हा यही प्यार है... - 8 Alpa द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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हा यही प्यार है... - 8

भाग 8 हा यही प्यार है..
अब तक आपने जाना, राहुल usa जा रहा है, प्रिया राहुल की collage मे जाके राहुल के बारेमे उनके फ्रेंड्स से जानती है, ओर फिर चुप चाप घर आ जाती है.. अब आगे...
प्रिया घर आती है तो उनकी मम्मी उसे नोटिस करती है..
प्रिया की मम्मी :- प्रिया तुम कहा गयी थी?
प्रिया :- मम्मी मे यु ही थोड़ा घूमने गयी थी..
प्रिया की मम्मी को प्रिया बदली बदली सी लग रहीहे.. उसे लगा की प्रिया मे इतना बदलाव क्यू.. है.. आखिर क्या बात है... वो प्रिया को देखती रही..
राहुल usa जाने की तैयारी करने लगा, अपने फॅमिली बिज़नेस छोड़ ने को भी तैयार हो गया.. क्युकि उनको प्रिया की ओर खुद की ये हालत अब सहन नहीं हो रही थी, वो सब भूलना चाहता था, प्रिया की याददास्त अभी तक लौटके नहीं आयी थी, अब तो उनकी दिमागी हालत भी बहुत ख़राब होने लगी थी.. बीमारों जैसा हो गया था, राहुल प्रिया की मम्मी से मिलने आता है..राहुल दरवाजा खटखटाता है.. प्रिया दरवाजा खोलती है..राहुल उसका चहेरा देखता है, उसे प्रिया बदली बदली सी लगती है.. प्रिया उनकी आँखों मे कुछ अज़ीब तरीके से देखती है.. जो राहुल को भी अज़ीब लगता है...
राहुल :- मम्मी कहा है?
प्रिया :- मम्मी बाहर आओ...
प्रिया की मम्मी बाहर आती है, ओर कहेती है :- राहुल बेटा कैसे हो?
राहुल :- मम्मी मे ठीक हु... मे usa जा रहा हु... उनकी आँखों मे पानी आ जाता है... वो आगे कुछ बोल नहीं पाता ओर चला जाता है.. प्रिया की मम्मी.. को आघात लगता है.. राहुल के इस निर्णय पे.. ओर उनकी इस हालत पे..
प्रिया सब देख रही है.. पर नाही कुछ reaction देती है.. ऐसे ही चुप चाप खड़ी रहती है..
सुबह हो रही है.. सूर्य की किरणें जैसे धरती पर.. पड़ने को बेताब है.. राहुल अपनी गैलरी मे खड़ा है... सामने प्रिया भी अपनी खिड़की मे खड़ी है.. दोनों की नज़र ऐक दूसरे को देख रही है... राहुल अपने collage के सभी वाकिये याद करता है... उन सब पलो को जो उसने प्रिया के साथ बिताये.... हवाए तेज चल रही है... प्रिया का दुपट्टा.. उड़ रहा है.. राहुल के दिल मे बहुत हलचल हो रही है जैसे अभी प्रिया को गले लगाले... प्रिया i love you ऐसे मन ही मन कहेता है.. राहुल की आँखों मे प्रिया के लिये प्यार साफ जलक रहा है.. वो सीधा अंदर चला जाता है, प्रिया ये सब देख रही है... पर कुछ भी बोल नहीं रही.. आखिर क्यू प्रिया चुप है... आखिर क्यू..
राहुल के usa जाने का दिन आ गया.. वो अपनी बैग पैक कर रहा है...लगेज ऐसे पैक कर रहा है जैसे वापिस ही नहीं आएगा...
राहुल :- चाचा मेरी बैग बाहर गाड़ी मे रखदीजिये,
चाचा :- हा बेटा... रख देता हु.. पर बेटा तेरे बिना यहाँ मन नहीं लगेगा... तेरे से तो घर की रौनक है.. बाकी ये घर तो सुना खंडहर जैसा लगेगा..
राहुल :- चाचा, कईबार..न चाहते हुऐ भी फैसले लेने पड़ते है, हम नसीब के आगे हार जाते है.. ओर अब मे भी हार गया हु चाचा...ओर वो बहुत भावुक हो जाता है.. फिर प्रिया की मम्मी को मिलने जाता है.. उनको गले लग के बहुत रोता है.. ओर कहेता है.. :- मम्मी मे जा रहा हु... आप अपना ओर प्रिया का ख्याल रखना.... प्रिया कहाँ है..??
प्रिया... प्रिया... प्रिया कही दिख नहीं रही है... राहुल सब जगह देखता है.. सब रूम मे..terrace पे, अपने घर मे भी देखता है, प्रिया कही मिल नहीं रहीथी...वो हर जगह ढूंढ़ रहा है,
राहुल :- प्रिया प्रिया... तुम कहाँ हो..??
प्रिया अब जल्दी सामने आ जाओ.. कहाँ हो तुम..?? देखो अब ज्यादा शरारत नहीं.. पर प्रिया तो घर मे कही नहीं है.. आसपास सब जगह देखा.. पर. कही प्रिया नहीं है.. राहुल पागलो जैसा हो गया.. तभी.. राहुल के दोस्त का फ़ोन आता है.. ओर राहुल भागता है... भागके सीधा collage जाता है... collage मे जो नज़ारा देखने को मिलता है वो देखके उसके होश उड़ जाते है...... राहुल क्या देखता है... वहां क्या होरहाहे.. प्रिया कहाँ चली गयी.. ye जानने के लिये जुड़े रही है इस कहानी से.. ✍️✍️✍️ऐक एहेसास आप के साथ.. दोस्तों.. ये भाग update करने मे देर हो गयी है.. इसके लिये मे माफ़ी चाहती हु.?. कल ही इसका आख़री पार्ट.. अपडेट करुँगी..
Alp@meht@
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