मुझसें अपेक्षायें रखने की योग्यता क्या हैं? Rudra S. Sharma द्वारा पत्र में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें पत्र किताबें मुझसें अपेक्षायें रखने की योग्यता क्या हैं? मुझसें अपेक्षायें रखने की योग्यता क्या हैं? Rudra S. Sharma द्वारा हिंदी पत्र 936 3.2k ■ मैं संसार से पूर्णतः विरक्ति के पश्चात भी सांसारिक क्यों और कैसे हूँ?मैं संसार से पूर्णतः विरक्त हूँ यानी सत्य या वास्तविकता के महत्व से पूर्णतः भिज्ञ हूँ परंतु अज्ञान यानी कि संसार के भी महत्व को ज्ञान ...और पढ़ेके भी पश्चात भूला नहीं हूँ यही कारण हैं कि अन्य से समय, स्थान और उचितता के अनुकूल होने पर यानी सत्य को असत्य की आवश्यकता होने पर दूसरों से इच्छा करता हूँ; यही हैं जो मुझें संसार से मुक्ति के पश्चात भी उससे दूर नहीं जाने देता। जो केवल सांसारिक हैं; वह संसार में हैं क्योंकि वह सांसारिक बंधन कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मुझसें अपेक्षायें रखने की योग्यता क्या हैं? अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Rudra S. Sharma फॉलो