"यार तूने हैरी के लिए कितनी अच्छी स्क्रिप्ट लिखी,, उसे 5 दिनों में 30 मिलियन व्यू मिले,, दुनिया के सारे मोटे उसे गाली भी दे रहे थे ओर प्यार भी बरसा रहे थे,,ओर अब वो you tube mony धड़ाधड़ कमा रहा है,,, वैसी ही कुछ मेरे लिए लिख ....भाई"
अशेष को देखकर लग रहा था , हैरी की सक्सेस से उसके पिछवाड़े में ग्लोबल वार्मिंग ज्यादा हो गई है। कहीं सोफा न जला दे इसलिए मैंने कहा," बॉस ,, अपनी साइज देखों,,,अगर हैरी कद्दू है तो आप तो मूंग की फली भी नहीं हो, ,, अरे आप से मोटा तो वेस्टइंडीज वालो का......खैर छोड़ो भाई ,, वो स्क्रिप्ट्स आपके लायक नहीं थी,,,,,,,,,, 30 मिलियन व्यू आपको भी तो मिले थे मेरी लास्ट स्क्रिप्ट पर..."
अशेष:- "यार वो 15 दिन में आये थे"
मैं:- "अरे भाई आपके सब्सक्राइबर भी तो कम है... वो बहुत पुराना आदमी है,,,"
अशेष:- "नहीं यार तू सारी अच्छी स्क्रिप्ट उसे देता है...मुझे तो बची खुची में निपटाता है..?"
मैं झुंझलाहट से भडककर बोला "जान मार लो बच्चे की...अपनी जलन की बत्ती को मेरी जान में फंसाना जरूरी है क्या,,, बॉस आपकी तो जान जलती है हैरी से....
अशेष थोड़ा सिरिअस होकर,:- "भाई जिसका नाम तू बार बार ले रहा है उसे जान नही कुछ और कहते है,,
मैं:- "वही तो...अशेष भाई,, सोच के देखो,, अगर उस बुझे गोले फेंकने वाली तोप को जान बोलते तो कितना मज़ा आता,,गाने तब कुछ ऐसे होते..." बोलते हुए मैगजीन को माइक बनाकर में सुर ताल छेड़ने लगा,
"मैं हाजमोला खाता तू पुं पूं करती,
तू खाये तो में ढूस ढूस ,,
खा पीकर अब रुकना है मुश्किल,
करना है आसाआ आ आ आन,,
जान ओ मेरी जान ,,,,,
जान ओ मेरी जान।
अशेष का मेरे डांस स्टेप देखकर हंस हंस कर बुरा हाल हो गया था।
"अरे आज हमारे राइटर तो पूरे रॉकस्टार वाले मूड में है" अशेष की बीवी श्रुति,,, बोले तो भाभी मुस्कुराते हुए अंदर आई।
मैं:- "अरे भाभी कब से बैठा हूँ,, कोई कॉफी नहीं ....स्नेक्स नहीं"
श्रुति भाभी :- "अरे राइटर जी चाय कॉफी छोड़िए,, हम तो आपको अपनी जान देदे,,"
और ये सुनते ही मैं ओर अशेष पेट पकड़ कर हंसने लगे,,
हंसते हंसते अशेष बोला ,," भाई इस टॉपिक पे लिख ना स्क्रिप्ट,,"
मैंने बेग से कुछ पेपर निकालकर अशेष के हाथ में दिए ओर कहा," भाई स्क्रिप्ट तैयार है ओर इस पेनड्राइव में बैकग्राउंड म्यूजिक , और वो गाने है जो स्क्रिप्ट में डाले गए हैं,, पूरा काम हो चुका है बस आपकी शक्ल के साथ शूटिंग बाकी है जो आप निपटा लेंगे"
भाई सांस तो ले,, मुझे थोड़ी स्क्रिप्ट पढ़ने दे।
वह कभी खड़ा होकर, कभी सोफे पर बैठ कर, तो कभी लेट कर स्क्रिप्ट पढ़ रहा था । अचानक से पढ़ते पढ़ते हंस-हंसकर उछलने लगता ,, उसके कुछ डायलॉग बोल रहा था जैसे ,:- "पत्नी ने पति को परफ्यूम गिफ्ट करते हुए कहा आप मेरी जान हो..... छी कितनी बदबूदार जान थी,,
जान तेरे नाम करता हूं ,,, कुछ और नहीं मिला नाम करने को हा हा हा ???? पता नहीं कैसे कैसे गाने बनाते हैं ,, दिल तो बस चीज है क्या आप मेरी जान लीजिए ,,,,,,,,,,,ले लेंगे भाई इतनी भी क्या जल्दी है,,
जिसकी पिछवाडी 40 किलो की उसे जानेमन बोलते है?? जानम एक गन्दी गाली है,,,☺☺
थोड़ी देर में श्रुति भाभी भी आ गई। मैंने कॉफी और स्नेक्स लिए । वह बार-बार पूछ रही थी अशेष से कि वह इतना हंस क्यों रहा है तो वह बस उसे इतना कह रहा था एक बार वीडियो आने दे उसके बाद सब को पता चल जाएगा।
जब वह स्क्रिप्ट पूरी पढ़ चुका था तो मैंने उससे पूछा भाई मेरे पैसे,,
अशेष :- "जितेश यार तू पैसों की चिंता मत कर मैं अभी तेरे अकाउंट में लगा देता हूं।"
पैसे आनेे के बाद मैं चल पड़ा किसी और You Tuber के पास अपनी स्क्रैप स्क्रिप्ट बेचने के लिए।
मैं अपने बारे में तो बताना ही भूल गया । मैं हूं जितेश एक यूट्यूब कंटेंट प्रोवाइडर,, सारे टॉप You Tubers चाहे वह शार्ट क्लिप बनाने वाले हो ,,चाहे रोस्टर हो,, चाहे वाइंस वाले हो ......सभी के सभी मेरी स्क्रिप्ट का इस्तेमाल करते हैं। मेरी स्क्रिप्ट का मतलब होता है 10 मिलियन तो पार हर हाल में जाएगी। कभी मैं इंजीनियरिंग कॉलेज का गोल्ड मेडलिस्ट था पर इंडिया में इंजीनियरों को जॉब कहां मिलती है भाई??? तो गलती से एक फनी वीडियो की स्क्रिप्ट लिखी जो इंडिया में इंजीनियरों की हालत को बताती थी और उसे किसी फेमस YouTube चैनल वाले को मेल कर दिया । फिर क्या था ......अपनी दुकान चल पड़ी। महीने में 10 - 12 क्लिप की स्क्रिप्ट बेच देता हूं और अपना काम मजे से चल जाता है।दुसरो की इंसल्ट करने में मैं बचपन से एक्सपर्ट था,,बस यही मेरी स्क्रिप्टो में होता है।
आज दूसरी स्क्रिप्ट बिकी है। अगर दो-तीन साल इसी स्पीड से काम करता रहा तो मेरा वर्ल्ड टूर का सपना भी पूरा हो जाएगा इतने पैसे तो बना ही लूंगा।
दोस्त के नाम पर सिगरेट और 2 से 4 YouTuber फ्रेंड के अलावा कोई नहीं है। हां ..शाम को लगभग रोजाना मैं सिटी पार्क में बैठता हूं । लड़कियां ताड़ने के लिए,, एक 32 साल का घनघोर सिंगल प्राणी कहीं तो अपनी हवस पूरी करेगा ही ना। भगवान जिस वक्त मेरे हाथ में लड़कियों वाली रेखाएं बना रहा था उसी वक्त मैंने हाथ में अपना पकड़ लिया पेन .... और साइंस ले बैठा,,,,, या फिर कहूं साइंस मुझे ले बैठी !!!! जिंदगी अल्फा बीटा गामा और H2SO4 में ही खत्म हो गई। और मैं ऊपर से नीचे तक संपूर्ण सिंगल रह गया। पार्क में लड़कियों को जोगिंग करते हुए देख कर थोड़ा सुकून महसूस होता है। लेकिन भगवान को यह सुकून भी मंजूर नहीं ,,,।
किसी कमीने बच्चे को मेरी जासूसी करने के लिए उसने यहां जो छोड़ रखा है। वह जब भी मेरे पास आता है ,, उसके पीछे पीछे 8 से 10 अंकल आंटी लोग भी आ जाते हैं। धीरे-धीरे पूरी भीड़ लग जाती है और वह मेरी इतनी गंदी गन्दी बेइज़्ज़तियाँ मारता है , की मेरी सार्वजनिक जान मराई हो जाती है।
कुछ लोग तो पार्क में केवल इसीलिए आते हैं कि वह उस बच्चे को मेरी इंसल्ट करते हुए देख सकें। लोग मुझे देखते ही उस बच्चे को खोजने लगते हैं । हालांकि मुझसे कोई बात नहीं करता क्योंकि मेरा व्यवहार बड़ा ही खड़ूस है पर मुझमें इतनी हिम्मत भी नहीं है कि भरी भीड़ में किसी को गालियां देकर दूर भगा सकू। उस बच्चे का नाम जीतू है । लोग उसे छोटा जीतू बोलते हैं और मेरा नाम सभी ने बड़ा जीतू निकाल रखा है। कल की ही बात है जब मैंने अपनी सिगरेट सुलगाई ही थी कि वह कमीना मेरे पास आकर बैठ गया और बोला "अंकल आप इंजीनियर हैं??"
मैं:- "कभी था...."
छोटा जीतू:- "आप पढ़े-लिखे हैं..??"
मैं :- "थोड़ा-बहुत ..बस यह मान लो पोस्ट ग्रेजुएट हूं"
छोटा जीतू:- "आपको और क्या-क्या आता है..?'"
मैं:- "कुछ खास नहीं बस इतना आता है कि मेरा काम चल जाए।"
छोटा जीतू:- "क्या आपको पेंट में पोटी करना आता है??"
अब मैं समझ गया था कि थोड़ी देर में ही मेरी बेइज्जती मारने वाला है और लोग इसी का इंतजार कर रहे थे ।मैंने भी दिमाग से काम लेते हुए कहा "छोटे... इतना ज्ञानी तो नहीं हूं। यह पैंट में पॉटी करने वाले काम तो आप जैसे महान आदमी ही कर सकते हैं "
मेरा जवाब सुनकर वह बेंच से कूद गया और जोर-जोर से हंसने लगा फिर ताली बजा बजा कर मेरी तरफ हाथ करके जोर जोर से बोलने लगा "अंकल डफर है...... अंकल डफर है .....इनको कुछ नहीं आता है ...इनको तो पेंट में पोटी करना भी नहीं आता है,,,,, अंकल पॉटी करते वक्त पेंट पूरी नहीं खोलते हैं इतु सी खोलते हैं ,, जरा सी पेंट सरकाकर पूरी पॉटी बाहर निकाल सकते हैं। हा हा हा कितने डफर हो आप..।"
आसपास की जनता मेरी बेवकूफी और बच्चे की महान बुद्धिमानी पर जोर-जोर से तालियां बजा रही थी और हंस भी रही थी।
छोटा जीतू:- अच्छा अंकल एक और सवाल है,
मैं:- "तू जा ना यहां से .....मुझे कोई जवाब नहीं देना है?"
छोटा जीतू:- "अरे अंकल बस एक सवाल का जवाब दे दो फिर कभी आपके पास नहीं आऊंगा ,,,गारंटी अंकल,,, प्रोमिस.... प्रोमिस,,"
गले को हाथ लगाकर प्रोमिस प्रोमिस बोलता हुआ वह मेरे पास आया। मैंने सोचा इस आखरी सवाल का जवाब देकर भी इस से पीछा छुड़ा लूंगा कम से कम रोज रोज अपनी इंसल्ट तो नहीं करवानी पड़ेगी।
मैं:- "अच्छा बोल..."
छोटा जीतू:- "अंकल क्या आप पेंट में सुसु कर सकते हो??"
उसके पिछले जवाब से सबक लेकर मैंने काफी सोचते हुए कहा "हां क्यों नहीं .....मैं पेंट में सुसु कर सकता हूं,,"
उसके बाद उसने फिर से वही ड्रामा करना शुरू कर दिया वह उछल-उछलकर ताली बजाकर बोलने लगा अंकल कितने गंदे हैं पेंट में भी कोई सुसु करता है भला.... सुसू तो बाथरूम में करते हैं ।। छी ..!! कितने गंदे अंकल हैं,,, मैं तो अब कभी उनके पास भी नहीं जाऊंगा।"
यह कहकर वह फरार हो लिया और लोगों के लिए पूरे दिन भर का मैं कॉमेडी सर्कस बन चुका था तो मैंने भी खिसकने में अपनी भलाई मानी ।
मैं कल की दर्दनाक यादों से अभी बाहर ही निकला था कि सामने से गुस्से से तमतमाया चेहरा लेकर अवनी आ गई । अरे हां अवनी के बारे में तुम्हें बताना भूल ही गया । अवनी भी इसी पार्क में हर शाम को आया करती है, वह छोटे जीतू के साथ काफी बातें करती हैं और बड़े जीतू यानी कि मेरे साथ भी बातें कर लिया करती है लेकिन आंखों ही आंखों में,,, अवनी पूरे पार्क में वह पहली लड़की है जिसके चेहरे को मैंने देखा है,,, मैंने उसके चेहरे को पहली बार तब देखा जब वह पिछले हफ्ते मेरे पास बेंच पर आ कर बैठी और बोली:- " आप काफी अच्छा लिखते हो । मैं तो फैन हो गई आपकी..... इतना अच्छा कोई कैसे लिख सकता है,,,"
मुझे समझ में नहीं आया यह मेरी कौन सी लिखाई की बात कर रही है ?? मैंने तो आज तक किसी ओपन प्लेटफॉर्म पर लिखा ही नहीं है .....मैं तो केवल YouTubers के लिए स्क्रिप्ट लिखता हूं ..पर जो भी हो हाथ आए माल को छोड़ना नहीं चाहिए,,,
मैंने थोड़ा नजर झुका कर शरमाते हुए कहा ,::-- "बस आपकी खूबसूरती ने यह सब किया है वरना शायर तो हम कभी न थे,,,,"
नजर झुकाते ही समझ में आ गया यह लड़की तो रोज मेरे आस-पास ही डोलती है । बस .....शक्ल आज पहली बार देखी है इसलिए थोड़ा कंफ्यूज हो गया। पर इसनें मेरी कौन सी क्रिएशन पढ़ ली ??? मैंने इसे कौन सी शायरी सुना दी?? यह मुझे समझ में नहीं आया। इसके बाद दो-तीन दिन तक उससे हल्की-फुल्की बातें हुई और परसों वह मुझसे मेरे WhatsApp नंबर ले गई,,
उस लड़की के सच में बहुत बड़े बड़े हैं ख्वाब .. शायद वह तभी देश की नंबर वन मॉडल बनना चाहती है आजकल WhatsApp पर पूरे दिन उसी से चैट होती रहती है आज गुस्से से तमतमाई हुई वह सामने आ रही थी,, तो मन में एक डर सा था.... हो भी क्यों ना.. क्योंकि लड़कियों से मेरी गुपचुप गपशप और खुसर-पुसर तो बहुत हुई है पर घपाघप का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ।
अवनी:-- "जब मैंने तुम्हें WhatsApp नंबर दे दिए हैं जब मैं तुमसे रोज बात करती हूं तो तुम्हें यह बात जीतू को लिखकर मुझे पहुंचाने के लिए क्यों दी???"
उसने गुस्से में मेरे हाथ में अपने हाथ से एक कागज थमाया। उसमे लिखा था:-
"अवनी मैं सेक्सुअली मेच्योर नहीं हूं पर प्यार तो सेक्स से कहीं बढ़कर है ना मैं तुमसे सच्चा प्यार करता हूं पर तुम्हें जिस्म का सुख नहीं दे सकता.. पर तुम्हारी रूह को सुकून दे सकता हूं।"
मैं:- " यह सब क्या बकवास लिखा है ??????इसलिए..... ये किसने दिया तुम्हें ??!? साला एक ही सिस्टम तो ढंग से काम करता है और उसी की शिकायत इसमें लिखी हुई है,,किसने लिखा???"
अवनी:- "किसने लिखा का क्या मतलब है ...??तुमने ही लिखा है .....हैंडराइटिंग भी तुम्हारी है ....यह देखो तुम्हारी दी हुई शायरियां और कविताएं..." यह कहते हुए उसने मेरे हाथों में खूब सारे पन्ने थमा दिए।
मैं एक एक पन्ने को उठाकर पढ़ने लगा। हैंडराइटिंग मेरी नहीं थी पर उर्दू में उस लड़की की बेहद शानदार तरीके से खूबसूरती की तारीफें बांधी गई थी । कुछ अजीब सी लाइन थी जैसे "दरख्त के पैमाने पर चिलमन ए हुस्न का फुरकत से शर्माना...." इतनी उर्दू तो मेरे खानदान में किसी को नहीं आती थी। मतलब यह मैंने नहीं लिखा ....पर लिखा किसने था???? यह तो छोटा जीतू ही बता सकता है। मैं अवनी को बिना कोई जवाब दिए दौड़ता हुआ छोटा जित्तू के पास गया वह अक्सर झूले के पास कोपी पेन लिए बैठा मिलता है,,ओर बोर होने पर मेरी इंसल्ट करने आ जाता है। मैं उसके पास गया और उसे पन्ने दिखाते हुए बोला "छोटू यह सब तुझे किसने दिए,,,,???"
वह आंखें तरेरता हुआ बोला ,:- "सुनो अंकल ..? अपने काम से काम रखा करो ....अगर ऐसी हरकतें आपने ठीक उम्र में कर ली होती तो अवनी की उम्र की आपकी भी पोतियां पार्क में जोगिंग कर रही होती,,, मेरे और अवनी के बीच में आने की कोशिश भी मत करना वरना ऐसी जगह पे मारूंगा न तो आप खड़े हो पाओगे और न हीं आपका... कोई रिश्तेदार आपको बचाने आएगा।"
मुश्किल से सात आठ साल के बच्चे से ऐसी धमकी सुनकर मुझे हार्ट अटैक आने को था। मतलब यह सब उसी ने लिखा था । सच में दिमाग चकरा सा गया। मैं तो आज भी इतना अच्छा नहीं लिख पाता।
मैंने भी धमकाते भी उसे कह दिया:- " तो धमकी किसे दे रहा है किसी अपनी एज वाली को पटा,,,"
छोटा जीतू:- "मैं मुश्किल से उससे 10 से 12 साल छोटा हूं यह भी कोई एज गैप है इतना तो आजकल चलता है..!!"
मैं:- "तो मैं भी तो उस से 10 से 12 साल बड़ा हूं मेरे लिए भी चलता है।"
छोटा जीतू:- " पर पटाई तो मैंने थी ना ....अंकल सुनो ...मैं आपको कोई बढ़िया आंटी पटा देता हूं पर आप अवनी को मेरे लिए छोड़ दो।"
मुझे लगा फायदे का सौदा है अवनी भी मेरी और जिसको पटा कर दे वह आंटी भी मेरी तो मैंने कह दिया "जब तक तू कोई दूसरी आंटी मुझे पटाकर नहीं देता.... तब तक तेरी अवनी मेरे पास सेफ़ है और यह तुम्हारी शायरियां भी'" यह कहते हुए मैंने उन पन्नों को अपने जेब में डाल लिया।
तभी एक स्त्रिलिंगी आवाज मेरे कानों में पड़ी। "अरे जितेश... आप यहां कब आए और यहां क्या कर रहे हो,,,"
एक औरत मेरी तरफ बड़े आश्चर्य से मुस्कुराती हुई बढ़ रही थी । मैंने अपनी याददाश्त पर बहुत जोर डाला पर वह याद नहीं आ रही थी। मैंने उसके फिगर को गौर से देखा पर वह भी मेरी नजरों से पहले स्कैन हुआ नहीं था। लेकिन यह हरी भरी औरत मुझे जानती कैसे हैं ..!!!! मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ। फिर वापस नजर छोटे जीतू की तरफ घूमी जो उस औरत की तरफ गुस्से से देख रहा था। सब समझ में आ गया । लगता है उसी का किया धरा है।
मैं:- "सॉरी मैं आपको पहचान नहीं पाया।"
वो:- "पहचानेंगे भी कैसे ....हम मिले जो पहली बार है.... इससे पहले मैंने आपकी कुछ फोटोस देखी है।"
मैंने प्रोफाइल पिक्चर की जगह सिर्फ बैंगन की फोटो लगा रखी है जो कि मेरे फेवरेट हैं इसने मेरी फोटोस कहां देख ली मैंने तो इंटरनेट तक पर अपनी कोई फोटो अपलोड नहीं की है। मैंने पूछ लिया "आपने मेरी फोटो कहां देखी??"
