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इंद्रप्रस्थ - 2
Shakti
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
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विवरण
परम पराक्रमी युधिष्ठिर नगरी के राजा बने। भीम मुख्य सेनापति बने। अर्जुन नकुल सहदेव मंत्री बने। युधिष्ठिर के राज्य में सब सुखी थे। अगल-बगल के गरीब लोग भी आकर युधिस्ठिर की नगरी में बस गये। वहां जाकर वे भी खुशहाल और सुखी हो गये। सभी चारों भाइयों ने युधिस्टिर को अपना राज्य बढ़ाने की सलाह दी। श्री कृष्ण का वरद हस्त इन पांचो भाइयों के सर पर था। युधिष्ठिर ने इंद्रप्रस्थ की कमान संभाली और चारों भाइयों को चारों दिशाओं को जीतने के लिए भेज दिया। कुछ दिनों में ही परमपराक्रमी इन चारों भाइयों ने सारे विश्व को जीत लिया।
राजकुमार अर्जुन इस समय अपना धनुष हाथ में लिए सजग मुद्रा में खड़ा था। अर्जुन को सूचना मिली थी कि खांडवप्रस्थ के इस भयंकर वन में रक्षा नाग दैत्य और डाकू...
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