Jaruri Tha - 2 book and story is written by Komal Mehta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jaruri Tha - 2 is also popular in Magazine in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जरूरी था - 2 Komal Mehta द्वारा हिंदी पत्रिका Writen by Komal Mehta Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जरूरी था तेरा गिरना भी,गिरके उठना भी,जिंदगी के मुकाम को ,हासिल करना भी।जब तुम टूट जाते हो पूरी तरह से , तभी तुम खुद को पा सकते हो,खुदको पाने की राह कभी भी आसान होती ही नहीं। दुख के बिना सुख नहीं आंसू के बिना हसी नई, कुछ खोए बिना कहा कुछ पा सका है इंसान।जब लगे टूट चुके हो तुम, तो ये करो।1. फूटी फूट कर रोना है रो लो मेरे यार।2.खुद को कुछ समय के लिए isolated कर दीजिए कोई दिक्कत नहीं है।3. अपने मन को अपने वश में कीजिए, अपने विचारों को।नियंत्रण कीजिए और खुद को अपना More Likes This जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) गलतफहमी - भाग 1 द्वारा Sonali Rawat बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने - 1 द्वारा S Sinha सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 3 द्वारा Ramgopal Bhavuk Gwaaliyar कोरोना काल में कविता से अलख जगाते मुक्तेश्वर द्वारा Mukteshwar Prasad Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी