ये बात उन दिनों की जब हम बच्चे थे हम तीन भाई है श्रवण कुमार जोशी अर्जुनलाल शर्मा जाजड़ा और में जोशी राज हम तीनों एक अछे भाई और एक दोस्त कुल मिलके एक फेमली हम तीनों की में उन दोनों से छोटा हु वो दोनों fast hear कर रहे थे में 8 क्लास कर रहा था वो दोनों मेरा बहुत मन रखते थे एक बहार हम तीनों कही बहार एक साथ कही घूमने गये मुबई वा पर हम लोगो ने बहुत मजे किया फोटू खिंचे पूरा मजा किया ???? फिर वा पर हमें एक लड़की मिली जिसका नाम था शुभ लक्ष्मी वो उस को कही लड़के छेड़ रहे थे हम ने उन की मददत्त की जब हम ने उन से पूछा की आप का घर कहा है तो वो बोली में अभी अही हु तो हम ने आपने होटल ले आये फिर रूम बुक किया और रूम छोड़ दिया शुभह हमें धन्यवाद देने अहि फिर हमारे साथ कॉपी पि फिर हम से दोस्ती की हमारे साथ रेने लगी हमारे साथ ही घूमती और हमारे साथ ही वापिस होटल आजते उन का कमरा हमारे पास ही था दूसरे दिन हमरे साथ वो भी धूमने निकली अछि दोस्ती हो बन गयी फिर हमने साथ में नास्था किया एस्किम खाई जुला जुलने गये काफी पि फिर हम भाई जिम गये वो भी साथ में थी फिर हम भाइयो ने मिलकर टूर पर चले गए उसी होटल से हमारा सारा सामान उसी होटल में था हम दो दिन का टूर कर के वापिस आये हम ने होटल के मैनेजर से पूछा की वो हमारी दोस्त कहा गयी तो उनने बताया कि उन का सारा सामान चोरी हो गया और उन का पारश फोन सब कुछ चोरी हो गया तो हमें मज़बूरी में उने निकलना पड़ा फिर किया मेरे भाई श्रवण और उन मैनेजर के बीच लड़ाई हो गयी फिर हम तीनों भाई होटल से बहार आये और उने खोजने की कोशिश की हमें खोजते खोजते दो दिन लग गये फिर हमरा भी। टूर पूरा हो गया तो हम भी चल पड़े बस एस्टेड जब हम रिक्शा में जहाँ रहे थे तो हमें हमारी दोस्त दिखाई दी तो मैने कहा रिक्शा रोको फिर हम उनके पास गए उनने सारी बात बताई की मेरा सारा सामान चोरी हो गया फिर हम ने उने अछे कपडे दिलाये और उनके साथ उने गांव चले गये गांव हरियाण में जमालपुर उनका गांव बहुत अच्छा था उनोने हमें खूब घुमाया वा की खेती बावड़ी, कुआ ,तालाब ,हेडपाप् आदि दिखाए हम तालाब में खूब मजे किये फिर हम बैलगाड़ी ,उठगाड़ी,उठ पर सवारी की बहुत मजा आया फिर हमने हमारी दोस्त से कहा कि अब हमें जाना होगा उनोने कहा कि थोड़े दिन और रुक जाओ पर हामने कहा कि नहीं अब हम नहीं रुक सकते फिर हमने उनके घर वालो से आशिर्वाद लिया उनका परिवार बहुत अच्छा था शुभ लक्ष्मी हमें पैसे देने अहि पर हम ने मना कार दिया फिर मेरे दोनों भाई यो ने कहा कि आज से आप हमारी बहन हो और जब भी हमारी जरूरत पड़े हमें बुला लेना हम तीनों आप को वचन देते है कि जब कभी भी आप को हमारी जरूरत होगी तो आप हमें बेजिजक के सकती है ये हम तीनों के नबर जब भी कॉल करो गे अपनी जान देकर आप को हर मुशीबत से बचगे ये बात सुनकर उने परिवार वालो ने कहा कि आप स
जैसे लोग अगर दूनिया में हो बेटीया हमेंसा
सदा ही खुश रहे गी जब लक्ष्मी के दादी और माँ पिता जी के केने से उस ने हमारे कलाई पर राखी बन्दी फिर हम वा से निकल राजस्थान में जोधपुर आये वो हमरा जिला था फिर हम ने चाय नास्था किया फिर वा से ओसिया आए वा मेरी तेसिल है फिर हम तीनों वा से अलग हो गए श्रवण कुमार जोशी आपने गांव चला गये अर्जुन लाल शर्मा जाजड़ा वो फलोदी चला गया और में आपने गांव वापिस गये
इस दौरान हमरा साफर पूरा हुआ