Laxmi ka Grihpravesh book and story is written by MANJRI SHARMA in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Laxmi ka Grihpravesh is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. लक्ष्मी का गृहप्रवेश... मंजरी शर्मा द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 3 2.1k Downloads 6.8k Views Writen by मंजरी शर्मा Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अरे!! आप... आप लक्ष्मी जी हैं ना..." रमाकांत ने आँखों पर चश्मा लगाते हुए कहा."जी; लेकिन आप कौन? माफ़ कीजियेगा, मैंने आप को पहचाना नहीं." लक्ष्मी ने आश्चर्य से पूछा."मैं; मैं; रमाकांत. नंदकिशोर का पिता." रमाकांत ने कहा."नंदू!! नंदू कैसा है? वो कहाँ है? आपके साथ आया है? लेकिन, आप इस अस्तपताल में क्यों?" लक्ष्मी के चेहरे पर ख़ुशी और हैरानी के भाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे."अरे, अरे, ज़रा सांस तो ले लो. तुम भी तो यहाँ..." तभी नर्स ने लक्ष्मी जी का नाम पुकारा."लगता है मेरा नंबर आ गया; आप थोड़ी देर यहीं इंतज़ार कीजिये, मैं अभी आती More Likes This मंजिले - भाग 9 द्वारा Neeraj Sharma ज्वार या भाटा - भाग 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz तेरी मेरी यारी - 5 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आखेट महल - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil कहानी फ्रेंडशिप की - 1 द्वारा Shahid Raza मीरा प्रेम का अर्थ - 3 - माधव की मीरा द्वारा sunita maurya द्वारावती - 41 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी