jhanjhavaat me chidiya - 9 book and story is written by Prabodh Kumar Govil in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. jhanjhavaat me chidiya - 9 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
झंझावात में चिड़िया - 9
Prabodh Kumar Govil
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
Five Stars
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विवरण
सांसद अभिनेता गोविंदा ने एक बार एक तहरीर करते हुए कहा कि श्रद्धा में तो शक्ति होती ही है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि शक्ति में भी श्रद्धा हो सकती है। ये परिहास उन्होंने जिस फिल्मी माहौल में किया वहां श्रद्धा कपूर भी उपस्थित थीं और उनके पिता शक्ति कपूर भी। ये मिसाल इस लिए याद आती है कि दीपक से प्रकाश होना तो स्वाभाविक ही है किंतु प्रकाश से दीपिका का उदय होना भी कोई अनहोनी नहीं है। और अगर प्रकाश की चमक उज्ज्वला हो तो फ़िर दीपिका के ग्लैमर की कोई सीमा ही नहीं, इसका उजाला ज़रूर
गोरा - चिट्टा, गोल - मटोल, आंखों से मुस्कराता सा खड़ा था।
पड़ोस की कोठी में काम करने वाली बूढ़ी औरत बोल पड़ी - काला टीका दे दो माथे पर!
- अरे नहीं -...
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