पसंद अपनी अपनी - 3 Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें पसंद अपनी अपनी - 3 Pasand apni apni - 3 book and story is written by किशनलाल शर्मा in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pasand apni apni - 3 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पसंद अपनी अपनी - 3 Kishanlal Sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (11) 3.6k 12.2k मै देखती हूं ।विमला पलंग से उठते हुए बोली।माँ के उठते ही वह पलंग पर लेट गई।वह अपनी सहेली निशा के घर गई थी।धूप और गर्मी की वजह से परेशान हो गई थी।विमला कुछ देर बाद ही कमरे में ...और पढ़ेआयी तो उसने पूछा था, क्या हुआ मम्मी? मैने तेरे पापा को भेजा है। मम्मी आप भी----आप जानती है।पापा भोले भंडारी है।उस लफंगे से कुछ नही कह पाएंगे।आपको खुद जाकर उस लफंगे की खबर लेनी चाहिए थी। अनजान आदमी से औरत का उलझना सही नही है ।विमला ने बेटी को समझाया था। अजी सुनती हो ।माँ बेटी बातें कर रही थी।तभी रामलाल की आवाज सुनाई पडी थी, जरा पानी कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें पसंद अपनी अपनी - 3 पसंद अपनी अपनी - उपन्यास Kishanlal Sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (16) 9.9k 30.8k Free Novels by Kishanlal Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी