हज़ार चौरासी की माँ - भाग 5 - अंतिम भाग Mallika Mukherjee द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें नाटक किताबें हज़ार चौरासी की माँ - भाग 5 - अंतिम भाग हज़ार चौरासी की माँ - भाग 5 - अंतिम भाग Mallika Mukherjee द्वारा हिंदी नाटक 1.3k 3.7k नाटक ‘हज़ार चौरासी की माँ’ मूल बांग्ला उपन्यास - महाश्वेता देवी बांग्ला नाट्य रूपांतर - शांति चट्टोपाध्याय हिन्दी नाट्य अनुवाद - मल्लिका मुखर्जी दृश्य 5 नन्दिनी: (दरवाज़ा खोलते हुए) आप? सुजाता: मैं व्रती की माँ हूँ। नन्दिनी: ...और पढ़ेआइए...बैठिए। सुजाता: थोड़ा पानी मिलेगा? सिर में असहय दर्द हो रहा है.... एक टेब्लेट लेनी पड़ेगी। नन्दिनी: (ग्लास में पानी भरकर उन्हें देती है।) लीजिए। (सुजाता पर्स में से दवाई निकालकर पानी के साथ लेती है।) सुजाता : बताओ नन्दिनी, तुमने मुझे कैसे याद किया? नन्दिनी: क्योंकि आप व्रती माँ हैं। मेरे लिए आपसे परिचित होना ज़रूरी है। क्या कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें हज़ार चौरासी की माँ - भाग 5 - अंतिम भाग हज़ार चौरासी की माँ - उपन्यास Mallika Mukherjee द्वारा हिंदी - नाटक 7.9k 21.6k Free Novels by Mallika Mukherjee अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Mallika Mukherjee फॉलो