चस्का सोशल मीडिया का Archana Chaturvedi द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

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चस्का सोशल मीडिया का

चस्का सोशल मीडिया का

अर्चना चतुर्वेदी



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चस्का सोशल मीडिया का

भई चस्का तो किसी भी चीज का लग सकता है । किसी को फैशन का चस्का, तो किसी पीने का, किसी को घूमने का तो किसी को फिल्मों का । कुछ महिलाओं को टीवी सीरियल का चस्का इतना जबरदस्त होता है कि उस वक्त कुछ बोल भी दिए तो शामत आई समझो, खासकर पतिदेव की द्य इसलिए ज्यादातर पति चुप रहने मैं ही अपनी भलाई समझते हैं । आजकल तो लोगों को एक नया चस्का और लगा है और वो है सोशल साइट्‌स का यानि फेसबुक ,टि्‌वटर ,व्हाट्‌स एप जैसी कई चीजे आ गयी हैं, जिनमें लोग इतने व्यस्त हैं कि दुनिया ही भूल गए हैं । दिन भर कमेन्ट, कभी चेट, कभी स्टेटस अपडेट । क्या खाया क्या किया हर खबर फेसबुक पर चिपकाना स्टेटस अपडेट कहा जाता है । टि्‌वटर तो फिर भी विशेष लोगों तक ही सीमित है और शब्द सीमा भी है । वो विशेष लोग जब ट्‌वीट करते हैं तो उनके ट्‌वीट अखबार में भी छपते हैं । पर फेसबुक पर हर कोई आता है और हर तरह की बातें होती हैं । ये मुआ स्मार्ट फोन क्या आया इसने लोगों का बेडा पार कर दिया है । अब तो कम्पुटर की भी जरुरत नहीं मोबाईल से ही सारे काम हो जाते हैं , इस मरे मोबाइल में एक और चीज है वाट्‌सएप उस पर फोटो भेजो,बातें करो और तो और २४ घंटे लोग इसी में चिपके रहते हैं । आजकल के लडकी लडकों से लेकर बूढे बुढिया तक सब व्यस्त । सुबह शुभप्रभात से लेकर शुभरात्रि तक के मेसेज फॉरवर्ड करो । कुछ भली महिलाओं को तो ऐसा चस्का लगा है कि भले सब्जी में नमक डालना भूले या रोटी जले पर चुटकुला फॉरवर्ड करना जरुरी है । पति से सीधे मुहं बात भले ही ना करें पर दोस्तों सहेलियों से दिनभर बातें करेंगी, और तो और ये मरी सोसल साइट्‌स जब से आई हैं कुछ भी पर्सनल नहीं रहा सब कुछ सार्वजानिक होकर रह गया है । अब चाहे वो अपनी शादी की वर्षगांठ हो या बच्चे की बर्थडे सब कुछ यहीं मन जाता है बस केक का फोटो लगाओ और बधाइयाँ बटोर लो यानि ”हल्द लगे ना फिटकरी रंग चोखो आवे“।

इश्क मोहब्बत, दोस्ती सब फेसबुक या अन्य सोशल साइट्‌स पर ही हो जाता है । लोग आमने सामने मिलने के बजाय फेसबुक पर मिलकर ज्यादा प्रशन्न होते हैं । क्योंकि ना तो कहीं ट्रेफिक में फंसे और ना ही चाय पानी पिलाना पडा । यानि बिना कौडी खर्च करे यदि रिश्ते निभ रहे हैं तो बुराई ही क्या है ।

एक जमाना था, जब एक लडकी को पटाने के लिए कितने पापड बेलने पडते थे । ना जाने कितने चक्कर लडकी के घर के लगाने पडते थे और तो लडकी के बाप या भाई से जूते तक खाने पडते थे । पर आज फेसबुक और वाट्‌स एप ने जिंदगी कितनी आसान कर दी है । आसानी से लडकी पटाओ किसी को पता ही नहीं चलता । मजा तो तब आता है, जब आप किसी खूबसूरत कन्या को फेसबुक के जरिये दिल दे बैठते हैं और अपना हाले दिल बयां भी कर डालते हैं और अचानक पता चलता है की वो किसी लडके का प्रोफाइल था, सोचो क्या हाल होता होगा !!!!

लोगों को अपने मित्रों से ज्यादा फेसबुक मित्र प्यारे लगने लगे हैं और तो और दोस्ती का कम्पटीशन चल पडा है । लोग बडी शेखी बघारते हैं, अजी मेरे तो दो हजार मित्र हैं, दूसरा कहेगा बस३. दो हजार ,मेरे तो पांच हजार हैं । अब वो चाहे जाने पांच को भी नहीं, पर तुर्रा तो है ।

लडके लडकियों को छोडो इस मरे फेसबुक ने बूढे बुढियां तक को भी नहीं बख्सा है । बुढिया खुश होकर गीत गा रही हैं ‘में भी जवां हो गई गुल से गुलिस्तां हो गई' टाइप । अपनी जवानी के फोटो लगा कर नई नई उम्र के दोस्त बना रही हैं । सबसे मजे की बात ये है कि बेटा,बेटी, बहुएं सब उनके एफ बी मित्र हैं । हमारे देश ने कितनी तरक्की की है ये तो फेसबुक पर ही पता चलता है कि जब माँ के फोटो पर बेटा कमेन्ट करता है ”लुकिंग हॉट“ या लुकिंग ”ब्यूटी फुल“ और तो और कभी कभी तो दामाद भी सास को हॉट बोल जाते हैं । घर मैं भले ही सास बहु की बोलचाल ना हो पर एफ बी पर सास, बहु की तारीफ करते नहीं थकती यानि सब सुन्दर सब प्यारा ।

लोग दफ्तर पहुंचकर सबसे पहले फेसबुक लोगिन करते हैं और तो और यदि दो चार दिन काम से बाहर जाना पडे, तो मन बैचेन सा हिलोरें लेवे ”हे भगवान इत्ते दिन में पता नहीं क्या क्या मिस हो गया होगा? लोग कहीं घूमने फिरने जाएँ या किसी कार्यक्रम में जाएँ तो अंदर एक अलग ही कुलबुलाहट रहती है कि जल्दी घर पहुंचे और फोटो अपलोड करें ।

कुछ लोग तो अपनी हर खबर फेसबुक पर डालने के शौकीन होते हैं । यहाँ तो कुछ भी पर्सनल नहीं । हनीमून से लेकर बीबी की प्रेगनेंसी तक की खबर और फोटो डाल देते हैं ।

कौन सिंगल है कौन कमिटेड ये जानकारी भी मिल जायेगी । फेसबुक पर ऐसी ऐसी पोस्ट लगाई जाती हैं की कोई जबाब नहीं यानि बीमार हुए तो पोस्ट, बच्चों ने खाना नहीं खाया ,या झगडा किया तो पोस्ट, पति से कुछ तू तू में में हो गई तो पोस्ट और मजा तो उनपर आये कमेन्ट पढकर आता है ।

पर इस मुएँ इस फेसबुक ने एक भला काम जरुर किया है कि इसके आने से पति पत्नी के झगडे कम हो गये हैं । अब बात ऐसी है कि पति महाशय तो दिनभर अॉफिस में नयी नयी मित्र मित्रनियों से चेट करके खुशी खुशी घर आते हैं । इधर पत्नी जी घर में अपने फेसबुक मित्रों से चेट करने व्यस्त रहती हैं, सो उन्हें इतनी फुरसत भी नहीं कि वो पति से शिकायत करें, ”एजी आप बदल गये हैं,आजकल मुझसे बातें ही नहीं करते । दोनों अपने फेसबुक मित्रों से दिल बातें करके, दिल हल्का जो कर चुके हैं, सो नो झगडा । और तो और जो पति पिछले बीस साल से अपनी शादी की सालगिरह या पत्नी का जन्मदिन याद नहीं रख पा रहे थे वो फेसबुक पर बीबी का फोटो डालकर बधाइयाँ बटोर रहे हैं ।

इस चेहरे की किताब यानि एफ.बी ने एक मस्त काम और किया है । लोग अपनी हर उपलब्धि, हर भडास लोगों तक पंहुचा रहे हैं और जल्द प्रसिद्धि पा रहे हैं । कुछ लोगों ने तो ये हाल कर मारा है कि एक दिन में दस दस कवितायेँ या पोस्ट चेप रहे हैं । यानि कुल मिलाकर इस एफ बी ने सबके गले में एक ढोल लटका दिया है, अपना ढोल खुद बजाओ और खुद नाचो और दूसरों को भी नचाओ ।

लोग यहाँ बहस भी करते हैं,प्यार भरी बातें भी, साहित्यक चर्चा, काम की बातें कितना अलग कितना खुशनुमा सा है । हजारों कोस दूर बैठे मित्रों से भी दिल की बातें करो । मानो सच मुच दुनिया मुट्ठी में आ गई है ।

अरे एक बात तो भूल ही गई यहाँ महिलाओं को विशेष स्थान दिया गया है । यानि यदि किसी दिन कोई महिला पोस्ट डाल दे कि ” मन बहुत उदास है या अकेलापन लग रहा है“ तब देखो कितने लोग तैयार हो जाएंगे, उसकी उदासी दूर करने को । उनका बस चले तो कम्प्यूटर में घुस कर उस महिला का अकेलापन दूर कर डालें । वैसे तो महिलाएं भी कुछ कम नहीं, पर बेचारे पुरुष की उदासी की किसको पडी है ।

महिलाओं के फोटो पर अनेकों कमेन्ट आते हैं । एक एक दिन में कई कई मित्रता प्रस्ताव आते हैं । कई सिरफिरे तो महिलाओं की तलाश में ही रहते हैं पहले मित्र बनेंगे फिर तंग करेंगे । इसलिए महिलाओं का सावधान रहना ज्यादा जरुरी है, क्योंकि जो चस्का लग गया है वो तो आसानी से छूटेगा नहीं ।