मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन - 6 बेदराम प्रजापति "मनमस्त" द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन - 6 मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन - 6 बेदराम प्रजापति "मनमस्त" द्वारा हिंदी कविता 729 3.7k मैं भारत बोल रहा हूं 6 (काव्य संकलन) वेदराम प्रजापति‘ मनमस्त’ ...और पढ़े 19.गीतः- यतन येसे करो प्यारे यतन येसे करो प्यारे, सभी साक्षर जो हो जाये। धन्य जीवन तभी होगा, निरक्षरता मिटा पाये।। अनेकों पीढ़ियाँ वीती, जियत दासत्व का जीवन। बने साक्षर हमी में कुछ, गुलामी तब भगा पाये।। अभी आजाद हो कर भी, निरक्षरता गुलामी है। यहीं अफसोस हैं प्यारे, इसे कब दूर कर पायें।। प्रशिक्षण हैं इसी क्रम में, चलें हम कर कलम लेकर रहेगा नहिं अंधेरा अब, जो साक्षर रवि- कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन - 6 मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन - उपन्यास बेदराम प्रजापति "मनमस्त" द्वारा हिंदी - कविता (53) 14.9k 73.9k Free Novels by बेदराम प्रजापति "मनमस्त" अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी बेदराम प्रजापति "मनमस्त" फॉलो