जवाब देने की बजाय उसने ने भी सवाल किया "आप आज से 9 साल पहले कहां रहते थे,,?"
मैं:-- "9 साल पहले ......9 साल पहले .....हां ..!! 9 साल पहले तो मैं जयपुर रहता था तब मैं इंजीनियरिंग कर रहा था।"
वो:- "किसके यहां रहते थे.."
मैं:- "वो जो,,, क्या नाम था,,, थी ना,,,एक डॉक्टर हैं... डॉक्टर सोनिया.... डॉक्टर सोनिया के घर पर पेइंग गेस्ट था। पर आप मुझे कैसे जानती हैं??
वो:- "छोटा जीतू आपका ही बेटा है उसके बायोलॉजिकल फादर आप ही हो??"
उसकी बात सुनकर मेरा सर चकरा गया मैंने काफी सोचा,,,, याद किया,,,,,,लेकिन मुझे कुछ याद नहीं आया फिर मैंने दोनों हाथ आगे की तरफ बांध लिए और अपने बेल्ट को ठीक कर रहा था जैसे मेरे हाथ उससे पूछ रहे हो साले यह कांड कब किया??अकेले अकेले ही।
मैं:- "यह सब आप क्या बोल रही हो मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है,,,"
वो:- "क्या आपने कभी स्पर्म डोनेट किए हैं,,"
उसकी यह बात सुनते ही y ye Y को झटका सा लगा मुझे वह दिन याद आ गया जब मैं अपने दोस्तों को पार्टी दे रहा था। और मेरा पियक्कड़ दोस्त मुझसे कह रहा था "साले .....!! तू तो कहता है तुझे तेरे घरवाले पॉकेट मनी नहीं देते हैं ,,,,,,फिर इतनी भारी पार्टी कैसे दे दी तूने.... इतने पैसे लाया कहां से???
मैं:- "अरे पैसे की बात मत कर भाई ...........
पैसा क्या है ...........पैसा तो हाथ का मेल है ,,,,,बस तुम लोगों को यह पता नहीं है कि उस मेल को किस चीज से उतारना चाहिए ...?मुझे पता चल गया ...अब बस , जब भी पैसे चाहिए तभी रगड़कर मेल उतार लेते हैं।"
मेरे एक दूसरे दोस्त को मालूम था की मैं स्पर्म डोनेट कर के पैसे कमाता हूँ,, ओर उसी पैसे से पार्टी दे रहा हूँ ।तो वो बोला
"भाई तू सचमुच महान है जो हमें हिला हिला कर पिलाता है।"
दोस्तों के मुंह से ऐसी बातें सुनकर रॉबिनहुड वाली फीलिंग आती थी और मैं भी कम नहीं था हर 22 दिन बाद डॉक्टर सोनिया को स्पर्म डोनेट करने पहुंच जाता था।
डॉ सोनिया के अनुसार मेरा सीमन बेहद ही खास था । उसमें स्पर्म काउंट बहुत बेहतरीन थी और सक्सेस रेट भी बहुत ज्यादा थी इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग के लास्ट 3 सेमेस्टर की फीस और पॉकेट मनी की व्यवस्था कर दी और घर से आए हुए पैसों से बस पार्टियां चलती थी। फिर रईसी कुछ ऐसी रही कि मेरे घर पर पता चल गया कि मैं स्पर्म डोनेशन से पैसे कमा रहा हूं। पापा को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई उनके अनुसार यह काम कुछ ऐसा ही है जैसा कोठे पर बैठी हुई वेश्याएं करती है। जब मैं नहीं माना तो मेरा जान पर लात मारके मुझे घर से बाहर निकाल दिया। बाहर का खाना खाने से धीरे धीरे मेरी स्पर्म काउंट कम होने लगी ।अब मेरा सीमन इतना कीमती नहीं रहा। लेकिन एक कलम थोड़ी क्या थमी दूसरी कलम ने साथ देना शुरू कर दिया और अपने ठाठ वैसे ही चलते रहे।
वो:- "जितेश कहां खो गए आप..."
मैं:- "मैं तो बस यही सोच रहा था कि डॉक्टर सोनिया ने मुझे बताया था कि किसी को इस बारे में कुछ पता नहीं चलेगा कि मैंने किसको सीमन डोनेट किया है। यह वह सीक्रेट रखेंगी... पर आपको कैसे पता चला।"
वो:- "मैं सोनिया की सगी बड़ी बहन हूं,, मेरे 10 से 12 आईवीएफ फेल हो चुके थे,, मैं उम्मीद हार चुकी थी । मैंने तो बच्चे को अडॉप्ट करने का प्लान ही बना लिया था,, पर सोनिया ने तुम्हारे सीमन के साथ लास्ट चांस लेने को कहा और देखो फिर जीतू हो गया,,, जैसे तुम इंजीनियरिंग के गोल्ड मेडलिस्ट हो वैसे ही जीतू भी बहुत ही ज्यादा टैलेंटेड है उसने 3 साल की उम्र में ही किताबें पढ़ना सीख लिया था। सोनिया ने बताया तुम भी इसी एज में पढ़ना लिखना सीख गए थे । यह सिंगिंग-डांसिंग .......यहां तक की पोएट्री भी करता है!!!!बातों में तो किसी का भी दिल जीत ले..... शायद आप भी ऐसे ही हैं तभी आपका बेटा भी ऐसा है,,,"
तभी जीतू ने मेरे पांव पर हाथ मारे ,, शायद वह मुझसे कुछ कहना चाहता था । मैंने झुक कर उसकी तरफ कान किया। तो उसने कहा , :- "बड़े ...!! अपनी औकात में रहना ,,,इस पर लाइन तो भूल कर भी मत मारना वरना तेरी ऐसी मारूंगा कि जिंदगी भर झुक कर चलेगा।"
वो :- "क्या कह रहा है आपका बेटा...?"
मैं:- "यह और मेरा बेटा .......नहीं बाप है यह मेरा ......आपने मेरा बाप पैदा किया है .....मेरा बेटा नहीं.... क्या आप डॉक्टर सोनिया के नंबर दे सकते हो??"
उन्होंने नंबर दिए मैंने डॉक्टर सोनिया को कॉल किया उनसे फोन पर पूछा कि अब तक मेरे स्पर्म से कितने बच्चे पैदा हो चुके हैं तो उन्होंने बताया कि 8 स्वस्थ बच्चे इस वक्त इस दुनिया में मेरे स्पर्म के कारण हैं ,,,और सारे के सारे लड़के पैदा हुए हैं। और मैं बस इतना ही कह पाया
"दुनिया का अंत नजदीक है .....हे भगवान..! मुझे माफ करना। आठ आठ बाप लोग मेरी वजह से तेरी दुनिया में घूम रहे हैं। माफ करना भगवान।"
प्रिय पाठको ?
कैसे लगे आपको छोटे ओर बड़े जीतू के कारनामे,, अगर आपको कहानी पसन्द आयी तो 5 star की रेटिंग जरूर देना,, क्योंकि ये डर्टी कॉमेडी है,, इस संस्कारी दुनिया में ऐसी रचनाये प्रसंशा हेतु तरस जाती है। अगर आपको ये कहानी पसन्द आयी तो समीक्षा में अगले भाग के लिए जरूर सुझाव देना। अगर 100 से ज्यादा पाठको ने अगले भाग की मांग की तो मैं इसका भाग 2 जरूर लिखूंगा, अन्यथा यही मेरी डर्टी कॉमेडी का आदि ओर अंत होगा।