Tishnagee book and story is written by Abdul Gaffar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tishnagee is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. तिश्नगी Abdul Gaffar द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 6 1.7k Downloads 6.2k Views Writen by Abdul Gaffar Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तिश्नगी (कहानी) लेखक - अब्दुल ग़फ़्फ़ार __________________1980 के दशक में गौना के बाद मायके से जब दुल्हन की दूसरी बिदाई होती थी तो उसे हमारे यहां दोंगा बोला जाता था। तब सीधे शादी के बाद दुल्हन ससुराल में नही बसती थी। बियाह के बाद गौना और गौना के बाद दोंगा। मतलब धीरे-धीरे लड़कियां, बेटी से बहू के रूप में तब्दील होती थीं। दोंगा के बाद मैं पहली बार ससुराल गया था। आज ससुराल में मेरा तीसरा दिन था। मेरी बीवी निलोफ़र दिन भर अपने मायके वालों में मसरूफ़ रहती। शर्म व हया के चलते जानबूझकर वो मेरे पास आने से कतराती थी।कल शाम More Likes This मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी