GULKAND - 3 book and story is written by श्रुत कीर्ति अग्रवाल in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. GULKAND - 3 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गुलकंद - पार्ट 3 श्रुत कीर्ति अग्रवाल द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2k Downloads 5k Views Writen by श्रुत कीर्ति अग्रवाल Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गुलकंद - 3 - काकाजी के व्यक्तित्व ने उसे सदैव प्रभावित किया था! हँसते-मुस्कुराते, मीठी बातें करते काकाजी के सामने उसे अपने पिता का स्वभाव कभी अच्छा ही नहीं लगा। पर प्रभावित होने के बावजूद वह काकाजी को बस थोड़ा दूर-दूर से ही देखते रहने को मजबूर था कि उनके व्यवहार की पता नहीं कौन सी एक शुष्कता उसे उनके करीब जाने से, उनके सामने कुछ बोल पाने से रोक दिया करती थी। बाद में जब से नये मास्टर जी गाँव में आए, वह उनका ही मुरीद बन गया। वैसे उसके गाँव में उस समय पढ़ाई-लिखाई का कोई माहौल नहीं Novels गुलकंद मैं, एक लेखिका, श्रुत कीर्ति अग्रवाल, आज पहली बार आपके साथ अपनी रचनाओं के माध्यम से नहीं, स्वयं अपने-आप को माध्यम बना आपके समक्ष हूँ। अभी तक मुझे लगता... More Likes This देवर्षि नारद की महान गाथाएं - 1 द्वारा Anshu पवित्र बहु - 1 द्वारा archana ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी