Me and my feelings - 113 book and story is written by Darshita Babubhai Shah in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Me and my feelings - 113 is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
में और मेरे अहसास - 113
Darshita Babubhai Shah
द्वारा
हिंदी कविता
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विवरण
जीवन के कोरे काग़ज़ को पढ़ सको तो पढ़ो l चंद लम्हों की मीठी यादे भर सको तो भरो ll घटों लगाएं हुए हैं सजने सवरने में साजना l खूबसूरती की तारीफ़ कर सको तो करो ll कोई किसी के संग उम्र भर साथ नहीं रहता l खुद पर खुद की तरह मिट सको तो मिटो ll बहुत कठिन है किसी को अपना बनाना तो l खुद की परछाईं को जित सको तो जितो ll दुनिया को जिस बेश में चाहिये उस तरह l आज दिखावे के लिए दिख सको तो दिखो ll अब कभी
में और मेरे अहसास भाग-१ *** ईश्क में तेरे जोगन बन गई lआज राधा जोगन बन गई ll *** गरघर कीदीवार केकर्णहोतेकोई घरखड़ाना होता ll *** काटे नहीं कटता एक पल यह...
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