ये वकील दुनिया में नाम कर जायेगा Ajay Amitabh Suman द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

ये वकील दुनिया में नाम कर जायेगा

ये कविता एक बेईमान वकील को ध्यान में रखकर बनाई गई है . दरअसल वकालत न्याय की रक्षा करने के लिए बनाया गया था . इसका उद्देश्य कमजोरो को न्याय दिलाना था . परन्तु धीरे धीरे वकालत पर व्यापार हावी हो गया . एक वकील पैसा कमाना हीं अपना परम उद्देश्य समझता है . वकील तेज भी होता है और उसे कानून की कमियों का पता होता है . इस कारण से वो गलत काम भी बड़े आराम से करता है . कानून के दायरे में रहकर एक वकील अनगिनत गैर कानूनी कार्य करता है और उसे कोई पकड़ नहीं पाता है . ये कविता इसी तरह के बेईमान वकीलों को ध्यान में रखकर बनाई गई है . इस कविता को पढ़कर अगर एक वकील की आत्मा में क्षणिक भी सुधर होता है तो कवि अपने प्रयास को सफल मानेगा . इस कविता के किसी की भावना अगर आहत होती है तो कवि इसके लिए क्षमा प्रार्थी है .


ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा:
हास्य व्ययंग: कविता:अजय अमिताभ सुमन


जो कर न सके कोई वो काम कर जाएगा,
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा।


फेकेगा दाना , फैलाएगा जाल,
सोचे कि करे कैसे मुर्गे हलाल।
आये समझ में ना , शकुनी को जो भी,
चाल शतरंजी तमाम चल जायेगा .
ये वकील दुनिया में नाम कर जायेगा।


चक्कर कटवाएगा धंधे के नाम पे,
सालो लगवाएगा महीनों के काम पे।
ना हो ख़तम केस कि लगाके पेटिशन,
एडजर्नमेंट के सारे इन्तजाम कर जाएगा।
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा।


एडजर्नमेंट पेटिसन कि मांगेगा फीस,
क्लाएंट का लोन से , टूटे भले ही शीश।
होने पे डिसमिस एडजर्नमेंट पेटिसन के,
अपील के प्रबंध ये तमाम कर जाएगा।
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा।


ना हो दम केस में , फिर भी लड़वाएगा
जेब भारी क्लाएंट की खाली करवाएगा।
बिकेगा क्लाएंट का नाम ग्राम धाम तब,
सबकुछ नीलाम ये तमाम कर जाएगा .
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा।


मच्छड़ के माफिक , खून को चूस ,
बैठ के सिने पे , निकलेगा जूस।
क्लाएंट के सर पे , रख भारी पत्थर,
गंगाजी में राम नाम कर जाएगा।
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा।


प्रोफेसनल एथीक्स है क्या जनता नहीं ,
रेसपानसीबीलीटी क्लाएंट की, पहचानता नहीं।
कि अपोसिट पार्टी से , खाके पैसे भाई,
केस क्लाएंट का गुम नाम कर जाएगा।
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा।


प्रक्टिस चली तो बन जाएगा सीनियर,
नहीं तो जज , सेटिंग से डीअर।
नहीं गली दाल तो , पोलिटिक्स में भाई,
साफ आपने हाथ खुलेआम कर जाएगा।
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा.


जजों को रिशवत खिलाएगा भाई,
ना माने तो जिस्म भेजवाएगा भाई।
हर कीमत पे केस में जीत चाहिए,
कि कत्ले- कानून सरेआम कर जाएगा।
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा।


सच में बंधी है पट्टी ,
कानून कि आँखों पे,रोती है
जनता अदालत के कामों से।
ऐसे भी बची कहाँ है , इज्जत अब कोर्ट कि,
बची खुची है जो भी , नीलाम कर जाएगा।
ये वकील दुनिया में नाम कर जाएगा।


अजय अमिताभ सुमन:सर्वाधिकार सुरक्षित