हा यही प्यार है... - 3 Alpa द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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हा यही प्यार है... - 3

भाग 3
राहुल भागता हुआ हॉस्पिटल जाता है... उसकी सांसे तेज हो जाती है... ओर दिमाग़ मे ऐक साथ बहोत से बुरे विचार आजाते है.. क्या हुआ होगा.. बस वही पे दिमाग़.. sirf..
राहुल: नर्स... क्या हुआ है . प्रिया को.. जल्दी बोलो.
Nurse : sir.. आप शांत रहिये.. अभी सब पता चल जायेगा.. राहुल भागता हुआ डॉक्टर के पास जाता है..
राहुल : dr.. क्या हुआ प्रिया को... कहा है वो...?? Pls dr. बताइये. मुझे... dr said : प्रिया को ब्रेइन स्ट्रोक आया है.. अभी उसके रिपोर्ट्स हो रहेहे.. शांत हो जाओ.. अभी रिपोर्ट्स आते होंगे... राहुल : प्रिया कहा है...??
Dr : अभी.. बुलाऊंगा तब मिलना.. राहुल : shocked..
Dr : आईये.. come in.. प्रिया बिच रास्ते मे गिरी हुई थी.. ओर फिर होस्पिटल मे यहाँ शिफ्ट की.. उसको ब्रेइन स्ट्रोक आया है.. ब्रेइन स्ट्रोक मे पेशंट कही भी गिर जाता है...
राहुल : wht. Dr.... pls कुछ कीजिये.. ये मेरी सब कुछ है.. प्रिया को देखते हुए.. प्रिया.. प्रिया.. तुम्हे कुछ नहीं होगा. मे कुछ भी kar के तुमको कुछ नहीं होने दूंगा.. उसका हाथ पकड़कर.. राहुल रोने लगता है.. आज वो पहेली बार रोया था..
राहुल पिछली सारी बाते याद कर रहा था.. ओर.. रो रहा था... राहुल : मे प्रिया को बड़े से बड़े dr को दिखाऊंगा..
और कॉल लगता है.. प्रिया के पेरेंट्स को, ओर उसे मुंबई बुला लेता है.. खबर देता है... अब राहुल का ऐक ही मकसद.. प्रिया को पहले जैसी बनाना...
राहुल. रोज morning मे हॉस्पिटल आजाता है, ओर रात को घर जाता है.. उसका सारा दयान वही रखता है. प्रिया के पेरेंट्स को भी support करता है.. प्रिया से घंटो बात करता है.. प्रिया सुन रही है. पर रिएक्ट नहीं कर पाती.. धीरे धीरे प्रिया के ब्रेइन मे जो क्लॉट हुआ था.. वो फिरसे.. सर्वाइव हो रहा था.. उसके दिमाग़ मे ब्लड सर्कुलेशन होने लगता है.. वो थोड़ा थोड़ा रियेक्ट कर रही थी.. ये सब राहुल की महेनत, लगन का नतीजा था... ऐक हफ्ता बीत गया.. राहुल :dr जल्दी आईये.. प्रिया.. react कर रही है. .. वो आस पास देख रही है.. भागते हुए कहता है,, डॉ, भी जल्दी जल्दी रूम मे.. आते है.. प्रिया सबको बारी बारी देख रही है... उसने राहुल की तरफ देखा.. ओर बोला... मे कहा हु... ओर आपने कितने दिनों से मेरी देखभाल की.. आप कौन हो..??
राहुल shocked..उसको बड़ा आघात लगता है.. वो जमीन पे बैठ जाता है. ओर.. जबान बिलकुल बंध हो जाती है. गले मे से.. शब्द नहीं निकल रहे.... वो गुम शूम जैसा हो जाता है.. या. रब्बा.. अब कोई बतलाये.. इससे.. की मे कौन हु उसका... ये क्या हो रहा है ... मेरे साथ.. क्यू. . प्रिया ने तो मुझे भगवान है उसका यकीन दिलाया था, नास्तिक हो कर भी वो प्रिया के लिये..प्रार्थना करता था.. प्रिया के साथ मंदिर भी जाता था.. आज.. वो आघात से बिलकुल टूट रहा है.... बिखर रहा है.. प्रिया.. उसके लिये सब कुछ थी....राहुल.. के लिये प्रिया जैसे पतझर मे खिला हुआ मोगरे का फूल हो.. उसकी महेक से जैसे राहुल के दिल का बाग खिल गया हो..