मेरी दूसरी मोहब्बत - 3 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें मेरी दूसरी मोहब्बत - 3 मेरी दूसरी मोहब्बत - 3 Author Pawan Singh द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 3.7k 4.9k Part 3- Pehli Koshish रात का समय है। पवन इधर- उधर देखता है। क्या करूँ? ओह वो रही, इसकी इस समय सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। एक लम्बी मोटी लम्बी रस्सी.... जिसे देखकर पवन की आँखों में चमक आ जाती ...और पढ़ेअब तो आव देखा न ताव तुरन्त पवन रस्सी को उठाकर दबे पाँव कमरे की खिड़की से रस्सी को लटकाता है। अचानक से अवनि के पिताजी करवट लेते हैं, पवन तुरन्त दीवार के पीछे छिप जाता है। जैसे- तैसे करके डरते डराते रस्सी की मदद से वह खिड़की से नीचे आ ही जाता है। उसके पास कोई सामान नहीं होता कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मेरी दूसरी मोहब्बत - 3 मेरी दूसरी मोहब्बत - उपन्यास Author Pawan Singh द्वारा हिंदी - प्रेम कथाएँ (96) 83.5k 130.9k Free Novels by Author Pawan Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Author Pawan Singh फॉलो