जापान का माउंट फ़्यूजी एक महत्वपूर्ण लैंडमार्क है, जिसे देखकर लेखक संतोष श्रीवास्तव अपनी यादों में खो जाते हैं। उन्होंने जापानी कवि बोन्चो और रीटो की हाइकू कविताओं का जिक्र किया है, जो उनके विद्यार्थी जीवन में बसी हुई हैं। जापान की कला, जैसे बोन्साई, इकेबाना, और परंपरागत किमोनो, ने लेखक को प्रभावित किया है। लेखक ने जापान की भव्यता का अनुभव किया जब वे टोकियो के नरीता अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुँचे। उनकी यात्रा मुम्बई से बैंकॉक और फिर टोकियो तक की रही। बैंकॉक के हवाई अड्डे पर भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों से भरा वातावरण देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ। उनकी यात्रा में कुछ चुनौतियाँ भी आईं, जैसे कि एक साथी पत्रकार के पासपोर्ट में गलती। अंततः, वे टोकियो पहुँचे, जहाँ समय भारत से 3.5 घंटे आगे था। इस यात्रा के दौरान जापान की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक त्रासदियों का भी जिक्र किया गया है। सादो द्वीप की यात्रा Santosh Srivastav द्वारा हिंदी यात्रा विशेष 1.2k 2.6k Downloads 7.6k Views Writen by Santosh Srivastav Category यात्रा विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जापान की खूबसूरती ने मुझे हमेशा आकर्षित किया है । हाइकू कविताएँ,बोंसाई कला जिसमें विशाल जटाजूट धारी दरख्त बरगद तक पाँच छै: इन्च के गमले में अपने विशाल स्वरुप सहित सिमट आता है, इकेबाना यानी सूखे फूलों, टहनियों से गुलदस्ते में की सजावट, किमोनो और किमोनो के संग छोटा सा गोल पंखा और लकड़ी के ऊँचे तले के जूते पहने जापानी बाला और जीवित ज्वालामुखी माउन्ट फ़्यूजी जिसे देख देख कर और जिसकी सुन्दरता में गोता लगाते हुए जापानी कवियों ने कविताएँ रचीं... ये सब वजहें हैं जो मैं जापान को अपनी स्मृतियों में ताज़ा किये हूँ जापान विशाल को लघु करने की कला जानता है हाइकू कविताएँ भी तीन या अधिक से अधिक चार पंक्तियों की होती है और मन को भीतर तक सम्मोहित कर जाती हैं लेकिन जापान एक वजह से और मन को चीर चुका है और वह है बीसवीं सदी की भयंकरतम त्रासदी जब आज से पैंसठ वर्ष पूर्व हिरोशिमा, नागासाकी पर परमाणु बम गिराया गया था और समय थम कर रह गया था, मानवता रो पड़ी थी और रूद्र काँप उठे थे More Likes This अकेली दुनिया - 1 द्वारा prashant raghav कांचा - भाग 2 द्वारा Raj Phulware अंतरा - भाग 1 द्वारा Raj Phulware संस्कृति का पथिक - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सत्रह बरस की तन्हा कहानी - 1 द्वारा yafshu love कलकत्ता यात्रा (प्रथम संस्मरण ) द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी वक़्त की क़ैद: ऐत-बेनहद्दू की दीवारों में जो दबा है - 1 द्वारा Tiths Empire अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी