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चाहत.

             यू तो मंजिल के रस्ते हज़ार मिलेंगे 
             कलियो सैंग कांटे हज़ार मिलेंगे 
             चलेंगे संभल संभल कर रस्तो पर 
             फरिस्तो के नकाब ओढे सैतान मिलेंगे 
     
              सूरज की किरनो ने धरती को जेसे सोना बिखेर रही हो ओर पंखी उस सोने को चुग रहे हो ।सारी सृष्टि मे कुछ नया सा जादू भर दिया हो उसी तरह सूरज  की रोशनी उसके चेहरे पर खिलती दिख रही थी ।कुछ अलग सी खुशी उसके चेहरे पर साफ साफ नज़र आ रही थी।आज उसका  सपना सच होने जा रहा था ।हा वो सपना जो उसने बचपन से देखा था ।पुरा होने की उम्मिद तो कब की दफन थी पर अचानक से कही से एक रोशनी की किरण आयी और रोशनी के सपनो को जैसे पंख मिले हो ओर  उड़ने लगी वह भी अपने मंजिल की ओर ।
         रोशनी का सबसे एहम दिन था ।उसने कभी सोचा नही था की एसा होगा ।आज वह रोज से पहले उठ गयी थी पिछली रात को ही सारी तैयारी कर चुकी थी। अलमरी से ब्लू जीन्स ओर उसपर पिंक कुरती  जो की रात को ही प्रैस कर के रखी थी निकाली ।चेहरे पर लाईट मेक अप किया वैसे तो रोशनी को मेकप करना पसंद नही पर आज उसके लिये बहुत  खास दिन था ।शहर के जानेमाने लोग आनेवाले थे उसकी आवाज को आज नयी पहचान मिलने वाली थी ।पर रोशनी ने यह भी ध्यान रखा की कही उसकी खुद की खुबसूरती मेक अप के पीछे छुप ना जाए। चेहरे पर छोटी बिन्दी मानो असमान मे कोई चमका सितार ,कमल की पंखुडी जेसे कोमल होठो पर लाईट शेड की लिप्स्टिक मानो चान्द की चांदनी मे बढोतरी कर रही थी ।लो अब रेडी है अपने सपनो को शाकार करने ।अपने स्कूटर की चाबी ली ओर मन मे थोडी घबराहट ओर कयी ज्यादा खुशी के साथ निकल पडी सीमेंट के बेजान रास्ते पर । 
       अरे ! ये क्या आज ये इतना ट्राफीक क्यू ? सब को यही टाईम मिला था क्या घुमने के लिये ।इतना बडा दिन ओर देर से पहुचेगी केसा लगेगा ?नही नही मुजे समय पर पहुचना ही होगा ।कोई ओर रस्ता ले लू पर वह भी तो बहुत लम्बा है ।क्या किया जाये इसी सोच मे सिग्नल खुल गया । चेहरे पर इतनी लम्बी मुस्कान आयी मानो अनमोल चिज खो जाने के बाद बरसो से मिली हो । वेसे तो सब कुछ वेसा ही था जेसा हर रोज होता है पर आज रोशनी को सब अलग अलग नया नया दिख रहा था। बेजान रास्ते मे जेसे जान आ गयी हो वे भी रोशनी के साथ गुनगुना रहे थे ।हवा मन्द मन्द बह रही थी रोशनी की ज़ुल्फे हवा मे उड़ रही थी रोशनी अपने सपने मे इतना खो गयी थी की अचानक से रास्ते मे अया खड्डा उसे नही दिखा ओर______ धडाम्ममम्मम्ंम्म्ंंं
    जब जब मिला तू ख्वाब मे 
    जी उठी मे तभी नीन्द मे 
    जिन्दा हू मे जिन्दा लाश बंकर 
    जीती तो हू मे तेरे संग ख्वाब मे।
     क्या हुआ होगा ? क्या रोशनी समय से पहुच पायेगी ? ऐसी कोन सी खुशी की बात है जो रोशनी के पाव जमीन पर न रहकर असमान मे है ? तो इसके लिये इन्तजार करो अगले हिस्से का।

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