Durgesh ji's poetry collection book and story is written by Durgesh Tiwari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Durgesh ji's poetry collection is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. दुर्गेश जी का काव्य संग्रह Durgesh Tiwari द्वारा हिंदी कविता 12 2k Downloads 10.8k Views Writen by Durgesh Tiwari Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण (गाथा बुढ़िया माई का)चली आ रही बारात एक ओर,जिसमें लोगो की भीड़ जोड़ एक ओर।नाच रहा जोकर जोड़-२ एक ओर,थोड़ी देर में मची शोर जोड़ एक ओर।।बन्द करो बाजा जोड़-थॉर एक ओर,रास्ता अभी है डोर-२ एक ओर।रास्ते मे आयों पुल थोड़ एक ओर,उस पर बैठी बुढ़िया देख एक ओर।।कोई कहा जोड़-२,अरे देख बुढ़िया एक ओर।मुह खुलयो थोड़-२,लोगो ने कहा जोड़-2।बारात चली एक ओर,बुढ़िया ने कहा होड़-२।लोगो ने कहा कोड़-२,व्यंग हुआ दांत खोड़।चलो बाराती एक ओर।।बारात चली एक ओर,लोग भी दौड़े जोड़-तोड़।जोकर रुका उसी कोर,नाचा जोकर जोड़-तोड़ उसी ओर।बुढ़िया हसी जोड़-२ उसी ओर,मुड़ा जोकर पीछे की ओर।बुढ़िया- More Likes This मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER हाल ए दिल द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी