Ghumakkadi Banzara Mann ki - 9 books and stories free download online pdf in Hindi

घुमक्कड़ी बंजारा मन की - 9

घुमक्कड़ी बंजारा मन की

(९)

गोवा मेरी नज़र से

गोवा के रंग मेरी नजर से

(Purva villa) : बरसों पहले "बॉबी मूवी" देखी थी, उसमे रचा हुआ गोवा का संगीत और वहाँ का माहौल जैसे मन में रच बस गया था, तबसे दिल में था कि गोवा जाना ही है कभी न कभी । फिर ज़िन्दगी, पन्ने दर पन्ने पलटती रही और बंजारा मन और उड़ते पंख भारत के अन्य जगह पर उड़ान भरते रहे । पर हर बार वापस आते और इरादा पक्का होता कि गोवा अब नेक्स्ट । समुन्द्र मुझे वैसे ही बहुत आकर्षित करता है और हर बार लगता कि गोवा के beach जैसे पुकारते हैं । दाना पानी लिखा हो और चाह हो तो पूरी होनी ही है । सितम्बर 16 में "गोवा "जाने का प्रोग्राम बन ही गया । और पहुंच गए हम वहां । गोवा का ख्याल आते ही क्या जहन में क्या आता है ?मस्त नमकीन हवा, बेफिक्र माहौल, बिंदास लोग और भी बहुत कुछ । और एयरपोर्ट पर उतरते ही हवा ने स्वागत तो किया पर वह गर्म हवा का झोंका था कुछ अजब गजब लगा क्योंकि सोच में सिली गीली हुई हवा का महसूसना था । खैर वहां से ठहरने के स्थान तक का सफर कार द्वारा शुरू हुआ। भूख से बुरा हाल था, रास्ते में पड़ने वाले एक गोवन रेस्टोरेंट के सामने कार के ड्राइवर ने रोक दिया कि यहाँ आपको बेस्ट फ़ूड मिलेगा और यहाँ फिर शाम तक सब बन्द रहता है । अंदर पहुंचे तो एक नार्मल से ढाबे के माहौल सा था तेज मछली की गंध फैली हुई थी । शाकाहारी होने के नाते यह मनमाफिक नही लगी पर जो शाकाहारी थाली आई उसमे सही गोअन टेस्ट था, सब्ज़ी और करी में नारियल और सही मसालों के साथ वह खाना बहुत पसंद आया । आगे का सफर शुरू हुआ । ठहरने का इंतज़ाम एक प्राइवेट विला फेमस " अंजना बीच" के पास था नाम" पूर्वा विला "में था।

गोवा में रहना और वो भी विला में अपने परिवार के साथ बहुत ही रोमांचक और उत्साह भर रहा था । एयरपोर्ट से डेढ़ घण्टे की दूरी थी । और अब सड़क के दोनों तरफ हरियाली और रंगबिरंगे खूबसूरत घर जैसे जादू कर रहे थे । जैसे जैसे आगे बढ़ रहे थे वैसे वैसे गोवा का बेफिक्र अंदाज़ दिख रहा था । घने जंगल सा लताओं से घिरा हुआ हर नजारा और उनके बीच में से झांकते छोटे कच्चे पक्के नारियल के खपरैल वाले घर, सड़क पर चलते गहरे रंग के लोग आम किसी भी समुद्र तट पर रहने वाले लोगों से पर मस्त खुद में ही डूबे हुए बिंदास । एक झलक में अभी तो देखते हुए आगे बढ़ते हुए "पूर्वा विला "पहुँच गए । उतरते ही विला के सामने छोटे से बने हुए सफ़ेद और नीले चर्च ने ध्यान अपनी और खींचा।

रास्ते में आते हुए भी कई जगह इस तरह के चर्च दिखाई दिए थे । सफ़ेद लिबास और नीली सी धारी के आउटफिट में सजे हुए सुंदर परिधान से जो आँखों को तृप्त और मन को देखने से ही एक सकून सा देते प्रतीत होते हैं । गेट से एंट्री करते ही विला के चारो तरफ बने गार्डन ने और उसमे लगे पेड़ों ने बहुत ही अपनेपन से स्वागत किया । अंदर जाते ही कोजी लिविंग रूम, डाइनिंग रूम, और खूब खुली बड़ी सी किचन घर से दूर पर घर का सा एहसास करवाने को पर्याप्त थे । फिर विला का साफ़ सुथरा स्विमिंग पूल और बेडरूम देखे तो बस जी दिल झूम के गा उठा "दिल कहे रुक जा रे रुक जा यही पर बस यहीं जो बात इस जगह है वो कहीं पर नही।

