दास्ताँ ए दर्द ! - 14 Pranava Bharti द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें दास्ताँ ए दर्द ! - 14 दास्ताँ ए दर्द ! - 14 Pranava Bharti द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1.3k 3.2k दास्ताँ ए दर्द ! 14 इस बार प्रज्ञा अपने मन पर एक ऐसा बोझ लेकर लौटी जिसको उतारना उसके लिए बेहद ज़रूरी था | वह दिन-रात असहज रहने लगी थी | एक ऎसी बीमारी से ग्रसित ...और पढ़ेजिसका कोई अता-पता न था फिर भी भीतर से वह उसे खाए जा रही थी | सत्ती कभी भी उसे झंझोड़ देती और वह चौंककर, धड़कते हुए हृदय से उसके साथ हो लेती | सत्ती रातों को उसे जगाकर जैसे झंझोड़ डालती और जैसे उससे पूछती --बस, हो गया शौक पूरा ? जीवन में अनजाने, अनचाहे ऐसे मोड़ आ जाते हैं जो मनुष्य को सहज तो कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें दास्ताँ ए दर्द ! - 14 दास्ताँ ए दर्द ! - उपन्यास Pranava Bharti द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (66) 28.8k 75.7k Free Novels by Pranava Bharti अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Pranava Bharti फॉलो