एक अनचाहा रिश्ता - 1 Veena द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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एक अनचाहा रिश्ता - 1

मुंबई एक सपनो का शहर, इस शहर ने नजाने कितनी कहानिया देखी होगी, कुछ पूरी हुई, कुछ अधूरी रह गई. हमारी कहानी उन अधूरी कहानियां से शुरू होती है.
  मिलिए मीरा पटेल से, एक खूबसूरत लड़की जिनकी आंखें सुबह 11:00 बजे से पहले नहीं खुलती पर ना जाने क्यों आज 8:00 बजे उठ गई. यह देख उसके पिता सुरेश पटेल चौक गए.
सुरेश:  गुड मॉर्निंग बेटा आज घर की सारी घड़ियां खराब हो गई है, या फिर तुम्हें बुखार है देखने दो जरा ?
मीरा:  डॅड पहले तो गुड मॉर्निंग. मैंने कल ही आपको बताया था ना  कि आज से मैं  द मीरा पटेल ग्लोबल्स में ट्रेनिंग मैनेजर की पोस्ट जॉइन कर रही हो तो...... 
सुरेश:  मीरा बेटा जॉब करना कोई आसान काम नहीं.  वो भी किसी प्राइवेट फॉर्म में. तुम मेरी इकलौती बेटी हो अपनी लाइफ इंजॉय करो शॉपिंग करो क्लबिंग करो पर यह सब नहीं नहीं.
मीरा:  डॅड मुझे क्लबिंग पसंद नहीं और अभी बहुत सारे ड्रेसेस है मेरे पास   पहले उन्हें खराब करूंगी फिर नहीं लेकर आऊंगी लेकिन जॉब तो आज ही जॉइन करूंगी.
कॉफी मग सुरेश के हाथ में थमा कर मेरा घर से बाहर चली जाती है.
सुरेश:  ठीक है बेटा जैसे तेरी मर्जी खुद अपनी कंपनी का सीईओ पद छोड़ किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब और वह भी असिस्टेंट मैनेजर की. पर खैर हमेशा तुमने अपने दिल की ही सुनी है आए होप इस बार भी तुम्हारा डिसीजन सही साबित हो. चलिए मिस्टर पटेल अब जॉब पर जाने की आपकी बारी.
घर के बाहर अजय मीरा का वेट कर रहा था. अजय एक 25 साल का खूबसूरत नौजवान है जो कि स्कूल टाइम से मीरा का दोस्त है. उसी की वजह से मेरा ने ग्लोबल जॉइन किया था.
अजय : गुड मॉर्निंग....
मीरा : गुड मॉर्निंग...
अजय : तो तुम तैयार हो अपने औफिस के पहले दिन के लिए ?
मीरा उसकी बाइक पर बैठ जाती है
मीरा :  मैं तो तैयार हूं पर डॅड खुश नहीं लगे मुझे....
अजय :  कौन सा बाप होगा???? जब करोड़ों की दौलत छोड़ बेटी किसी प्राइवेट फर्म 40000 की नोकरी करेगी
मीरा :  चुप रहो तुम मुझे अपनी पहचान चाहिए ना कि पटेल इंडस्ट्रीज की. मैं चाहती हूं कि कल जब मैं डॅड का बिजनेस संभालू कोई यह ना कहें कि यह मुझे विरासत में मिला है, सब यह जानते हो कि मैं इस विरासत के लायक हूं. तू तो जानता है सब फिर भी???
अजय :  अजीब दुनिया है जिसके पास खाने के लिए रोटी नहीं वो रोटी बेल रहा है और जिसे बनी बनाई रोटी मिल रही है वह कहती है मैं आटा पिसूंगी ताकि सबको यह पता चल सके कि रोटी मैंने बनाई है.. WTF यार.
मीरा :  मतलब???? अभी रोटी कहां से आई बीच में हम तो नमकीन बनाते हैं..
अजय :  मीरा रहने दो तुमसे ना हो पाएग.
इसी हसी मजाक के बीच दोनों ग्लोबल्स पहुंच जाते हैं कंपनी को देखते हुए मीरा मन ही मन सोचती है.......
मीरा : पता नहीं क्यों पर यकीन है कि मुझे मेरी लाइफ का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट यही इसी कंपनी में मिलेगा.
तभी वहां से कोट पहने हुए कोई जल्दबाजी में अंदर आता है....
क्या ये दस्तक सिर्फ कंपनी के दरवाजे पर थी या फिर इसी दरवाजे से किसी ने मीरा की लाइफ में एंट्री ली थी.......
ग्लोबल्स के मीटिंग रूम में
नए आए हुए 13 टैंनी मैनेजर और 1 जनरल मैनेजर मीटिंग रूम में बैठे हुए होते हैं कि सामने से 5 लोग चल कर आते हैं जिन्हें देखकर सब खड़े हो जाते हैं.
मिस्टर धीरज शर्मा वहां के जनरल मैनेजर उन पांचों का इंट्रोडक्शन देते हैं
मि. शर्मा : एवरीवन प्लीज वेलकम अवर सी ई ओ  मिस्टर अमनदीप हुड्डा नाउ आई विल गाइड प्लीज सर.
मि.हुड्डा :  गुड मॉर्निंग ऑल वेलकम टू ग्लोबल्स यंग टैलेंट का ग्लोबल्स में हमेशा स्वागत किया जाता है..आप सब अपनी फील्ड में टॉपर है यही वजह है कि आज आप मेरे सामने बैठे हैं. सो आई कांग्रेचुलेट यू फॉर यू आर फर्स्ट स्टेप टुवर्ड सक्सेस..  आपके टैलेंट को देखते हुए हमने मतलब हम पांच नहीं सॉरी सॉरी हम चारों ने क्योंकि मिस्टर स्वप्निल पाटिल अभी साइट से आए हैं उनके बिना आप सब को हमने इन 4 के साथ डिसटीब्यूट कर दिया गया है जिसकी जानकारी मि.शर्मा आप लोगों को देंगे फर्स्ट लेट मी  इंट्रोड्यूस मिस्टर समीर सरदेसाई एच.ओ.डी ऑफ सिविल सेक्शन जिन्होंने आप लोगों को चुना ग्लोबल्स के लिए. मिस्टर अविनाश तंवर एच.ओ.डी ऑफ मैकेनिकल सेक्शन. मिस्टर राजेंद्र नायक एच.ओ.डी ऑफ इलेक्ट्रिकल डिविजन एंड मीट मिस्टर स्वप्निल पाटिल एच.ओ.डी ऑफ  प्लैनिंग थैंक यू एंड ऑल द बेस्ट इन फ्यूचर.
इस लंबी सी स्पीच के बाद मीरा को पता चलता है कि उसे अकेले ही प्लानिंग में सारा काम संभालना है वह कॉन्फिडेंट है लेकिन साथ ही उसे थोड़ा डर भी लग रहा है.
स्वप्निल के कैबिन में समीर और स्वप्निल आपस में बातें कर रहे होते हैं..
स्वप्निल :  वह मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं ? एक लड़की वह भी मेरा काम संभालेगी मुझे अभी मिस्टर हुड्डा से बात करनी होगी
समीर : क्या बात करेगा तू उनसे ????
स्वप्निल : मेरी क्लियर रिक्वायरमेंट थी कि मुझे एक लड़का चाहिए सीविल से.... तो उन्होंने ऐसा क्यों किया ????
समीर : मैंने उसे चुना है तेरे लिए तुझे मुझ पर भरोसा नहीं ?
स्वप्निल :  क्या ? पर क्यों ? तुझे पता है ना मुझे लड़कियों के साथ काम करना पसंद नहीं. मेरा गुस्सा कंट्रोल नहीं होता मुझसे.
समीर :  पर वो लड़की बेस्ट है. उसके सर्टिफिकेट उसका नॉलेज, में उसने मेरे डिपार्टमेंट में रखना चाहता था पर तेरे डिपार्टमेंट में उसका नॉलेज ज्यादा इस्तेमाल होगा.  मेरी बात सुन, तू उसके साथ 1 महीना काम करके देख तुझे उसका काम नहीं पसंद आया तो मैं उसे अपने डिपार्टमेंट में ट्रांसफर कर दूंगा. क्या यह ठीक है ?
स्वप्निल :  तू भी ना सिर्फ एक महीना और भी तेरे लिए.. 
समीर :  यह हुई ना मेरे दोस्त वाली बात.
स्वप्निल :  मुझे नहीं लगता हो 1 हफ्ता भी मेरे साथ टिक पाएगी. वह दिखने में काफी नाजुक लग रही है और तू तो जानता है कि मुझे सिर्फ शो पीस जैसी लडकीया बिल्कुल पसंद नहीं.
समीर :  ये एक हफ्ता क्या तेरी लाइफ में भी टिक जाएगी चाहिए तो आजमा ले.
स्वप्निल :  चलो अभी आजमाते हैं.
कहकर स्वप्निल में मीरा को कैबिन में आने का बुलावा भिजवाया
आगे क्या होने वाला है मीरा के साथ ??? 
किस मकसद से समीर मीरा को स्वप्निल की जिंदगी में लाया है ????
कौन सा खेल है जो शुरू होने के कगार पर है ????
या कोई खेल है जो पहले आधा रह गया था ????
देखेंगे अगले भाग में.....