गुमशुदा की तलाश - 39 Ashish Kumar Trivedi द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गुमशुदा की तलाश - 39


गुमशुदा की तलाश
(39)



दीप्ती की सूचना मिलने के बाद इंस्पेक्टर सुखबीर अपनी टीम के साथ गोवा आ गए थे। उनकी टीम में सब इंस्पेक्टर नीता, दो हवलदारों के साथ रंजन भी था।
गोवा आने के बाद वो लोग इस बात पर विचार कर रहे थे कि अब आगे की कार्यवाही कैसे शुरू की जाए। लेकिन सब इंस्पेक्टर नीता महसूस कर रही थी कि इंस्पेक्टर सुखबीर अभी भी तस्वीर को लेकर उलझन में हैं।
सब इंस्पेक्टर नीता ने इंस्पेक्टर सुखबीर से कहा।
"सर आप अभी उस तस्वीर को लेकर परेशान हैं।"
"हाँ नीता....यह शख्स पहचाना हुआ लगता है। पर समझ नहीं आ रहा कि कौन है।"
तभी सब इंस्पेक्टर नीता का फोन बजा। जब वह बात करके लौटी तो बहुत खुश थी।
"सर अभी मेरे कज़िन संदीप का फोन आया था। हम उसे सैंडी कह कर बुलाते हैं।"
इंस्पेक्टर सुखबीर उसकी बात का मतलब समझ नहीं पाए।
"सर अगर संदीप सैंडी हो सकता है तो राकेश भी रॉकी हो सकता है। राकेश तनवानी ही रॉकी है।"
इंस्पेक्टर सुखबीर का चेहरा खिल उठा।
"सही कहा नीता। तस्वीर में गोल्डन बालों का गुच्छा नहीं था। ना ही कान में बाली। इसलिए याद नहीं आ रहा था। मैंने रॉकी को देखा है। राकेश और रॉकी एक ही हैं।"
रंजन उन लोगों की बात सुन रहा था। वह बोला।
"सर इस राकेश तनवानी ने भारत आने के बाद बहुत तेज़ी से तरक्की की। पर यह खुद को पर्दे के पीछे रखना पसंद करता है। मीडिया से दूर रहने की कोशिश करता है। केवल बहुत ज़रूरी मौकों पर सामने आता है।"
सब इंस्पेक्टर नीता ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा।
"रॉकी बन कर भी यह केवल ईगल क्लब में ही लोगों के सामने आता है। यह अपने दोनों रूप पर्दे में रखता है। ताकी लोगों को शक ना हो।"
राकेश तनवानी और रॉकी एक ही हैं। यह बात तय हो चुकी थी। इंस्पेक्टर सुखबीर सोंच रहे थे कि अब राकेश तनवानी उर्फ रॉकी पर शिकंजा कैसे कसा जाए। वह बोले।
"अब यह तय करना है कि इस राकेश को किस तरह कानून के दायरे में लाया जाए।"
सब इंस्पेक्टर नीता ने कहा।
"सर इसमें सोंचने वाली क्या बात है। दीपक वोहरा ने बताया था कि रॉकी ने बिपिन को किडनैप करवाया था। हम जानते हैं कि राकेश तनवानी और रॉकी एक ही हैं। हम राकेश तनवानी को गिरफ्तार कर सकते हैं।"
सब इंस्पेक्टर नीता के सवाल का जवाब रंजन ने दिया।
"ये हम जानते हैं कि राकेश तनवानी और रॉकी एक हैं। पर हम यह साबित नहीं कर सकते हैं। यहाँ वह राकेश तनवानी के रूप में ही रहता है।"
इंस्पेक्टर सुखबीर ने कहा।
"जो भी हो....हम यहाँ आए हैं तो उसे लेकर ही जाएंगे। बस थोड़ा सोंच समझ कर काम करने की ज़रूरत है।"
रंजन कुछ सोंचते हुए बोला।
"सर ईगल क्लब में राकेश ग्रुप्स का पैसा लगा है। तो हम यह पूँछताछ तो कर सकते हैं कि राकेश तनवानी ने ऐसे क्लब में पैसा क्यों लगाया जहाँ गलत काम होता है।"
"रंजन....तुम भूल रहे हो कि हमारे पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं जिनके आधार पर हम कह सकें कि वहाँ कुछ गलत होता है। मैं जब सरवर खान और सब इंस्पेक्टर राशिद को तलाशने वहाँ गया था तो मैंने जाँच की थी। पर मुझे कोई सबूत नहीं मिला। प्रोफेसर दीपक वोहरा ने भी अपने बयान में कहीं भी यह नहीं कहा है कि ईगल क्लब में कुछ गलत होता है।"
सब इंस्पेक्टर नीता भी बात में शामिल होते हुए बोली।
"सर....प्रोफेसर दीपक वोहरा ने यह तो कहा है कि रॉकी ने बिपिन को किडनैप करवाया है।"
"हाँ उसने कहा था। पर नीता तुम भी यह नहीं समझ रही हो कि दुनिया के लिए राकेश और रॉकी दो अलग व्यक्ति हैं। राकेश ने रॉकी के क्लब में पैसा लगाया था। पर वह उसके गुनाहों के लिए ज़िम्मेदार नहीं है। या फिर हम साबित करें कि राकेश तनवानी और रॉकी एक ही व्यक्ति है। इसलिए कह रहा था कि धैर्य से सोंच कर कोई रास्ता निकालते हैं।"
रंजन और सब इंस्पेक्टर नीता को इंस्पेक्टर सुखबीर की बात सही लगी। वो लोग इस बात पर विचार करने लगे कि राकेश तनवानी और रॉकी एक ही व्यक्ति हैं यह दुनिया के सामने कैसे लाएं।
सब इंस्पेक्टर नीता की नज़र अखबार की एक हेडलाइन पर पड़ी।
'मशहूर कारोबारी राकेश तनवानी अपने क्रूज़ होटल में करेंगे शेख मोहम्मद अब्दुल रशीद का स्वागत'
सब इंस्पेक्टर नीता ने वह खबर इंस्पेक्टर सुखबीर को दिखाई। खबर पढ़ कर वह बोले।
"देखा....ये राकेश तनवानी कितना चालाक है। शेख मोहम्मद अब्दुल रशीद दुनिया भर में मानव कल्याण के अपने कामों के लिए जाने जाते हैं। अपनी छवि अच्छी बनाने के लिए यह शेख मोहम्मद अब्दुल रशीद जैसे अच्छे लोगों का सम्मान करता है। पर वास्तविकता में ड्रग्स का कारोबार करता है।"
"सर सही कह रहे हैं आप। हमें अगर इसे गिरफ्तार करना है तो फिर बहुत ही सोंच समझ कर काम करना होगा।"
रंजन भी बहुत देर से इसी विषय में सोंच रहा था।
"सर....अगर हम दीप्ती नौटियाल को पकड़ सकें तो उसके ज़रिए यह साबित कर सकते हैं कि राकेश तनवानी और रॉकी एक ही हैं।"
"सर रंजन की बात में दम है।"
इंस्पेक्टर सुखबीर ने कहा।
"गुड प्वाइंट रंजन। मैं भी यही सोंच रहा था। दीप्ती रॉकी की गर्लफ्रेंड है। वह गोवा में है तो राकेश के घर में होगी।"
रंजन बोला।
"सर....राकेश तनवानी अपने पाँच मंजिला ड्रीम मैंशन में बड़ी शान से रहता है। पर सर हम बिना किसी आधार के तो मैशन में नहीं घुस सकते हैं।"
"कोई बात नहीं....उसका उपाय सोंचते हैं।"

तीनों लोग मिल कर इस बात पर विचार कर रहे थे कि कैसे ड्रीम मैंशन में घुस कर दीप्ती नौटियाल को पकड़ा जाए। वो लोग अलग अलग प्लान बना कर उसे हर तरह से परख रहे थे। पर अभी तक ऐसा कोई उपाय उनके हाथ नहीं लगा था जो हर तरह से ठीक जंचा हो।
तभी इंस्पेक्टर सुखबीर को उस खबरी का फोन आया जिसने दीप्ती के गोवा में होने की बात बताई थी। इस बार उसने दीप्ती को एक प्रसिद्ध मॉल में घुसते देखा था।
तीनों के चेहरे खिल उठे। इंस्पेक्टर सुखबीर ने कहा।
"चलो हम भी मॉल घूम आएं।"

जैसमिन जबसे गोवा आई थी ड्रीम मैंशन में ही थी। रॉकी ने उसे सख्त हिदायत दी थी कि किसी भी कीमत में बाहर ना जाए। लेकिन वह घर में बंद ऊब गई थी।
रॉकी जब शेख मोहम्मद अब्दुल रशीद का स्वागत करने के लिए होटल रवाना हो गया तो वह भी पीछे से मॉल में शापिंग के लिए निकल गई। उसका सोंचना था कि वह चुपचाप मॉल जाकर लौट आएगी। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
वह मॉल में घूम रही थी। तभी पीछे से किसी ने पुकारा।
"मिस दीप्ती नौटियाल...."
उसने घूम कर देखा। एक सिख पुलिस इंस्पेक्टर सामने खड़ा था। इंस्पेक्टर सुखबीर ने कहा।
"आपको हमारे साथ चलना होगा। हमें आपसे बिपिन दास के केस में कुछ पूँछताछ करनी है।"
जैसमिन के चेहरे पर परेशानी की लकीरें उभरीं। उन्हे छिपाते हुए बोली।
"मैं किसी बिपिन दास को नहीं जानती। आपको गलतफहमी हो रही है।"
यह कह कर उसने आगे बढ़ने की कोशिश की। सब इंस्पेक्टर नीता ने उसका रास्ता रोकते हुए कहा।
"हमने प्रोफेसर दीपक वोहरा को गिरफ्तार कर लिया है। उसने बताया कि आप बिपिन दास की किडनैपिंग में शामिल हैं।"
इस बार जैसमिन ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा।
"मैं कह रही हूँ कि मैं ना तो बिपिन दास को जानती हूँ और ना ही किसी प्रोफेसर दीपक वोहरा को।"
इंस्पेक्टर सुखबीर ने कड़े स्वर में कहा।
"मिस नौटियाल....हमारे पास चरक हॉस्टल के पास लगे सीसीटीवी कैमरा की फुटेज है। इस फुटेज में आप देर रात गए एक लाल रंग की कार में बिपिन के साथ बैठते साफ देखी जा सकती हैं। उस रात के बाद बिपिन किसी को नहीं दिखा।"
जैसमिन के चेहरे का रंग उड़ गया।
"उम्मीद है आप बात समझ गई होंगी।"
कहते हुए सब इंस्पेक्टर नीता ने उसके कंधे पर हाथ रख साथ चलने को कहा।
कोई चारा ना देख कर जैसमिन चुपचाप उनके साथ चली गई।