लव आजकल - 2 Junaid Chaudhary द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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लव आजकल - 2

सारी मेहनत बेकार होती देख मेने अदन को मैसेज करा और बताया के वो फेक इज़ना खान की आई डी मेरी थी।

उसके बाद अदन की गालियो की बौछार शुरू हो गयी।हम भी शातिर थेे। यही तो चाहते थे । मेने कहा बेटा ज़ोहा को तू भूल जा।वो अब मेरी है । और मैने उसे ऐसे समझा दिया है।वो दो तीन दिन में तुझसे ब्रेकअप कर लेगी। वो भी जज़्बाती हो गया। बोला गर्लफ्रेंड किसी की भी रहेे लेकिन फायदा में ही उठाऊंगा।मेरे साथ साथ ज़ोहा के लिए भी उल्टा सीधा बोल गया। मेने उसकी नेगेटिव चैट के स्क्रीन शॉट ज़ोहा को दे दिए।। ज़ोहा ऑफलाइन थी। तब ख़ाली बैठे बैठे ये बात भी दिमाग में आयी के इस आई डी का पासवर्ड ज़ोहा ने मांग लिया तो क्या करेंगे? खाली दिमाग शैतान का घर । फ़ौरन अदन की आई डी खोल कर उसकी प्रोफाइल फोटोज़ डाउनलोड की और अदन खान नाम से फेक आई डी बना दी।अदन फेक आई डी से रियल अदन को ब्लॉक किया। मोबाइल का टाइम चेंज किया। अदन की आई डी uc ब्राउज़र से खोली और अपनी आई डी मेसेंजर से खोल कर चैट अपने मन के मुताबिक़ बना ली। अदन की रियल आई डी को खुद की आई डी से ब्लॉक कर दिया और रियल आई डी की चैट क्लियर कर दी। अगले दिन जब ज़ोहा ऑनलाइन आयी तो स्क्रीन शॉट्स देख कर अदन पर बहुत गुस्सा हो गयी। अदन ने कहा जुनैद झूट बोल रहा है।।और मेने बस इतना कहा "ये रहा मेरी आई डी का पासवर्ड । अगर मेरी कोई बात गलत हो तो मुझे ब्लॉक कर देना। और अगर अदन की बात गलत हो तो उसे ब्लॉक कर देना"। चैट पढ़ने के बाद कोई गुंजाईश ही नहीं बची थी।।ज़ोहा ने बिना कुछ कहे बिना कुछ पूछे अदन को ब्लॉक कर दिया।और मेरे ऊपर भरोसा बढ़ गया। क्योंकि आई डी का पासवर्ड देना ज़ोहा के लिए बड़ी बात थी। लेकिन इतना काफी नहीं था।अभी अदन को ज़ोहा के दिमाग से निकालना था । कुछ वक़्त लगा लेकिन सब कुछ नार्मल हो गया। मैंने ज़ोहा को प्रपोज़ कर दिया।अभी लव जैसा कुछ नहीं था। हम लोग रोज़ाना रात को सोने से पहले बात करते। स्कूलों में एडमिशन शुरू हो चुके थे।घर पर ज़िद कर के छोटी बहन का एडमिशन भी ज़ोहा के स्कूल में करवा दिया। जब ये खबर ज़ोहा को दी तो वो बहुत खुश हो गयी। और कहने लगी मुझे तुमसे मिलना है। में भी मिलने के लिए बेताब था।।लेकिन कैसे ? ज़ोहा ने कहा सुबह 5 बजे से पहले घर आजाना में पीछे का दरवाज़ा खोल दूंगी। मेने कहा ठीक है। किस्स इमोजी भेज कर ज़ोहा को गुड नाईट बोल दिया। घर पर रात को ही कह दिया के सुबह से मॉर्निंग वॉक पर जाऊंगा।।सुबह उठ कर चुप चाप बाइक निकाली।। ज़ोहा के घर से थोड़ी दूर खड़ी की।और उसके घर के पिछले गेट पर जाकर उसको मैसेज किये। वो भी इंतज़ार में थी। हल्के से उसने गेट खोल दिया।मेने उसे इतनी करीब से पहली बार देखा।। ब्लैक सूट खुले हुये बाल शरारती आँखे और उसकी बॉडी फ्रेग्रंस । ऐसी खुशबु मेने कभी महसूस नही की थी जैसी उसके पास से आ रही थी। उसने कहा क्या हुआ ? मेने कहा


गर्मी में ये सुबह की ठंडी ठंडी हवा ..

और सामने तुम जैसी खूबसूरत बला।


मेरा तो किस्स करने का मन हो रहा है। और फिर मुस्कुरा के में घर वापस जाने लगा। उसने बोला बस देखने के लिए ही आये थे ? में बोला हाँ।। पहली मुलाक़ात हे। इतना ही काफी है। फिर भी तुम कहती हो तो हाथ मिला लेता हूँ। वो दरवाज़े में खड़ी थी। मेने उसके नर्म हाथो में अपना हाथ दिया। उसने गर्मजोशी से हाथ को पकड़ा और मुझे अपनी और खिंचा। दूसरा हाथ कंधे के पीछे ले जाकर गर्दन पर रखा। मेरे पैर पर दोनों पैर रखे और मेरे सर को थोड़ा झुकाया। और खुद थोड़ा सा उचक कर उसने अपने होंटो से मेरे होंठ मिला दिए।उस वक़्त मेरा दिमाग बिलकुल बंद हो गया। मुझे समझ नही आया ये मेरे साथ हुआ क्या। मेरा होंठ चूस के उसने दूसरे हाथ से धक्का दिया और कहा अब जाओ।। और दिल में कभी भी अफ़सोस के लिए जगह मत छोड़ा करो। जो दिल करे कर जाया करो।। में उजड़े चमन और लुटी हुई विरासत की तरह उसे खड़ा हुआ देखता रहा।और उसने एक शरारती सी मुस्कान देकर दरवाज़ा बंद कर लिया।