Ret hote Rishtey - 3 book and story is written by Prabodh Kumar Govil in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ret hote Rishtey - 3 is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रेत होते रिश्ते - भाग 3
Prabodh Kumar Govil
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
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विवरण
मैं नहा-धोकर जब कमरे में आया तो यह देखकर आश्चर्यचकित रह गया कि शाबान इत्मीनान से बैठा हुआ अखबार पढ़ रहा है। मेरे आने के बाद भी वह उसी तरह बैठा रहा। न उठा और न कुछ बोला। मैंने झुंझलाकर घड़ी देखते हुए कहा— ‘‘शाबान, साढ़े आठ बजे हैं और आधा घंटे में हम निकलेंगे। तुम तैयार तो हो जाओ। देर हो जायेगी।’’ शाबान ने मेरी ओर देखा तक नहीं। वह बैठा हुआ उसी तरह अखबार पढ़ता रहा। फिर लापरवाही से बोला—‘‘आप जाइये, मैं नहीं जाऊँगा।’’ ‘‘मगर क्यों?’’ मुझे आश्चर्य हुआ। मैंने कहा—‘‘वहाँ अरमान तुम्हारी राह देख रहा होगा, तुम
एकरात के दो बजे थे, लेकिन कमरे की बत्ती जली हुई थी। मँुह से चादर हटाकर मैंने देखा तो अवाक् रह गया। शाबान रो रहा था। मैंने उठकर घड़ी एक बार फिर देखी और...
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