Kaisa ye ishq hai - 67 book and story is written by Apoorva Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kaisa ye ishq hai - 67 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कैसा ये इश्क़ है.... - (67)
Apoorva Singh
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
Four Stars
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विवरण
शान की आँखे भर आती है वो वहीं बैठ जाते है बस एकटक क्लिफ के एंड की ओर देखते है इसी उम्मीद से शायद उसकी पगली उसे आवाज दे।अर्पिता प्लीज लौट आओ ...! देखो तुम्हे लिए बिन मैं घर नही जाऊंगा।जानती हो न कितना जिद्दी हूँ मैं।अर्पिता..!बड़बड़ाते हुए वो वहीं बैठे होते है कि उनकी नजर अर्पिता की पायल पर पड़ती है।वो उसे उठा लेते है। शान उससे बातें करने लगते है।अर्पिता तुमने वादा किया था कि शान कि अर्पिता अपनी सांसे छोड़ सकती है लेकिन शान को नही।वो तुमने इसीलिए किया था ताकि तुम ये बेवकूफी कर सको।कोई और
लखनऊ नवाबों की नगरी है मियां यहाँ के जर्रे जर्रे मे तहजीब और नजाकत बसी हुई है।यहाँ की तहजीब के किस्से इतने सुनाये जाते है तो सोचिये जनाब तहजीब और नज...
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