कहानी "कमीना तू, कमीनी मैं" एक जटिल रिश्ते की कहानी है जिसमें मुख्य पात्र रोशनी और सुधीर के बीच की भावनात्मक उथल-पुथल को दर्शाया गया है। रोशनी एक समाचार से प्रभावित होकर सुधीर से यह सवाल करती है कि क्या वह भी दस साल बाद किसी पर आरोप लगा सकती है। सुधीर की प्रतिक्रिया में झल्लाहट और चुप्पी है, जो उनके रिश्ते की स्थिति को दर्शाती है। रोशनी के अंदर एक अजीब सी बेचैनी और गुस्सा है, और वह सुधीर के प्रति आक्रामक भावनाएं व्यक्त करती है। उनके रिश्ते में कुछ समय पहले तक मधुरता थी, लेकिन अब वे समझते हैं कि उनका साथ आगे नहीं बढ़ सकता। दोनों का रिश्ता खत्म होने की ओर बढ़ रहा है, और रोशनी को यह महसूस हो रहा है कि वह अपने जंगलीपन की ओर बढ़ रही है। जब रोशनी सुधीर से पूछती है कि क्या वह डर गया है, तो सुधीर की प्रतिक्रिया उसे परेशान और बेजार लगती है। वह रोशनी को यह समझाने की कोशिश करता है कि वह इस तरह का व्यवहार क्यों कर रही है, और उसे लगता है कि रोशनी का यह कदम बेकार है। रोशनी की ढीठता और सुधीर की निराशा इस रिश्ते के अंत को और भी स्पष्ट करती है। कहानी इस बात पर ध्यान केंद्रित करती है कि कैसे एक रिश्ते में समय बिताने और जिम्मेदारियों के बावजूद, कभी-कभी चीजें खत्म हो जाती हैं और भावनाएं जटिल हो जाती हैं। कमीना तू, कमीनी मैं Jayanti Ranganathan द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 16 4.2k Downloads 18.1k Views Writen by Jayanti Ranganathan Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘आज का न्यूज पेपर देखा? पहले पेज पर खबर थी। दस साल बाद कॉलेज की एक लेक्चरार ने अपने कलीग पर रेप का चार्ज लगाया है। दोनों लिवइन रहते थे। मजे की बात है कि वो जेल भी पहुंच गया है। वो भी दस साल बाद...क्या मैं ऐसा कर सकती हूं? बोलो? कर डालूं क्या? ’ सुधीर के चेहरे पर झल्लाहट थी या कोफ्त...उसने जवाब नहीं दिया। बस रुक-रुक कर बियर की चुस्कियां लेता रहा। धीरे-धीरे मुझे लगने लगा कि मेरे शरीर में अजीब झनझनाहट होने लगी है। पहले पैग का नशा नहीं हो सकता। पता नहीं क्यों मन कर रहा है कि सुधीर के सामने अंड-बंड बकती रहूं। गालियां निकालूं। उसे भला-बुरा कहूं, चिल्लाऊं, जोर-जोर से, बाल खोल कर, आंखें निकाल कर वहशियों की तरह। मुक्के से मारूं। बाल पकड़ कर खींचूं। हाथ के नाखून उसे गालों में घुसा दूं। सिर के बाल नोच लूं। मुंह में वोत्का भर कर गरारे करते हुए उसके ऊपर आक... More Likes This वो जो मेरा था - 1 द्वारा Neetu Suthar Rebirth in Novel Villanes - 1 द्वारा Aaliya khan अनजानी कहानी - 1 द्वारा surya Bandaru इश्क़ - 1 द्वारा Anki अनदेखा प्यार - 2 द्वारा Mehul Pasaya इम्तेहान-ए-इश्क़ या यूपीएससी - सारांश द्वारा Luqman Gangohi पहली तस्वीर, पहला सपना - भाग 1 द्वारा Dimpal Limbachiya अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी