स पे वारा नहीं करते

आँखों मैं हर एक अक्स उतारा नहीं करते

होनी है तोह एक बार ही हो जाये मोहब्बत

यह भूल है ऐसी के दुबारा नहीं करते ।।

उनसे रोज़ मिलने को दिल चाहता है ।

कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है ।

था किसी के मनाने का अंदाज़ ऐसा ।

की फिर रूठ जाने को दिल चाहता है ।

जिधर भी जाऊं नज़र में उस का चेहरा रहता है ।

वह मेरे ध्यान के सभी रास्तो में रहता है ।

बिछड़ कर उस से परेशान में तो हूँ ।

पर सुना है वो भी उलझनन में रहता है ।

क्या सुनाए 'श्वेत' आपको

उसके हाले दिल की बात!

क्युकी दिल मैं तो है बस

किसीके आगमन का इंतज़ार!

हमें भुलाने की इजाजत नहीं है,

आपको याद रखने की आदत नहीं है!

आपको आपकी आदत मुबारक,

हमें कोई शिकायत नहीं है!

जो वक्त आरज़ू से बचा इंतज़ार मैं,

इंतज़ार से ज़माने मैं,

ज़माने से मज़बूरी मैं,

प्यार बता,

दो पल भी

तेरे क्या हाथ आया?

स्वप्नों के सितारे है,

आँखों के गगन मैं!

अरमानो के मीनारे है,

जिगर केरी आलम मैं!

कहने दो दुनिया को ,

एक नदी के दो किनारे है!

हमें तैरना है अलग,

जिंदगी के इस सागर मैं!

फूल बनके हसना है, छोटे से इस उपवन मैं!

ख़ुश्बू बनके छाना है, हवाओं की इन सुर्खियों मैं!

बादल बनके बरसना है, पर्वत के इस शिखर पर!

पानी बनके बहना है, जिंदगी के हर एक मोड पर!

सितारा बनके चमकना है, 'श्वेत' अंधेरी रातो मैं!

सूरज बनके दहकना है, अनंत नीले इस गगन मैं!

ENGINEER बनके रहना है, COMPUTER की इस दुनिया मैं!

WEBSITE बनके छाना है, CYBER के इस युग मैं!

VIRUS बनके फैलना है, INTERNET के इस ज़माने मैं!

इंसान बनके रहना है, इक्कीस की इस सदी मैं!

फूलो के सागर मैं, खुशबूओं की लहेरे है;

डर लगता है कही, कोई उसे चुरा न ले जाए!

अंधकार के बदलो मैं, चमकती है आशा की बिजली;

डर लगता है कही, कोई उसे चुरा न ले जाए!

स्वपनो के मंदिर मैं, सजी है अरमानो की देवी;

डर लगता है कही, कोई उसे चुरा न ले जाए!

दिल मैं बसी है सिर्फ, आपकी यादो की बारात;

डर लगता है कही, कोई उसे चुरा न ले जाए!

दुनिया के इस मेले मैं, अकेली-अटूलि खड़ी हूँ 'श्वेत';

डर लगता है कही, कोई मुझे चुरा न ले जाये!

हर ज़िन्दगी के पीछे, छुपी है एक तकदीर इन्सानकी!

हर मोत के पीछे, छुपी है एक साँस हवाकि!

हर तन्हाई के पीछे, छुपी है एक दांस्तान दर्दीली!

हर मुस्कराहट के पीछे, छुपी है एक लकीर गमकी!

हर प्यार के पीछे, छुपी है एक कहानी वफ़ाकि!

हर बेवफाई के पीछे, छुपी है एक हकीकत प्यारकी!

कोई मुस्कराहट के पीछे छुपे गम को नहीं देखता!

बस कहते है सिर्फ "देखो कितनी खुश है वो"

पैर इस ख़ुशी के पीछे छुपे गम को नहीं देखता!

कोई मुस्कराहट के पीछे छुपे गम को नहीं देखता!

न जाने लोग इतने स्वार्थी क्यों है?

न जाने लोग इतने बेवफा क्यों है?

कहते है करते है हम प्यार तुमसे,

फिर पीठ पीछे इतनी नफ़रत क्यों है?

न जाने लोग इतने पथ्थर दिल क्यों है?

न जाने लोग इतने स्वार्थी क्यों है?

फूलो की हर कली आपको ख़ुश्बू दे!

सूरज की हर किरण आपको रोशनी दे!!

हम तो कुछ देने के काबिल नहीं!

खुदा आपको जीवन की हर ख़ुशी दे!!

दिल को तेरा अरमान है!

दिल मैं तेरी आरज़ू है!

तू धड़कन हर ख़ुशी है!

तुझपे जान कुर्बान है!