"होलिडेज पर घूमने जाना और इस तरह से विला में रहना, मानो सोने पर सुहागा । अपना परिवार अपनी प्राइवेसी किसी छोटी मोटी सियासत के राजा का सा एहसास । सभी सुविधाएँ खाना बनाने के लिए कुक, बड़े शानदार बाथरूम, वाशिंग मशीन और नीले पानी नीले अम्बर के तले स्विमिंग पूल चारो तरफ घिरे घने पेड़ों से घिरा कोयल, मोर और पक्षियों की आवाज़ से चहकता हुआ यह विला जन्नत वाकई जन्नत ही लगा । जब भी ज़िन्दगी मौका दे तो यह मौका ले लेना चाहिए । अंजना बीच से 15 मिनट की दूरी पर बना यह विला अपने अंदर आपको cozy feeling देता है तो बीच या बाहर अन्य जगह जाने पर गोवा के अंदर बसे जीवन की भरपूर झलक भी दिखा देता है ।

यह जगह वाकई मदहोश करने वाली है और इसका हर पहलु धीरे धीरे घूंट भरते हुए पीने वाला जीने वाला है । पांच दिन गोवा में बिताये अलग अलग रंग दिखाते हैं. जहां लहरों की सरगम है पर किनारे लिपटे हुए है. एक नशीले धुंए में जो आकर्षित करते हैं मुझे अब भी इस गाने के साथ "देती है दिल दे, बदले में दिल के __दे दे रे साहिबा. Goa Cafes गोवा के बारे में सोचते ही दो चीजे जो सबसे अधिक beach और sea के बाद दिमाग में आती हैं वो है wine एंड धुआँ सिगरेट आदि और यही धुआँ गोवा को रहस्यमय भी बनाता है और अपनी तरफ आकर्षित भी करता है। किसी भी जगह आप बैठे हैं आपको यह धुंआ अपनी गिरफ्त में ले लेगा चाहे वह beach है या कोई कैफे और आप को यह शहर में बेशक परेशान करे पर वहां वह परेशान से ज्यादा हैरान करता है । beach के किनारे बने हुए कैफे और उसी के साइड में बिकती सिगरटें जिस पर बोल्ड लफ़्ज़ों में लिखा है smoke kills या स्मोक और मौत को चिन्हित करते हुए चेहरे का निशाँ बना है, पर फिर भी वो सुलग रही है हाथो में और गोल गोल छल्ले बनाती फ़ैल रही है आपके आसपास की हवा में । हुक्के से निकलने वाले छल्ले कुछ महकते हुए से हैं रंग से भरे हुए और पीने वाले के चेहरे पर यह पढ़ने को मिलता है जैसे मन ही मन गुनगुना रहा हो "हर फ़िक्र को धुंए में उडाता चला गया... या वहां के धुंधले नीम अंधेरों में. मै अपनी ज़िन्दगी को मौत के और करीब लाता चला गया ":) हूँ हूँ सीरियस मत होयें पढ़ कर... एक राज़ की बात बताऊँ मुझे सिगरेट की स्मेल बहुत परेशान करती है, पर वहां की हवा में एक बेफक्री की महक है जो इस धुंए के साथ मिल कर एक बार तो दिमाग में ले ही आती है कि आखिर क्या है उस में जो हर चिंता से मुक्त कर रहा है. पी के देखू क्या :)..

Goa Cafes वहां की कैफे संस्कृति ने मुझे वाकई मुझे बहुत प्रभावित किया । वहां खाने पीने वाले हम जैसे टूरिस्ट ही हैं । या विदेशी पर मनोविज्ञनिक रूप से गोवा के रंग ढंग में डूबे हुए ही प्रतीत होते है। परिवार के साथ बैठे हुए इस गोअन माहौल को जीना वाकई एक सुखद रोमांचक एहसास है । बेटे" अभिनव" ने अपनी खोजी एण्डवचर मिजाज से वो सब कैफे दिखा दिए जो गोवा की एक बहुत मीठी याद बनाये रखेंगे जहन में । fat fish, d-taste in india aur vegetarian में नवतारा, खाना लाजवाब माहौल जबरदस्त फूल टू मस्ती जानदार और गोवा वाकई ज़िंदाबाद वाला कहने को दिल हो आया. बेशक मेरे जैसे शाकाहारी लोगों के लिए ऑप्शन बहुत ही लिमिटेड है पर जो भी हैं वो स्वादिष्ट हैं जैसे "दी कैफे" में खाया डोसा और फ्रेश कोकोनेट चटनी या नवतारा पूर्ण शाकाहारी में आर्डर करते ही झट से आये थाली और फिल्टर कॉफी आदि । बाकी नॉन वेज के लिए एक से बढ़ कर एक ऑप्शन हैं और स्वादिष्ट भी ऐसा खाते हुए मेरे बच्चों ने बताया ।

अभी हम ऑफ सीज़न में गए थे तो भी कोई रौनक हमे कम नहीं लगी । विला से निकलते हुए हरियाले रास्ते गोवा के खूबसूरत रंगीन घरों से सजे हुए थे । हम जिस जगह थे वो हिन्दू गोअन इलाका था इसलिए हर घर के आगे तुलसी पौधा और मुख्य द्वार के समीप हिन्दू भगवान की छोटी प्रतिमाएं बेहद आकर्षित कर रही थी । मौसम ने भी हमारे पहुँचने के साथ मस्ती में आना शुरू कर दिया गर्मी उमस भरा मौसम रिमझिम फुहार में बदलने लगा और रिमझिम फुहारें कभी तेज कभी मद्धम बारिश में और हम सब का दिल सुरमय संगीत में "डम -डम डिगा, डिगा मौसम भीगा भीगा के साथ ताल देता हुआ कैफे के महौल और धुंए के रहस्य में भीगता रहा.

गोवा की सुंदरता में सबसे अधिक आकर्षण है वह है वहां की समुन्द्र में उठती गिरती लहरों का और यही वही रुकने थमने पर आपको मजबूर कर देगी। गोवा के बीच देसी विदेशी पर्यटकों से अपनी कहानी लहरों के साथ सुनाते रहते हैं। कुछ मटमैले रंग से लहरों से साथ खेलते यह बीच उगते सूरज और निकलते चाँद के गवाह बनते हैं। जब हम गए तब सीजन नहीं था सो कोई वाटर गेम नहीं देख पाये। हमारे ठहरने के स्थान विला के पास ही एक छोटा सा वाटर पार्क था, वहां मदमाती बारिश में खूब एन्जॉय किया.

गोवा अपने में कई रंग समेटे हुए हैं, जहाँ नारियल पेड़ से ढके सुन्दर साफ़ सुथरे घर हैं, वहां बड़े बड़े विला भी हैं। और जो कुछ बड़े घर हैं वह पर्यटकों के रहने के स्थान में भी तब्दील हैं जहाँ आप खाने की सुविधा के साथ बाइक कार के रेंट की भी सुविधा ले सकते हैं।

हम लोग गोवा ६ दिन रुके जिस में से पहले तीन दिन विला में रुकना था और बाकी दिन एक होटल बुक करवाया हुआ था। दोनों ही बीच के पास ही थे, पर रहने का फर्क प्राइवेट विला और होटल में रुके से महसूस हो गया, जहाँ आप विला में एक आज़ादी और खुलापन अपने परिवार के साथ महसूस कर सकते हैं वह होटल के बंधे हुए ब्रेकफास्ट में नहीं कर सकते, विला में स्विमिंग, जब जी चाहे चाय नाश्ता और सुविधा ली हो वह होटल के टाइम बंधन के साथ वाकई फर्क महसूस करवा देती हैं, बेशक होटल में भी आप को कोई मना नहीं करता पर हम जैसे चाय और खाने के शौक रखने वालों के लिए समय था जैसे सुबह जल्दी उठ गए तो चाय चाहिए विला में तो मिल गयी जब चाहे जितनी बार पर होटल में सुबह ८ बजे से पहले नहीं थी यह सुविधा और रात को भी देर तक नहीं मिलेगी। वाकई विला में रहने का यह सुख बहुत ही सुखद रहा. हमने फोर्ट भी देखा जो इतिहास की एक सुंदर झलक लिए हुए समुन्द्र के बेहद खूबसूरत नज़ारे से मिलाता है.

फिर भी आने वाले नेक्स्ट गोवा ट्रिप जो दो साल बाद फिर बना, तब हम साउथ गोवा रुके, यह airbnb के द्वारा लिया गया विला था, जो हर तरह की सुख सुविधा से हमको घर जैसे रहने का एहसास दे गया. यहाँ हम जैसे शाकाहारी लोग अपने पसंद का खाना खुद बना सकते थे.

साउथ गोवा के बीच और चर्च देखने लायक है, यह वेस्ट गोवा की तरह खूब भीड़ भाड़ वाले नहीं हैं, यहाँ के बीच लहरों के साथ खूब बातें करने का मौका देते हैं, और खूब खुद में डूब जाने का भी, चर्च यहाँ पर बेहद सुंदर बने हुए हैं, जिनकी सुन्दरता शब्दों में ब्यान नहीं हो सकती है, यहाँ हमने फेरी मुंबई बोट ट्रिप में एक घंटा समुन्द्र की लहरों की सवारी भी की, नदी और समुन्द्र का खूबसूरत मिलन भी देखा, जो वाकई न भूलने वाला नजारा है। छोटे क्रूज में डांस मस्ती और सूरज डूबने का दिलकश नजारा देखा जो कभी भूला नहीं जा सकता है.

गोवा की खूबसूरती में वहां पर बने अन्य पर्यटक स्थल जैसे किला, चर्च और भी बहुत कुछ है जो एक बार जाये से पूरा नहीं होता। कई बार जा कर भी बहुत कुछ रह जाता है, दोनों बार बहुत कुछ देखा गोवा में, सब प्रमुख बीच, क्रूज, केसिनो, फेरी, मंदिर, चर्च आदि, साउथ, वेस्ट गोवा दोनों के अलग अलग रंग भी दिखे,, अन्दर गांव के घर दिखे और बाहर माल्या जैसे लोगों के बड़े विला भी, जरुर अब वह विला माल्या का नहीं रहा, पर टैक्सी ड्राइवर अभी भी वहां एक बार रुक कर वह दिखाते जरुर है, गोवा जितनी बार जाओ उतना ही कम है, यह वाकई भारत की सबसे सुन्दर जगह में से एक है, जो बजट के साथ भी सैर करवाता है और over बजट हो कर भी दिल से अपनाता है,

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