यह कहानी "हिन्दी कविता प्रतियोगिता" पर आधारित है, जिसमें विभिन्न कविताएँ शामिल हैं। 1. **भारत**: कवि देश की वर्तमान स्थिति का चित्रण करते हैं, जहाँ भूख, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता की समस्याएँ हैं। वे भारत की आजादी की खोई हुई भावना को व्यक्त करते हैं और धन को ही पहचान मानते हैं। 2. **बालों का पतझर**: इस कविता में एक व्यक्ति अपने गिरते बालों की व्यथा को सुनाता है। वह बालों के गिरने को लेकर अपनी चिंताओं और हास्यप्रद स्थितियों का वर्णन करता है, जिसमें वह अपनी उम्र और समाज के मानकों से जूझता है। 3. **लोकतंत्र**: कवि अपने घर में लोकतंत्र की व्याख्या करते हैं, जहाँ परिवार के सदस्यों के बीच सत्ता का खेल चलता है। वे बच्चों की भूमिका और परिवार के बीच की हंसी-मजाक को दर्शाते हैं, जो लोकतंत्र की सकारात्मकता को उजागर करता है। 4. **आत्मन**: इस कविता में कवि अपने घरेलू जीवन और उसकी समस्याओं का जिक्र करते हैं, जिसमें रोजमर्रा की चीज़ों की जद्दोजहद को बयां किया गया है। कुल मिलाकर, ये कविताएँ समाज, परिवार और व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से गहरे विचार प्रस्तुत करती हैं। हिन्दी कविता प्रतियोगीता MB (Official) द्वारा हिंदी कविता 10.6k 4.2k Downloads 35.2k Views Writen by MB (Official) Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हिन्दी कविता प्रतियोगीता Matrubharti © COPYRIGHTS This book is copyrighted content of the concerned author as well as Matrubharti. Matrubharti has exclusive digital publishing rights of this book. Any illegal copies in physical or digital format are strictly prohibited. Matrubharti can challenge such illegal distribution / copies / usage in court. क्ंतेीपजं ैीीं कइऋेीीं2001/लींववण्बवउ द्य डण् 9824236684 भारत मेरे भारत की दशा देखो । पेट भूखाए नंगा तन देखो ।। चोरीए भ्रष्टाचार में डूबे । है विदेशो में तुम धन देखो ।। हर कही उजडी है आजादी । चोतरफ से उखडा मन देखो ।। भेडिये बसते है इंसा More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी