Suresh Pande Saras Dabara ka kavy sangrah - 3 book and story is written by Ramgopal Bhavuk Gwaaliyar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Suresh Pande Saras Dabara ka kavy sangrah - 3 is also popular in Magazine in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 3
Ramgopal Bhavuk Gwaaliyar
द्वारा
हिंदी पत्रिका
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विवरण
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह 3 सरस प्रीत सुरेश पाण्डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं को छिन्न भिन्न देखकर कवि का हृदय कराह उठा। उसका भावुक मन पीड़ा से चीख उठा। वह उन पुरानी स्मृतियों को भुला नहीं पाया
श्री सुरेश पाण्डे सरस की कृति है। इस संग्रह की अधिकतर रचनायें (कवितायें) जिस धरती पर अंकुरित हुई हैं। उसे हम प्रेम की धरती कह सकते हैं यों भी कविता क...
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