तृतीयपंथी यानी किन्नरों की शिक्षा kaushlendra prapanna द्वारा पत्रिका में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें पत्रिका किताबें तृतीयपंथी यानी किन्नरों की शिक्षा तृतीयपंथी यानी किन्नरों की शिक्षा kaushlendra prapanna द्वारा हिंदी पत्रिका 1.3k 8.7k कई बार शिक्षा की ओर बहुत उम्मीद से ताकता हूं कि क्या कहीं किसी नीति व समिति या फिर पाठ्यक्रम,पाठ्यपुस्तक में इनके भूगोल,इतिहास,संस्कृति,समाज के बारे में कोई मुकम्मल परिचय दिया जाता है। लेकिन बेहद निराशा ही मिलती है। कोई ...और पढ़ेपाठ्यपुस्तक कोई भी पाठ्यक्रम इनके भूगोल और मानचित्र से हमारी पहचान नहीं कराते। यही वजह है कि बच्चे समाज के तमाम वर्गों के लेगों, हमारे मददगार नाई, मोची, डाक्टर, मास्टर आदि के बारे में प्राथमिक कक्षाओं में परिचित हो जाते हैं, लेकिन हमारे ही समाज में जीने वाले किन्नरों के बारे में न तो कोई बात बताई जाती है और न ही जानकारी के तौर पर एक दो वाक्य खर्च किए जाते हैं। यह किस मानसिकता की ओर इशारा करता है इसे भी समझने की आवश्यकता है। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें तृतीयपंथी यानी किन्नरों की शिक्षा अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी kaushlendra prapanna फॉलो