में और मेरे अहसास - 54 Darshita Babubhai Shah द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें में और मेरे अहसास - 54 में और मेरे अहसास - 54 Darshita Babubhai Shah द्वारा हिंदी कविता 237 684 आश टूट रहीं हैं ख्वाइशों की lसाजिश हैं आझमाईशो की ll बड़ी मुद्दतों के बाद मिले है तो lलंबी सूची है फ़रमाइशों की ll रेत सा तपिश हो गया है दिल मेरा lइंतज़ार हैं प्यार की बारिशों की ll ...और पढ़ेमें बेड़ियाँ बंदिशों कीं lक्यूँ परवाह करे नालिशों की? कुछ खटक रहा है महफिल में lथोड़ी सी कमी है आराइशों की ll३-५-२०२२ नालिशों -फ़रियादोंआराइशों – सजावटों ************************************ आज नामा उनका आएगा lआखों मे सैलाब लाएगा ll दास्ताने मुहब्बत पढ़कर lदिल चैन सुकून खोएगा ll अह्सास ए कशमकश से lजाने कब आराम पाएगा? बेआरामी का नामा लेकर lकसीदा वापस कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें में और मेरे अहसास - 54 में और मेरे अहसास - उपन्यास Darshita Babubhai Shah द्वारा हिंदी - कविता (317) 59.7k 255.2k Free Novels by Darshita Babubhai Shah अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Darshita Babubhai Shah फॉलो