इश्क एक अधूरे शब्द की कहानी - 2 Author Pawan Singh द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

इश्क एक अधूरे शब्द की कहानी - 2

इश्क एक अधूरे शब्द की कहानी

पवन सिंह सिकरवार

  • 2 - अध्याय – प्यार की शुरुआत
  • साकी एक कमरे में बैठकर रो रही होती है। और दूसरे कमरे में आलोक दोनों कमरे एक दूसरे के विपक्ष में थे लेकिन जैसे ही आलोक कमरे से बाहर निकलता है तभी सामने से वह साकी को खड़ा देखता है जिसकी आंखों में आँशु थे। आलोक वंहा से जाने लगता है तभी साकी उसका हाँथ पकड़ लेती है

    आलोक मुझे माफ़ करदो

    किस बात के लिए तुमने कुछ गलत कँहा कहा है और मै तो छोटा इंसान हु ना तुम्हारे लिए जिसे तुम्हे अपना दोस्त कहने में भी शर्म आती है लेकिन तुम ये भूल रही हो कि ये पैसा तुम्हारे बाप का है तुम्हारा नही जिसका गुरुर तुमने आज मुझे दिखाया है उसका तुम्हें कोई हक नही है।

    मै जानती हूं आलोक इसलिए माफी मांग रही हूं।

    साकी मुझे तुमसे कोई मतलब नही है इसलिए मुझे जाने दो।

    इतना कह कर आलोक वंहा से चला जाता है। और साकी उदास नजरो से उसे जाते हुए देखती रहती है। वह उसे बाद में कई बार फ़ोन करने की भी कोशिश करती है लेकिन आलोक नजरअंदाज कर देता है।

    एक दिन आलोक अपने कमरे में बैठा होता है तभी पीछे से पवन आ जाता है।

    तू ये क्या कर रहा है बे?

    कुछ भी तो नही

    भाई साहब बात क्यो नही कर रहा है फिर साकी से?

    तूने देखा था ना उसने मेरी किस तरह सबके सामने बेज़्ज़ती की थी

    अबे तेरी कौन सी बोहोत इज्जत थी पहले कॉलेज में?

    यार तू बेज़्ज़ती कर रहा है मेरी?

    अबे नही भाई मै बस इतना कह रहा हु की लड़कियों जैसे नखरे करना बंद कर और बात कर। साकी में मैने आज उसकी नजरो में एक अलग मासूम साकी को देखा है।

    सच मे?

    हाँ भाई

    ठीक है फिर कल मै उसे बात करूंगा लेकिन रुक तू क्यो उसकी नजरो में देख रहा था बे?

    इतना कहते ही पवन और आलोक हँसने लगते है।

    अगले दिन आलोक लाइब्रेरी के सामने खड़ा हो जाता है तभी सामने से साकी नजर आती है।

    आलोक उसे हेलो कहता है

    साकी भी शर्माते हुए हेलो बोलती है। उसकी गर्दन झुकी हुई थी और हल्की मुस्कराहट थी

    साकी सॉरी बोलने वाली होती है तभी आलोक उसके होंठो पर उंगली रखकर मना का इशारा करता है।

    तभी साकी का दोस्त उसकी पीछे से शर्ट पकड़कर खींच लेता है

    क्यो बे उस दिन की साकी की बात समझ नही आई

    रुद्र स्टॉप इट मैने कहा छोड़ दो उसको। साकी ने एकदम से चिल्लाते हुए कहा।

    लेकिन साकी?

    ये मेरा दोस्त है जो मुझे समझता है और सबसे अलग है दिखावे की जगह जो है वही रहता है।

    इतना कह कर साकी आलोक का हाँथ पकड़ कर उसे लाइब्रेरी में ले जाती है।

    पूरे कॉलेज में अब आलोक प्रसिद्ध हो जाता है। क्योंकि साकी ने अपने सभी पुराने दोस्तों के साथ रहना बन्द कर देती है और सिर्फ आलोक के साथ रहती है। आलोक भी उसे अपनी बचकानी बातो से हँसाता, अपने साथ चाट खिलाता, बारिश में भींगता, और लोकल बाज़ारो में साकी की ड्रेस खरीदने के लिए दुकानदार से कीमत पर लड़ता।

    साकी के लिए ये सब काफी रोमांचक था। वह बस आलोक को पकड़ती और कहती अरे क्या हुआ सिर्फ 1200रूपयो की तो है।

    लेकिन आलोक उसकी कीमत हमेशा कम करवा देता या साकी को लेकर आगे बढ़ जाता।

    लेकिन उसका ये जादू हमेशा चल जाता और दुकानदार खुद बुलाकर पूछता भईया कितने में लोगे आप ही बता दो।

    साकी को ये काफी मजेदार लगता।

    दोनों ने एक ट्यूशन भी लगा लेते है जिससे दोनों अब पूरे दिन भर साथ ही रहते।

    आलोक और साकी काफी करीब आ चुके थे दोनों एक दूसरे से हर बात बताते थे। आलोक कई बार अपने दिल की बात बता चुका था लेकिन साकी उसको नजरअंदाज करके सिर्फ इतना कहती

    मै तुम्हे पसंद करती हूं लेकिन एक दोस्त के नजरिये से।

    ये बात अगर मुझसे कोई और बोल देता तो भगवान कसम उसका गला घोंट देता में लेकिन क्या करूँ साकी मेरी जान थी।

    आलोक के ट्यूशन में उसकी टीचर थी सुसमता मेम जो कि आलोक से प्यार करने लगी थी। आलोक का ट्यूशन में मजकिया बर्ताव हमेशा सच बोलना औऱ उसकी भाषा पर सुसमता मेंम भी आलोक से प्यार करने लगी और हर रात आलोक से मैसेज के द्वारा बात भी करती। लेकिन आलोक हमेशा एक अच्छे स्टूडेंट की तरह ही उनसे बात करता धीरे आलोक का समय दो लोगो मे बटने लगा।

    सुसमता मेम और साकी

    एक दिन आलोक काफी थक चुका था कॉलेज , ट्यूशन, साकी को शॉपिंग करवाना , यह काफी थकाने वाले काम थे।

    इसलिए वह थक कर लेट गया और साकी सुसमता मेंम दोनों से मैसेज पर बात कर रहा था।

    आलोक नींद में था लेकिन वह साकी को एक बार फिर अपने दिल की बात बोलना चाहता था इसलिए उसने मैसेज लिख दिया कि मै सच मे तुम्हे प्यार करता हूँ

    उधर से जबाब आया मै भी तुमसे प्यार करती हूं।

    आलोक को यकीन नही हो रहा था लेकिन वह नींद में था इसलिए गुड नाईट बोल कर सो गया

    सुबह उठते ही आलोक ने अपना फ़ोन चेक किया तो उसके नीचे से जमीन सरक चुकी थी वो कल वाला मैसेज सुसमता मेम को गया था। भले ही सुसमता मेम की शादी नही हुई थी लेकिन आलोक और सुसमता मेम में कम से कम 5 साल का अंतर तो था।

    देखो भाइयो ये बात सच है कि जब तुम्हारी जिंदगी लेती है तब तुम्हारे साथ वो भी हो जाता है जिसकी तुमने कल्पना भी नही की होती ऐसे में तुम्हे तो काफी दुख होता है लेकिन तुम्हारे दोस्त को बड़ा मजा आता है।

    जैसे मुझे आ रहा था जब आलोक ने मुझे ये बात बताई तो मै अपनी हँसी नही रोक पाया

    वाह आलोक कुमार तिवारी झण्डे गाड़ दिए अपने भइया।

    यार हँसना बन्द कर तुझे पता नही मेरे ऊपर क्या गुजर रही है

    भईया गुजरे गी तो सुसमता मेम तुम्हारे ऊपर से। इतना कह कर पवन हँसने लगता है।

    यार तू मेरी मदद करेगा या हँसता रहयेगा

    अरे यार कोई बात नही करले सुसमता मेम से क्या बुराई है देख भाई साकी तो तुझे वैसे ही भाव नही दे रही है इसलिए मेरी मान कर ले और सुसमता मेम को बाद में ब्रेकअप दे दियो जब साकी हाँ करदे तेरे लिए।

    और उससे भी अच्छा कुछ बताऊँ तो सिंगल ही रह वो ज्यादा अच्छा है वैसे

    ये तु हमेशा सिंगल ही क्यो रहता है पवन सिकरवार निकलो इन किताबी दुनिया से

    करके देखो प्यार दुनिया की सबसे खुशी वाली चीज है।

    तुझे क्या लगता है मैने कभी किसी के साथ डेट नही किया

    अच्छा किया है तो फिर ब्रेकअप क्यो किया?

    क्योंकि लडकिया अलग होती है लेकिन वो बेबकुफ़ थी मेरी कहानी में इतने ट्विस्ट नही होते जितने उसने मेरी जिंदगी में ला दिए

    उसे अगर सॉरी बोलू तो कहएगी सॉरी क्यो बोल रहे हो हम तो एक दूसरे से प्यार करते है और प्यार करने वालो के बीच सॉरी अच्छा नही लगता। लेकिन अगर मेने बाद में सॉरी बोलना भूल गया वो भी उस गलती के लिए जो मुझसे 4 साल पहले हुई थी मुझे तो याद भी नही होता

