મારા કાવ્ય - 2 Nikita panchal द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

Mara Kavya द्वारा  Nikita panchal in Hindi Novels
1.तड़पतेरे इश्क ने ये हालत कैसी कर दी मेरी ये जालिम।दरबदर भटकते रहेते हम तुम्हें भूलने को रात दिन।हम तो मयखाने में भी जाते है तुम्हे भुलाने के लिए।कमब...

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