Mugal-a- azam book and story is written by Sushila Kumari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mugal-a- azam is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मुगल-ए-आजम Sushila Kumari द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 3 11.5k Downloads 15.3k Views Writen by Sushila Kumari Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जनमानस को गहराई तक प्रभावित करने वाली फिल्म मुगल-ए-आजम ने दषकों बीत जाने के बाद भी अपनी चमक नहीं खोयी है। आज जब सिनेमा निर्माण की एक से बढ़ कर एक टेक्नोलाॅजी का विकास हो चुका है दर्शकों के लिये यह फिल्म एक पहेली सरीखी लगती है। भारतीय सिनेमा के 100 साल पूरे होने के मौके पर ब्रिटेन में कराये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार मुगल-ए-आजम को हिन्दी सिनेमा की सर्वश्रेश्ठ कृति माना गया। सिनेमा प्रेमी आज भी इस फिल्म के निर्माण के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानने को उत्सुक रहते हैं और यह पुस्तक इस उत्सुकता को पूरा करने के उद्देश्य से लिखी गयी है। उम्मीद है कि मातृभारती के माध्यम से यह पुस्तक इंटरनेट और मोबाइल एप्स के जरिये दुनिया भर के सिने-प्रेमियों को उपलब्ध हो पायेगी। हमारे देश में फिल्म लेखन को गंभीरता से नहीं लिया जाता है, जबकि जनमानस पर जिन विषयों का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है उनमें सिनेमा अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में सिनेमा एवं उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में पाठकों को अवगत करना जरूरी हो जाता है। इस जरूरत के मद्देजनर यह पुस्तक लिखी गयी है। आज भले ही फिल्म निर्माण व्यवसाय में तब्दील हो गया है और फिल्में बनाने का एकमात्र लक्ष्य मुनाफा कमाना रह गया है, लेकिन एक समय था जब फिल्म निर्माण का उद्देश्य केवल मुनाफा नहीं था और उस समय की फिल्मों तथा फिल्मों से जुड़ी हस्तियों ने सामाजिक चेतना को सकारात्मक तरीके से प्रभावित किया। जनमानस पर जितना प्रभाव साहित्य और कला का रहा संभवतः उससे अधिक प्रभाव सिनेमा का पड़ा। भारतीय जनमानस को प्रभावित करने वाली कुछ चुनिंदा फिल्मों की अगर बात की जाये तो हर पहलू से मुगल-ए-आजम सिरमौर फिल्म साबित होगी। मुगल-ए-आजम को बनाने में लगभग दस साल लगे और इस पर डेढ़ करोड़ रूपये से अधिक खर्च हुये। जब यह फिल्म रिलीज हुयी तब इसने उस समय तक के सभी बाॅक्स आफिस रेकार्डों को ध्वस्त कर दिया और और 1975 में फिल्म शोले के रिलीज होने के समय तक सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म का कीर्तिमान कायम रखा। 2004 में इस फिल्म को रंगीन करके दोबारा रिलीज किया गया तो इसने फिल्म इतिहास में एक बार फिर कामयाबी का नया इतिहास रचा। More Likes This तेरी मेरी यारी - 5 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आखेट महल - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil कहानी फ्रेंडशिप की - 1 द्वारा Shahid Raza मीरा प्रेम का अर्थ - 3 - माधव की मीरा द्वारा sunita maurya द्वारावती - 41 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave तमस ज्योति - 1 द्वारा Dr. Pruthvi Gohel इंद्रप्रस्थ - 2 द्वारा Shakti अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी