एक अनचाहा रिश्ता - 2 Veena द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

एक अनचाहा रिश्ता - 2

(कहानी अब तक....मीरा पटेल अपनी आलीशान दुनिया से बाहर एक प्राइवेट कंपनी में जॉब जॉइन करती है. जहां उसे पता चलता है कि उसे ऐसे डिपार्टमेंट में काम करना है जिसमें वह सिर्फ अकेली लड़की है अब आगे....... )
स्वप्निल पाटील एक 35 साल का हैंडसम नौजवान है ऑफिस की सारी लड़कियां मरती है उसपर लेकिन यह जिस लड़की के लिए अपनी जान दे ऐसी कोई इनको अब तक मिली नहीं...इन्होंने आज तक अपने डिपार्टमेंट में एक भी लड़की को टिकने नहीं दिया ऐसे में मीरा का इन्हें ज्वाइन करना काफी कुछ बदलेगा....पर कौन और किसे बदलना पड़ेगा यह तो वक्त बताएगा.....
मीरा स्वप्निल के कैबिन में आती है जहां समीर पहले से ही मौजूद है..
स्वप्निल : अंदर आ जाइए मिस पटेल.
मीरा : मीरा सर.
स्वप्निल : आई विल गो विथ मिस.पटेल. मुझे यकीन है तुम्हें कोई प्रॉब्लम नहीं होगी..मुझे 
मीरा : मुझे है सर. बीकाॅज आय एम कंफर्टेबल विद् मीरा
स्वप्निल : लिसन तुम यहां अपने कंफर्ट के लिए नहीं हो और अगर मेरे अंडर काम करना है तो यह हमेशा याद रखो कि, बॉस इज ऑलवेज राइट. अब यह फाइल लो, इसे अच्छी तरीके से रीड करो, प्रोजेक्ट पूरे तरीके से समझो और फिर मुझे उस पर एक रिपोर्ट बना कर दो जिसे मैं अपने प्रेजेंटेशन में यूज कर सकूं. इज डॅट क्लियर??
मीरा : येस बॉस.
स्वप्निल : ये रिपोर्ट मुझे आज शाम तक चाहिए....
मीरा : नो ! आप ऐसा नहीं कर सकते मुझे प्रोजेक्ट समझना है इसमें वक्त लगेगा...
स्वप्निल : कल सुबह तक रिपोर्ट मेरी टेबल पर होनी चाहिए. आप यहां से जा सकती है मीरा.
मीरा : पर...
स्वप्निल : जाओ......
मीरा वहां से चली जाती है. पर उसे लगता है कि उसके साथ नाइंसाफी हो रही है. कौन अपने ट्रेनिं से फर्स्ट डे पर कहता है कि मुझे शाम तक रिपोर्ट बना कर दो. वो भी पूरे प्रोजेक्ट की???  सडू, खडूस कहीं का पहला दिन ही आखरी करवा देंगे... मीरा अपने आप से बात कर रही होती है कि अजय वहां आ जाता है..
अजय : हेलो मीरा, इतनी टेंशन में क्यों है फर्स्ट डे है. इंजॉय करो.
मीरा : क्या यार ! किस सडू के साथ बांध दिया है मुझे ??तू तो कह रहा था कि समीर सर मेरे बॉस बनेंगे. उन्होंने तो प्लानिंग डिपार्टमेंट में डाल दिया मुझे और वह आदमी आधे दिन में मुझसे पूरे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट मांग रहा है. उन्हें क्या लगता है? मैं डर जाउंगी. इन्हें क्या पता मैं मीरा पटेल हूं. इनसे ज्यादा इगो है मुझ में. अब मुझे डिस्टर्ब मत कर बाय.
अजय : मीरा मैं समीर सर से बात करता हूं, वह तुम्हारी ट्रांसफर करवा लेंगे हमारे डिपार्टमेंट में.
मीरा : नो वे. में इन्हीं के साथ काम करूंगी. वह भी याद रखेंगे मुझे.
अजय : मीरा आज फर्स्ट डे है और तू इतना क्यों एफेेेक्ट हो रही है उनकी बातों से. जाने दे छोड़ ना मैं बात करता हूं समीर सर से ?
मीरा : नो नो नो तुझे पता है मेरे बॉस का एटीट्यूड बता रहा था, कि वह मुझे अपने साथ नहीं रखना चाहते. मैं भी तो देखूं कैसे नहीं रखते, मुझे अपने साथ. सुबह में जब उनको देखा था, मुझे लगा था जैसे कितना शांत सुलझा हुआ इंसान होगा लेकिन....जाने दे मैं भी तो जानू इन्हें प्रॉब्लम क्या है मुझसे ?
अजय : यह बात तू इतने गैरेंटी के साथ कैसे कह सकती है कि वह तुझे अपने साथ नहीं रखना चाहते ?
मीरा : क्योंकि मीटिंग रूम से बाहर निकलते वक्त मैंने उन्हें हेलो विश किया लेकिन वह वहां से इस तरह गुस्से में निकल गए जैसे उन्होंने मुझे देखा ही ना हो.
अजय : क्या ? कुछ भी !!!!! मीरा अगर उन्होंने तुझे हेलो विश नहीं किया इसका मतलब वह तुझे अपने साथ रखना नहीं चाहते !!!! हा हा हा !!!! तू इतनी फनी क्यों है यार...
मीरा : देख तुझे यकीन करना है, तो कर वर्ना मत कर. तुझे समझाने के लिए मेरे पास वक्त नहीं है. नाव बाय.
मीरा के जाने के बाद स्वप्निल के कैबिन में...
समीर : यह गलत है यार !! तू उसके साथ ऐसा नहीं कर सकता.
स्वप्निल : क्यों दोस्त ? अभी कुछ देर पहले तो वह उम्र भर मेरा साथ निभाने वाली थी ? मैंने एक रिपोर्ट क्या मांगी दो कदमों में ही उसने मेरा साथ छोड़ दिया.
समीर : निभाएगी अगर तू किसी और का गुस्सा उस पर ना निकाले.
स्वप्निल : मतलब क्या है तेरा ?
समीर : क्योंकि मीरा एक लड़की है. तू उससे इस तरीके से परेशान नहीं कर सकता. उसने तेरे साथ जो भी किया उसकी सजा तू मीरा या किसी और को नहीं दे सकता. क्या मैं नहीं जानता ? कि तू ने अब तक शादी क्यों नहीं की ? वह तेरा पास्ट थी यह बात तुझे समझनी होगी.
स्वप्निल : समझ यही वो चीज है, जो आज तक मुझे किसी लड़की में नहीं मिली. किसी ने मेरी बॉडी से प्यार किया, किसी ने मेरे पैसे से. मैंने कहा ना मैं शादी करूंगा लेकिन तब जब कोई मुझे समझने वाली मिलेगी. और जहां तक मेरे पास्ट की बात है मैंने उसे कब का पीछे छोड़ दिया है. डू यू गेट इट..
समीर : मुझे माफ कर दे. लेकिन मुझे अब भी यही लगता है कि तूने मीरा के साथ जो किया...वह
तभी मीरा कैबिन का दरवाजा खोल कैबिन में अंदर आती है...
मीरा : बॉस मुझे प्रॉब्लम है ?
स्वप्निल : और मुझे भी ?
मीरा : तो आपको पता है इसमें पहले से प्रॉब्लम है.
स्वप्निल : प्रॉब्लम फाइल में नहीं तुम मैं हैं ...
मीरा : मतलब अब मैंने क्या किया. ?
स्वप्निल : आखरी बार बता रहा हूं याद रखना कभी भी किसी के भी कैबिन का दरवाजा नाॅक किए बिना अंदर नहीं आना चाहिए...
मीरा : समझ गई. मुझे माफ कर दीजिए.
यह कह कर मीरा कैबिन से बाहर चली जाती है.
स्वप्निल : किस काम के लिए आई थी वह तो बताती जाओ. 
Knock Knock
बाहर से कैबिन का दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है.
मीरा : क्या मैं अंदर आ सकती हूं ?
स्वप्निल : अंदर आ जाओ. 
मीरा : बॉस मुझे प्रॉब्लम है ?
स्वप्निल : तुम पागल हो ? अभी यह क्या था ?
मीरा : आपने समझाया था ना बॉस इज ऑलवेज राइट. तो मेें समझ गई. आपने कहा दरवाजा खटखटा के आना मेंने वही किया...
स्वप्निल : समीर क्या तुम हमें कुछ देर के लिए अकेला छोड़ सकते हो ?
समीर ( हंसते हुए ) : हां क्यों नहीं जरूर.
स्वप्निल कैबिन में मीरा को डांट रहा होता है, समीर दूर से कैबिन की तरफ देखते हुए......
समीर : मैं तो समझ गया !!! पता नहीं तू कब समझेगा, कि कोई आया है तुझे समझने.....
समझने और समझाने का खेल भी अजीब है आज पहली ही मुलाकात है इनकी पर ऐसा लगता है मानो एक दूसरे को समझ गये हो दोनों. यह तो बस शुरुआत है काफी लंबा सफर काटना है इनको साथ में एक दूसरे से अलग पर एक दूसरे को पूरा करने वाली ऐसी है इन दोनों की कहानी.......