में और मेरे अहसास - 49 Darshita Babubhai Shah द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें में और मेरे अहसास - 49 में और मेरे अहसास - 49 Darshita Babubhai Shah द्वारा हिंदी कविता 636 1.8k चलो एक बार फिर से बचपन में चले जाते हैं lहर पल हर लम्हा चैन ओ सुकून की साँस पाते हैं ll ******************************** जिंदगी रुक गई साँसें चलतीं रहीं lउम्मीदों के धागे से सिलती रहीं ll रोज रोज ...और पढ़ेनिकलती रहीं lयूही रात भर शमा पिघलती रहीं ll देख दुनिता दिल की जलती रहीं llदर्द से तरबतर फिर भी पलती रहीं ll ******************************** गीत किसी और का लिखा गाऊं कैसे?बसंत मे ख़ुद के मन को हरषाउं कैसे? ******************************** कम नहीं अहसान कद्रदानों के देख lहै निशाने पर हम कमानो को देख ll सामना कर रहे हैं, वार कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें में और मेरे अहसास - 49 में और मेरे अहसास - उपन्यास Darshita Babubhai Shah द्वारा हिंदी - कविता (317) 59.7k 255.2k Free Novels by Darshita Babubhai Shah अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Darshita Babubhai Shah फॉलो