    तो उसपर बोलएगी चिल्लाकर अच्छा अभी तक तुमने मुझे सॉरी भी नही बोला

    एक तो हम लोग पैसे बचा बचा कर तो अपनी गर्लफ्रैंड को डेट पर ले जा पाते है इसमें भी उसकी दो सहेलियां साथ मे ले आती है बर्तन मांझने पड गए थे एक दिन मुझे।

    पूरे दिन अगर बात करूँगा तो कहएगी की बेबी तुम फ्री हो लेकिन मे एक लड़की हूँ मुझे घर मे काम भी होते है हर वक्त नही कर सकती बात। लेकिन अगर तुम किसी काम मे व्यस्त हो तो भाड़ में गया तुम्हारा काम भाड़ में गए आप लड़ाई तो पक्का है फिर।

    तुझे पता है वेलेंटाइन डे वीक हम लड़को के खिलाफ एक गहरी साजिश है वरना हमेशा वेलेंटाइन वीक 7 तारीख को ही क्यों शुरू होते है क्योंकि उसी दिन तो हम लड़को की सैलरी आती है। क्रेडिट कार्ड से पैसे उन दिनों ऐसे उड़ते है की बता नही सकता पिछले वेलेंटाइन वीक का कर्जा अब तक उतार रहा हु में बैंक का

    आलोक बस भौचक्का सा देखता रहता है।

    तू ये स्क्रिप्ट प्यार के पंचनामे वाले मूवी डायरेक्टर को भेज दे पक्का सलेक्ट हो जाएगी।

    अरे छोड़ यार तू बता तूने क्या सोचा?

    सोचा तो कुछ नही बस जो चल रहा है चलने दूंगा बाद कि बाद में देखा जाएगा।

    अब आलोक दोनों को समय देने लगा सुसमता मेम के साथ भी घूमता और साकी के साथ भी लेकिन अलग अलग दोनों की बिना बताए। एक दिन आलोक ने साकी को झूठ बोल दिया कि वह कॉलेज नही आ सकता क्योंकि उसकी तबियत ठीक नही है। और सुसमता मेम के साथ डेट पर चला गया शाम को घूमते हुए सुसमता मेम ने आलोक के गालों पर चुम्बन दिया लेकिन आलोक के तो पैरों से मानो जमीन खिसक गई हो वो भी दूसरी दफा क्योंकि साकी सामने खड़ी थी।

    साकी तुरन्त वंहा से चली गई और आलोक ने उसके पीछे उसका नाम पुकारते हुए दौड़ लगा दी। लेकिन साकी अपनी कार में जा चुकी थी। तभी पीछे से सुसमता मेम ने आलोक के कंधे पर हाँथ रखा और जैसे ही आलोक पीछे मुड़ा उन्होंने एक जोरदार थपड उसकी उसी गाल पर जड़ दिया जिसपर कुछ वक्त पहले ही किस मिली थी।

    आलोक ने सुसमता मेम को सब सच बता दिया और सुसमता मेम वंहा से चली गई।

    एक लड़के की जिंदगी में इससे ज्यादा बुरा कुछ नही हो सकता था लेकिन मैं गलत था।

    अब आलोक पूरे हफ्ते साकी से बात करने की कोशिश करने लगा लेकिन साकी ने उसे देखा भी नही। लेकिन आलोक भी बहुत जिद्दी था इसलिए वह शाम को पहुंच गया जंहा साकी शाम को व्यायाम करने जाती थी। वह साकी के सामने खड़ा हो जाता है और साकी को पकड़ कर कहता है।

    साकी मेरी एक बार बात तो सुन लो

    मुझे कुछ नही सुनना मुझे अकेला छोड़ दो आलोक

    नही छोडूंगा पहले मेरी बात सुनने पड़ेगी

    साकी अपने आप को झूटाने की कोशिश करने लगी लेकिन जब वह नही छूट पाई तो अपना सिर आलोक की छाती पर लगा कर जोर जोर से रोने लगी

    मानो कोई छोटा बच्चा रो रहा हो आलोक उसको अपने साथ बैठा लेता है और सारी बात भी बता देता है कि सुसमता मेम के साथ जो हुआ वह एक गलतफहमी थी। फिर कभी ऐसा ना होगा का वादा भी करता है लेकिन साकी रोना बंद नही करती

    चुप हो जाओ साकी मै अपनी गलती पर शर्मिंदा हु मै फिर कभी ऐसा नही करूँगा कसम से।

    साकी आलोक को गले लगा लेती है।

    मै तुमसे प्यार करती हूं आलोक और मै तुम्हे किसी ओर लड़की के साथ नही देख सकती और तुम्हारे बिना नही जी सकती।

    यही बात बताने उस दिन मै कॉलेज आई थी लेकिन तुम हो कि।

    इतना कह कर साकी फिर रोने लगती है।

    ***