विसर्जन - 2 Sarvesh Saxena द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेरक कथा किताबें विसर्जन - 2 विसर्जन - 2 Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 615 1.8k इस पर गौरव ने उस छोटी मूर्ति की तरफ देखा तो बोला “ लेकिन बेटा.. वह तो बहुत छोटी मूर्ति है और दिखने में भी इतनी अच्छी नहीं लग रही, हम ये सुन्दर और बडे वाले गणपति ले ...और पढ़े। इतने में दुकानदार बोला “ अरे बेटा देखो... सब इन गणपति को देखकर खुश हो जाएंगे और कहेंगे इतनी बड़ी और इतनी सुंदर मूर्ति वाह....वो वाली तो छोटी सी मूर्ति है और वह भी मिट्टी की, इसकी कोई तारीफ नहीं करेगा और फेसबूक और व्हाट्सप पर कोई लाइक भी नही करेगा ” । दोनों ने टीटू को बहुत मनाया पर टीटू फिर कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विसर्जन - 2 विसर्जन - उपन्यास Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी - प्रेरक कथा (16) 3.4k 11.8k Free Novels by Sarvesh Saxena अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Sarvesh Saxena फॉलो